![Under-17 भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम उरांव के गुमला के गोर्राटोली गांव में खुशी, देखें Pics 1 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-10/f83f9c7d-b6e8-430f-a969-071f731464e6/Asthma_Mother_Father.jpg)
फीफा वर्ल्ड कप अंडर-17 (Fifa World Cup Under-17) भारतीय महिला फुटबॉल टीम (Indian Women’s Football Team) की कप्तान अष्टम उरांव (Astham Oraon) के गांव में खुशी है. खुशी का इजहार लोगों ने मंगलवार को उस समय किया जब प्रशासनिक अधिकारी और मीडियाकर्मी गांव पहुंचे. गांव वालों ने कहा कि हमारी बेटी इंडिया टीम की कप्तान है. यह हमारे लिए गर्व की बात है. मंगलवार को जिला खेल पदाधिकारी हेमलता बून, बीडीओ छंदा भटटाचार्य, थानेदार सदानंद सिंह, सांसद प्रतिनिधि भोला चौधरी, मुखिया बसनू उरांव, प्रदीप उरांव, खेल संयोजक कृष्णा उरांव गांव पहुंचे. प्रशासन ने पहले टीवी उपलब्ध कराया. इसके बाद मिस्त्री के माध्यम से टीवी का कनेक्शन जोड़ा गया. जैसे ही टीवी चालू हुआ. परिवार के लोग खुश दिखे.
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वहीं, अष्टम के घर में लगातार लोगों का आवागमन जारी है. रांची से लेकर गुमला तक कई लोग अष्टम के घर पहुंचे. बैठने की व्यवस्था नहीं है. इसके लिए बिशुनपुर थानेदार सदानंद सिंह ने 15 पीस कुर्सी अपने खर्च पर उपलब्ध कराये. मौके पर सांसद प्रतिनिधि भोला चौधरी ने कहा कि कीचड़ में ही कमल फूल खिलता है. यह कहावता गोर्राटोली गांव की बेटी अष्टम उरांव ने साबित कर दिया. एक समय इस क्षेत्र से नक्सलियों का आना-जाना होता था. पुलिस की नजर गांव पर रहती थी. लेकिन, अष्टम ने जिस प्रकार खेल से गांव की छवि को बदली है. यह अपने आप में मिसाल है.
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सांसद सुदर्शन भगत को जैसे ही पता चला कि अष्टम के घर में टीवी नहीं है. उन्होंने विशेष तौर पर मुझे गांव भेजकर हालात जानने के लिए कहा. जिसके बाद मैं यहां आया. यहां आने के बाद मुझे खुशी हुई. प्रशासन ने अष्टम के घर टीवी की व्यवस्था कर दिया है. गांव का विकास भी हो रहा है. सांसद को गांव की अन्य समस्याओं से अवगत कराते हुए उन समस्याओं को दूर करने की पहल करेंगे. खेल संयोजक कृष्णा उरांव ने कहा कि अष्टम उरांव का कप्तान बनना हमारे जिले व इस गोर्राटोली गांव के लिए गर्व की बात है.
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अष्टम उरांव व उसकी बहनों ने फुटबॉल खेल में कई मेडल जीती. इसका साक्षी अष्टम उरांव के घर की दीवारें हैं. घर की दीवार पर अनगिनत मेडल टंगी हुई है, जो यह बताने के लिए काफी है कि अष्टम उरांव फुटबॉल खेल में बहुत आगे तक जायेगी.
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पिता गोरेलाल उरांव और मां तारा देवी ने कहा कि बेटी अष्टम ने कहा है कि हमारे पास जो है. वह काफी है. परंतु, हमलोगों की इच्छा है. हमारा कच्ची मिटटी का घर पक्का हो जाये. क्योंकि बरसात में रहने में परेशानी होती है. घर में पक्का शौचालय की भी जरूरत है. साथ ही घर के चारों तरफ चारदीवारी हो. क्योंकि घर में बेटियां हैं. चारदीवारी नहीं रहने से परेशानी होती है.
रिपोर्ट : बसंत साहू, बिशुनपुर, गुमला.