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खादी मेला की अनोखी तस्वीरें : बच्चे को गोद में लेकर रैंप पर उतरी माॅडल, दिव्यांगों ने भी बिखेरा जलवा

राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में चल रहे खादी मेला में अनोखी तस्वीरें देखने को मिली. खादी के प्रीमियम फैब्रिक और इन हाउस डिजाइन को पहने मॉडल्स ने रैंप में जलवा बिखेरा. इस रैंप का आकर्षण गोद में बच्चा लिए मां, दिव्यांग और बच्चे रहे.

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रैंप पर बिखेरे जलवा

राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में चल रहे राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव में खादी के वस्त्रों में ट्रेडिशन के साथ फैशन भी दिखा. वहीं, खादी के प्रीमियम फैब्रिक और इन हाउस डिजाइन को पहने मॉडल्स ने रैंप में जलवा बिखेरा. सबसे आकर्षण का केंद्र अपने बच्चे के साथ रैंप वाक कर रही मां और दिव्यांग बच्चे बने. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने, बेचने योग्य सामग्री प्रदान करने या लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और एक सुदृढ़ ग्रामीण सामाजिक भावना का निर्माण करने के उद्देश्य से खादी एवं सरस महोत्सव का आयोजन हुआ. आठ जनवरी, 2023 तक आयोजित इस महोत्सव के द्वारा लोगों को खादी के प्रति एक नई विचारधारा देने के लिए खादी बोर्ड के इन हाउस डिजाइन और फैब्रिक को लोगों के सामने फैशन शो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. जिसमें चांडिल की तसर सिल्क साड़ी, हरिहरगंज का शर्ट, खादी की बंडी और खादी के ऊनी वस्त्र का प्रदर्शन हुआ. साथ ही डोकरा और टेराकोटा ज्वेलरी पहने स्थानीय 30 मॉडलों ने रैंप पर अपना जलवा बिखेरा. इन मॉडलों के साथ किड्स वेयर पहने बच्चों ने भी खादी के कंफर्ट को बखूबी रैंप शो के माध्यम से अपने अनोखे अंदाज में प्रदर्शित किया. वहीं, खादी के वस्त्रों से सुशोभित होकर एक मां ने अपने बच्चे को गोद में लेकर रैंप वॉक करते दिखी. इसके अलावा रैंप पर दिव्यांग बच्चे ने खादी की एक नई परिभाषा गढ़ी.

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खादी के वस्त्रों में ट्रडिशन के साथ फैशन भी

खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सीईओ राखाल चंद्र बेसरा ने कहा कि खादी सिर्फ एक नाम नहीं, ब्लकि हमारी पहचान है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमेशा स्वदेशी अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया और समय के साथ आज खादी न सिर्फ नाम, बल्कि लोगों का पसंद भी बन रहा है. ट्रडिशन के साथ फैशन भी आपको खादी के वस्त्रों में देखने को मिलेगा. खादी वस्त्रों की मांग आज विदेशों में भी है. देश में हजारों बुनकर कारीगर हस्त शिल्पकार और श्रमिक खादी उद्योग से जुडे हैं. ऐसे में राज्य सरकार भी खादी उद्योग को बढ़ावा मिले और अंतरराष्ट्रीय पटल पर इनके परिधानों को पंहुचाया जा सके इसके लिए गंभीर है. कहा कि हम जब खादी के वस्त्रों खरीदते हैं, तो हम सिर्फ कपड़े नहीं, बल्कि हजारों लोगों की खुशियां घर लाते हैं क्योंकि जो लोग इस उद्योग से जुड़े हैं, उन्हें हम आर्थिक रूप से सबल बनाने में योगदान देते हैं.

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राष्ट्रीय स्तर पर जोहार एंपोरियम बना रहा अपनी पहचान

झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित जोहार एंपोरियम राज्य के सभी जिलों के अलावा दिल्ली और लखनऊ में भी संचालित है. जहां खादी के वस्त्रों और परिधानों का शानदार कलेक्शन प्राप्त कर सकते हैं. एंपोरियम में खादी के वस्त्र , प्योर शिल्क की साड़ी, ऊलेन कलेक्शन, किड्स वेयर, कुर्ती, जूट के बने हैंड बैग्स, हर्बल उत्पाद जैसे शैम्पू, साबुन, अगरबत्ती, कच्चा धूप, पर्फ्यूम आदि भी उपलब्ध है. इसके अलावा हैंडवास, फेस पाउडर, शिकाकाई, ऐलोवेरा भी मिल जाएंगे.

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