केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) द्वारा शनिवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में भव्य आदि महोत्सव का शुभारंभ किया गया. महोत्सव का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद विद्युत वरण महतो, टाटा स्टील के उपाध्यक्ष(कॉरपोरेट मामले) चाणक्य चौधरी, विधायक जमशेदपुर पूर्वी सरयू राय, एमडी ट्राइफेड गीतांजलि गुप्ता, जमशेदपुर उपविकास आयुक्त मनीष कुमार, जमशेदपुर एसपी ग्रामीण ऋषभ गर्ग की उपस्थिति में हुआ. समारोह में मीरा मुंडा समेत अन्य उपस्थित थे.
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है. यह हमारे आदिवासी पूर्वजों, विभिन्न अद्वितीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है. जमशेदपुर में आयोजित यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित लगभग 336 जनजातीय कारीगरों और कलाकारों की मेजबानी कर रहा है.
आदि महोत्सव में झारखंड के 30 कारीगरों के स्टॉल, लगभग 11 वीडीवीके के स्टॉल और 5 व्यंजन स्टॉल शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में 15 व्यंजन स्टॉलों सहित अन्य राज्यों के 68 कारीगरों के स्टालों का प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें कपड़ा, पेंटिंग, आभूषण, धातु, बेंत और बांस और व्यंजन जैसी विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा.
देश के कोने-कोने से आए आदिवासी भाई-बहनों के संगीत, कला, चित्रकला और व्यंजनों के अलावा, आदि महोत्सव कारीगरों से मिलने, उनके जीवन जीने के तरीके के बारे में जानने और जनजातीय संस्कृति व परंपराओं से रूबरू होने का यह अवसर है. यह आदि महोत्सव “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की अनुभूति को पूर्ण करता है. 16 अक्टूबर तक इस आदि महोत्सव में हमारे झारखंड के लोग जनजातीय रंग में रंगने वाले हैं. सभी की जिज्ञासा एवं समर्थन से सभी कलाकारों को उत्साह मिलेगा. उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आइये इन 10 दिनों को यादगार बना दें, आपके लिए भी और इनके लिए भी
आदिवासी उद्यमिता, शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का वार्षिक उत्सव, आदि महोत्सव, देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है. इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 आदिवासी कारीगरों और कलाकारों की प्रतिभा को उजागर करेगा.