40 Years of Prabhat Khabar : झारखंड के पूर्व मंत्री और जरमुंडी विधायक हरिनारायण राय पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ था. हरिनारायण राय जब पहली बार चुनाव लड़े तो उनकी घोषित संपत्ति में मात्र पांच हजार रुपए नकद थे, साथ ही उनके पास कोई वाहन भी नहीं था. लेकिन जब उनके खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया तो उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी और वे कई वाहनों के मालिक थे. उनकी पत्नी के नाम पर रांची और देवघर में घर और जमीन थे. झारखंड सरकार के वे पहले मंत्री थे, जिन्हें कोर्ट ने सजा सुनाई थी. हरिनारायण राय अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा और शिबू सोरेन की सरकार में भी मंत्री रहे थे. 26 जून 2008 को प्रभात खबर ने मंत्री हरिनारायण की कारगुजारियों की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था उनकी पत्नी सुशीला देवी के नाम पर रांची के हरमू क्षेत्र में एक जमीन खरीदी गई थी और उसपर भव्य मकान बन रहा था, कागजात में सुशीला देवी के पति का नाम गणेश राय दर्ज था, जो उनके पिता का नाम था. पढ़िए प्रभात खबर की यह खास रिपोर्ट-
26-06-2008 : पहचान छिपाकर मंत्री खरीद रहे प्रोपर्टी
जनता ने चुनकर भेजा जनहित के काम के लिए . मंत्री बन गए तो सीधे संपत्ति-अर्जन से सरोकार बना लिया. झारखंड सरकार के ऐसे कई मंत्री हैं, जो जमीन-जायदाद, भवन-वाहन और अनेक तरह की चल-अचल संपत्ति खड़ी करने में सारी ऊर्जा और जनता के पैसे खर्च कर रहे हैं. नगर विकास मंत्री हरिनारायण राय ऐसे मंत्रियों के प्रतीक मात्र हैं, पर यकीन मानिए जनता जरूर जागेगी. उन झारखंडी नेताओं को घेरेगी, जो निडर होकर भ्रष्टाचार की महागाथा-महाकाव्य लिख रहे हैं. ख्यातिलब्ध मैनेजमेंट गुरू सीके प्रह्लाद साफ कहते हैं कि नीचे से ऊपर फैला भ्रष्टाचार भारत के विकास में सबसे बड़ा बाधक है. यही भ्रष्टाचार भारत को महाशक्ति नहीं बनने दे रहा. झारखंड के पुनर्निर्माण के लिए जनता को यह बाधा तोड़नी-हटानी होगी, जिसके सबसे बड़े पोषक राजनीतिज्ञ बन गए हैं.
पिता को पति बना दिया हरिनारायण की पत्नी ने
भाजपा कार्यालय के पास हरमू रोड में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के आवास के बगल में प्लाट नंबर एन 35 इन दिनों खासा चर्चित है. उक्त प्लाट पर नगर विकास मंत्री हरिनारायण राय के महल जैसे आशियाने का निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है. निर्माणाधीन भवन की भव्यता और पहले तल्ले से हमेशा झांकते निजी सुरक्षाकर्मी स्थानीय लोगों के कौतूहल का विषय बने हुए हैं. प्लाट पर शानदार चार मंजिला भवन की आधारशिला तैयार की जा चुकी है. निर्माण कार्य रांची के कशिश डेवलपर्स के सुनील चौधरी द्वारा किया जा रहा है. कशिश डेवलपर्स द्वारा ही राजधानी में सेल सिटी के नाम से काॅलोनी बनाई जा रही है.
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प्लाट नंबर एच 35 स्थित 4259 वर्गफीट (लगभग छह कट्ठा ) जमीन की खरीद दुमका के टोंगरा निवासी सुशीला देवी के नाम से की गई है. सुशीला देवी मंत्री हरिनारायण राय की पत्नी हैं. हालांकि जमीन की खरीद के लिए दिए गए कागजात में सुशीला देवी के पति का नाम गणेश राय दर्ज है. वास्तव में गणेश राय, सुशीला देवी के पिता और मंत्री हरिनारायण राय के ससुर हैं. प्लाट की खरीद करते समय सुशीला देवी को दुमका के टोंगरा निवासी बताया गया है. टोंगरा में ही श्री राय की ससुराल है. प्लाट नंबर एच 35 आवास बोर्ड धनबाद के कुसुम बिहार निवासी कर्नल अमरदेव सिंह के नाम से अलाॅट किया गया था. इसे बाद में रोहित सिंह राठौर के नाम से हस्तांतरित कर दिया गया. 24 दिसंबर 2007 को मंत्रि हरिनारायण राय ने अपनी पत्नी सुशीला देवी के नाम से जमीन खरीद ली. इसके लिए आवास बोर्ड को 12 लाख 98 हजार 966 रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है.
देवघर में करोड़ों की संपत्ति ली पत्नी के नाम
देवघर, रांची और राज्य से बाहर कई स्थानों पर नगर विकास मंत्री अपनी पहचान छिपाकर प्रोपर्टी खरीद रहे हैं. मंत्री ने देवघर में जो प्रोपर्टी खरीदी है, उसमें महलनुमा मकान भी है. अभी उक्त जमीन की मार्केट वैल्यू तकरीबन तीन करोड़ आंकी जा रही है. देवघर में एक प्रोपर्टी मामले का टाइटल सूट अवर न्यायाधीश प्रथम के न्यायालय में चल रहा है. टाइटल सूट नंबर -87/07 है. केस कनक कुमार चटर्जी, पता सेठ सूरजमल जालान रोड, बनाम सुशीला देवी, पिता गणेश राय, ग्राम तरणी, पोस्ट-डोंगरा, प्रखंड रानेश्वर, जिला-दुमका के बीच चल रहा है. केस के तथ्य के अनुसार सुशीला देवी के नाम से 4866 वर्गफीट का नक्शा प्रदर्शित है. जमीन बसौड़ी सत्व दिखाई गई है, जबकि सुशीला देवी ने होल्डिंग नंबर 359, जमाबंदी नंबर 3155, कुल एरिया 7300 पर दावा किया है. इस परिपेक्ष्य में कनक चटर्जी ने सुशीला देवी व अन्य पर केस किया है. इसमें सुशीला देवी की ओर व्रतती चटर्जी, सेठ सूरजमल जालान रोड, अरीदुन चटर्जी, कास्टर टाउन व प्रीथा बनर्जी सलीमपुर कोलकाता के नाम शामिल हैं. वादी कनक चटर्जी ने जमीन मामले में निषेधाज्ञा के लिए कोर्ट से दरख्वास्त किया था, जिसे कोर्ट ने 9.6.08 को खारिज कर दिया.
मंत्री हूं, तो क्या जंगल-झाड़ में रहूं : हरिनारायण राय
ताबड़तोड़ प्रोपर्टी खरीद के बारे में नगर विकास मंत्री हरिनारायण राय का पक्ष जानने के लिए हमारे संवाददाता ने रांची में उनसे बात की. उनसे हुई बातचीत हूबहू दे रहे रहैं-
सवाल : मंत्री बनने के बाद आपने देवघर और रांची में दो करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति खरीदी है. इतने रुपए कहां से आए?
जवाब : मैंने कहीं संपत्ति नहीं खरीदी है, आरोप लगाने वालों को कागज दिखाकर बात करनी चाहिए. किसी पद पर आसीन व्यक्ति पर अनर्गल आरोप लगाने से ज्यादा आसान कुछ नहीं है.
सवाल: आप पर आरोप है कि आपने सुशीला देवी के नाम से रांची और देवघर में संपत्ति की खरीद की है. ये सुशीला देवी कौन हैं?
जवाब : मुझे नहीं मालूम कौन है, होगी कोई.
सवाल: आपकी पत्नी का नाम सुशीला देवी नहीं है?
जवाब : है तो…
सवाल : संपत्ति की खरीद में सुशीला देवी के पिता का नाम गणेश राय बताया गया है . आप किसी गणेश राय को जानते हैं?
जवाब : मैं बहुत लोगों को जानता हूं होंगे कोई.
सवाल: आपके ससुर का नाम गणेश राय नहीं है?
जवाब : है तो…
सवाल : रांची के हरमू में बन रहा मकान आपकी पत्नी के नाम पर है?
जवाब : हां है, पूरी दुनिया जानती है कि वहां मेरा मकान बन रहा है. मंत्री हूं, तो क्या जंगल-झाड़ में रहूं. मंत्री होते हुए अपना घर बनाना कोई गुनाह नहीं है. मैं बैंक से लोन लेकर घर बना रहा हूं.