Bear: आगरा में दुनिया का सबसे बड़ा भालू संरक्षण केंद्र है. पहले वर्ल्ड स्लॉथ बेयर डे का उद्घाटन, वाइल्डलाइफ एसओएस और आईयूसीएन-एसएससी स्लॉथ भालू विशेषज्ञ टीम ने पिछले साल कीठम स्थित भालू संरक्षण केंद्र में किया था. यह केंद्र भालू की प्रजाति का दुनिया का सबसे बड़ा संरक्षण और पुनर्वास केंद्र है, जिसकी स्थापना 1999 में उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा की गई थी.
कीठम स्थित केंद्र में 2002 में पहला भालू लाया गया था. जिसका नाम रानी है. 2009 तक देश भर से 628 भालू कलंदरों की कैद से मुक्त कराए गए थे. इन सभी भालुओं को देश भर के चार अलग-अलग केंद्रों पर रखा गया है. आगरा के अलावा बेंगलुरु, भोपाल और पश्चिम बंगाल में भी केंद्र है. आखिरी डांसिंग बेयर 2009 में कलंदरों से मुक्त कराया गया था.
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केंद्र पर लाई जाने वाली पहली जंगली भालू रोज को भोपाल के जंगल से लाया गया था. रोज का पैर शिकारी द्वारा लगाए गए फंदे में फस गया था. फंदे में फंसने के कारण पैर खराब हो गया और बाद में सर्जरी करके उसे काटना पड़ा. इसके बाद कई भालू के शावकों को भी केंद्र पर लाया गया. जिनकी मां को शिकारियों ने जंगल में मार दिया था. और शावकों को कलंदरों को बेच दिया था. इनमें एल्विश, मोगली, रॉन, डिजिट आदि शावक शामिल थे.
भालू चमेली है सबसे अधिक उम्रदराज
संरक्षण केंद्र पर सबसे उम्रदराज भालू चमेली है, जिसकी उम्र लगभग 35 साल है. आमतौर पर जंगल में रहने वाले भालू की 15 से 20 साल में ही मृत्यु हो जाती है. लेकिन उचित देखभाल के कारण इस समय केंद्र में कई भालू 25 साल से अधिक उम्र के हैं. भा
Also Read: PHOTOS: पाकिस्तान में भी है राम मंदिर, शिव मंदिर और माता का मंदिर, इन तस्वीरों में देखिए आज कैसे हैं हालातभारतीय उपमहाद्वीप के लिए भालू प्रजातियों के संरक्षण पर ध्यान आकर्षित करने के लिए 12 अक्टूबर को वर्ल्ड स्लॉथ बेयर डे घोषित किया गया है. इसकी शुरुआत इसी 12 अक्टूबर को आगरा के कीठम स्थित बालू संरक्षण गृह से की गई. स्लॉथ बेयर आईयूसीएन रेड लिस्ट में वल्नरेबल के रूप में सूचीबद्ध है. स्लॉथ भालू मुख्य रूप से भारत में पाई जाने वाली एक अनोखी भालू की प्रजाति है. इस प्रजाति के कुछ भालू नेपाल में और एक प्रजाति श्रीलंका में पाई जाती है.
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