वाराणसी में गंगा का जलस्तर अब तेजी से लाल निशान की ओर बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे 70.86 मीटर पर पहुंच गया. गंगा अब खतरे के निशान 71.26 मीटर से 40 सेंटीमीटर नीचे है.
प्रदेश के जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने वाराणसी में शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों के लिए किए जा रहे बचाव कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए पीएम मोदी का अपने संसदीय क्षेत्र के लोगो पर आई बाढ़ आपदा को लेकर की जा रही चिंता और ध्यान को लेकर सराहना की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी प्रशासन से फोन के जरिए बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी हासिल की है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को लोगों की सभी संभव सहायता त्वरित रूप से करने हेतु निर्देशित किया है.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भी बताया कि बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पिछले 10 दिन से अलर्ट है. पिछले दिनों पानी घटा था फिर भी 4 कैंप चलाने की आवश्यकता पड़ी थी. अब पानी बढ़ने के बाद से 11 कैंप की व्यवस्था की गई है. जिसमे 1290 लोग आ चुके हैं. पिछले साल 40 कैम्प चले थे. इसबार भी हमारी व्यवस्था पुरी है.
बताते चलें कि जनपद में कुल 40 बाढ़ राहत शिविर चिन्हित हैं. कुल 11 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील हैं. बाढ़ राहत शिविर में गुरुवार को कुल 280 परिवार के 1290 लोग रूके हैं, जिसमें 12 वर्ष से कम बच्चों की संख्या 382 एवं वृद्धों की संख्या 132 है. शिविर में रह रहे व्यक्तियों हेतु भोजन/पानी की समुचित प्रबंध किया गया है.
जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी का असर गंगा घाट से सटे सड़कों पर भी दिखने लगा है. पानी सड़क और गलियों के रास्ते शहरी आबादी में घुसने लगा है. दशाश्वमेध घाट (शीतला मंदिर लगायत) पर गंगा का पानी सीढ़ियों को जलसमाधि देते हुए सायं करीब छह बजे सड़क तक पहुंच गया है. अस्सी घाट पर पानी पहले ही सड़क पर भर चुका था.
गुरुवार रात बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर तक सामने घाट से होते हुए गंगा का पानी पहुंच गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में अचानक गंगा ने यह रौद्र रूप धारण किया है. जबकि अगले दो दिन और बारिश की उम्मीद जताई जा रही है. यानी मुश्किलें और बढ़ेगी.