PHOTOS: विश्व आदिवासी दिवस पर ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल, दिखायी जाएंगी ये खास फिल्में, क्या बोले फिल्मकार मेघनाथ?
रांची: विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड आदिवासी महोत्सव में ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. इसमें अनूठी कहानियों, परंपराओं, संघर्षों, दर्शन व इतिहास को करीब से जानने का मौका मिलेगा. प्रसिद्ध फिल्मकार मेघनाथ कहते हैं कि इस भव्य आयोजन में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देना गर्व की बात है.
झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 के उपलक्ष्य में 9 और 10 अगस्त को जनजातीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. इस फिल्म फेस्टिवल में प्रसिद्ध फिल्मकार मेघनाथ की नाची से बांची समेत झारखंड के कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मकारों की डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्में दिखायी जाएंगी.
झारखंड की राजधानी रांची में झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 का आयोजन जेल मोड़ स्थित बिरसा मुंडा संग्रहालय में आयोजन किया जा रहा है. इस फिल्म महोत्सव में 22 फिल्मकारों की 26 फिल्में दिखायी जाएंगी.
राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से सम्मानित फिल्मकार मेघनाथ और बीजू टोप्पो की फिल्म नाची से बांची और मुंडारी सृष्टिकथा दिखायी जाएगी. श्रीप्रकाश की फिल्म ईर दिखायी जाएगी. निरंजन कुजूर की फिल्म दिबी दुर्गा, पहाड़ा, एडपा काना प्रदर्शित की जाएगी. सेराल मुर्मू की फिल्म सौंधयानि और रावाह का भी प्रदर्शन होगा.
फिल्मकार सतीश मुंडा की फिल्म जादूगोड़ा, दीपक बाड़ा की फिल्म अग्ली साइड ऑफ ब्यूटी, रूपेश साहू की फिल्म रैट ट्रैप, प्रबल महतो की फिल्म बरदू और लाखो बोदरा प्रदर्शित की जाएगी. इसी तरह और भी कई फिल्मकारों की फिल्में दिखाई जाएंगी.
फिल्म निर्माता दशरथ हांसदा द्वारा निर्मित फूलमुनी, दीपक के बेसरा की मोहोत, निजाम की छैला संधु, अनुज वर्मा की चेरो, एनपीके पुरुषोत्तम की बंधा खेत, प्रियंका पूर्ति की हॉनर्टन रिमिल भी दिखायी जाएगी.
प्रसिद्ध फिल्मकार मेघनाथ बताते हैं कि 30 साल पहले 1993 में उन्होंने स्व. डॉ राम दयाल मुंडा, संजय बसु मल्लिक समेत अन्य के साथ रांची में आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत की थी. आज बड़ा समारोह हो रहा है. भव्य आयोजन में स्थानीय कलाकारों की सहभागिता खुशी की बात है.
प्रसिद्ध फिल्मकार मेघनाथ कहते हैं कि बेहद खुशी की बात है और गर्व की बात है कि झारखंड सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर जनजातीय फिल्में दिखायी जा रही हैं. अच्छा लग रहा है कि इसमें झारखंड की कला व संस्कृति को प्राथमिकता दी जा रही है.