राजधानी रांची में दो साल बाद इस बार विजयादशमी पर होनेवाला रावण दहन संपन्न हुआ. बुधवार की शाम धू-धूकर जल उठा रावण. साथ में कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी आतिशबाजी के साथ जल उठे. मोरहाबादी मैदान में सीएम हेमंत सोरेन मौजूद रहे. इस दौरान देखते ही देखते 70 फीट का रावण भारी आतिशबाजी के बीच जलकर राख हो गया. रावण दहन को देखने काफी संख्या में लोग उपस्थिति हुए. रांची में इस बार पांच जगह मोरहाबादी, अरगोड़ा, एचईसी शालीमार, हुंडरू और तुपुदाना में रावण दहन हुआ.
पंजाबी-हिंदू बिरादरी दशहरा कमेटी द्वारा मोरहाबादी मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने लोगों से बुराई का नाश करने और हमेशा अच्छाई को अपनाने की अपील की.
इस मौके पर भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण बने रूप से सीएम हेमंत सोरेन ने आशीर्वाद लिया. उन्होंने ईश्वर से राज्य में खुशहाली के साथ-साथ हर लोगों के चेहरे पर मुस्कान और सुख-समृद्धि की कामना भी की.
पंजाबी हिंदू बिरादरी के मुताबिक, बारिश को देखते हुए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले को वाटरप्रूफ बनाया गया था. रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट थी, जबकि कुंभकर्ण के पुतले की ऊंचाई 65 फीट और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 60 फीट की थी. वहीं, मोरहाबादी मैदान में सोने के लंका का प्रारूप बनाया गया था.
विजयादशमी रावण दहन समारोह समिति द्वारा रांची के शालीमार बाजार सेक्टर-तीन में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हुआ. अध्यक्ष संजीत यादव ने बताया कि रावण के पुतले की ऊंचाई 61 फीट और कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 55-55 फीट है.
बुधवार की शाम विजयादशमी पर खरसावा के तलसाही में सेवा संघ समिति के तत्वावधान में रावण दहन किया गया. रावण दहन को देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे. यहां का रावण दहन क्षेत्र के लोगों का आकर्षण का केंद्र होता है.