40 Years of Prabhat Khabar : पशुपालन घोटाले का सच सामने के लिए प्रभात खबर के रिपोर्टर्स ने काफी मशक्कत की और दस्तावेज जुटाए. उन दस्तावेजों के आधार पर ही पशुपालन घोटाला सामने लाया जा सका. पशुपालन विभाग में जारी घपलेबाजी पर प्रभात खबर ने सबसे पहले 15 फरवरी 1992 को एक रिपोर्ट छापी थी, उसके बाद पशुपालन घोटाले को उजागर करने के लिए कई रिपोर्ट अखबार में प्रकाशित हुए. उन्हीं रिपोर्ट्स में एक रिपोर्ट एक फरवरी 1993 को प्रकाशित हुई. यह रिपोर्ट प्रभात खबर के रिपोर्टर हरिनारायण सिंह और रजत गुप्ता की थी.
1 फरवरी 1993 : रांची में विमान रोक कर छापामारी, करोड़ों रुपये जब्त
आयकर विभाग की टीम ने एक-एक कर यात्रियों को विमान से उतारा
आयकर विभाग के अधिकारियों ने आज शाम रांची हवाई अड्डे पर उड़ान की तैयारी कर रहे विमान में नाटकीय ढंग से छापामारी कर यहां से दिल्ली ले जाये जा रहे करोड़ों रुपये और कीमती आभूषण जब्त कर लिये. अंतिम समाचार मिलने तक आयकर विभाग के अधिकारियों ने लगभग एक करोड़ 62 हजार रुपये के नोटों की गिनती कर ली थी. शेष रकम और आभूषणों के मूल्यांकन का कार्य देर रात तक जारी था. सुरक्षा की दृष्टि से रांची पुलिस ने एयरपोर्ट के आस-पास सशस्त्र दल तैनात किये थे और वहां आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जा रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज आयकर विभाग के अधिकारियों ने यात्रियों और उनके सामानों को एक-एक कर विमान से उतारा.
दो बैगों से 50-50 लाख बरामद
संबंधित लोगों और उनके सामान के उतर जाने के बाद हवाई जहाज अपनी उड़ान पर रवाना हो गया. इसके बाद जहाज से उतारे गए . इसके बाद जहाज से उतारे गये लोगों और उनके सामानों को वापस हवाई अड्डे के सुरक्षा घेरे के अंदर लाया गया. उनकी निशानदेही पर ही उनके सामानों की तलाशी का काम इसी घेरे के अंदर प्रारंभ हुआ. सामानों की तलाशी का काम प्रारंभ होते ही दो बैगों से 50-50 लाख रुपये बरामद किये गये. इनके अलावा लाल रंग के एक अन्य छोटे बैग से भी नकदी रुपये बरामद किये गये. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन यात्रियों को आज दिल्ली जानेवाले इस विमान से उतारा गया, उनके नाम हैं- डॉ आर सिंह, एस सिन्हा, विजय मल्लिक, केएम प्रसाद, श्रीमती प्रसाद, श्रीमती एन सिंह और अभिषेक कुमार.
देर रात तक रुपए की गिनती होती रही
आयकर विभाग ने इन्हीं लोगों की तलाशी लेने का कार्य अपनी पूर्व उस निर्धारित योजना के अनुसार किया. प्राप्त का जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की छापामारी के दायरे में आनेवाले लोग पशुपालन माफिया से संबंधित हैं. आज की इस उपलब्धि के बाद आयकर विभाग ने पशुपालन माफिया के खिलाफ चलाये जा रहे अपने अभियान में अब तक कुल करीब 20 करोड़ रुपयों की संपत्ति जब्त की है. इसमें आज बहुत बड़े आकार के तीन सूटकेसों, एक बीफ्रकेस, एक छोटी अटैची और एक चमड़े के बैग में रखे रुपयों का तथा आभूषणों का आकलन शामिल नहीं है. देर रात तक इन सामानों के संबंध में किसी भी यात्री ने अपना स्वामित्व नहीं जताया था.
आयकर विभाग का दस्ता हवाई अड्डे पर तैनात था
सूत्र के अनुसार आयकर विभाग ने आज यह छापामारी बड़े ही नाटकीय ढंग से की. आयकर विभाग को अपने लक्ष्य के बारे में पूर्व में ही यह सूचना मिल चुकी थी कि पशुपालन माफिया से संबंधित कुछ लोग आज की उड़ान से दिल्ली जाने वाले हैं. जिनके आधार पर आयकर विभाग का छापामार दल काफी पहले से ही हवाई अड्डे पर तैनात हो गया था प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिन लोगों को आज हवाई जहाज से उतारा गया, वे कुछ विलंब से हवाई अड्डे पर आए थे. इन लोगों ने आते ही सुरक्षा जांच के बाद हवाई जहाज में स्थान ग्रहण किया था. इनके अंदर जाने के बाद छापामार दल ने उनके सामानों को रोकना चाहा. वहां के सुरक्षाकर्मियों द्वारा इसका विरोध करने की वजह से वहां कुछ देर तक अफरातफरी की स्थिति रही.
आयकर विभागवालों द्वारा तलाशी का वारंट दिखाए जाने बाद भी हवाई अड्डे के सुरक्षाकर्मी इसके लिए तैयार नहीं हुए. इसके बाद छापामार दल के एक अधिकारी ने हवाई अड्डे के एक अधिकारी से भेंट कर सारी स्थिति स्पष्ट की. हवाई अड्डे के अधिकारियों की ओर से जहाज के कैप्टन को आयकर विभाग की योजना की जानकारी दी गई. जहाज के कैप्टन डीपी वर्मा के सहमत होने बाद ही छापामार दल को हवाई जहाज के निकट जाने की अनुमति दी गई.
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने जहाज के अंदर जाकर संबंधित लोगों की पहचान की और उन्हें वारंट के बार में बताया. इसके बाद उन्हें और उनके सामान को नीचे उतारा गया.
आरके झा पकड़ में नहीं आया
अन्य सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की इस सफलता के बावजूद इन्हीं लोगों के साथ जहाज पर सवार एक व्यक्ति आरके झा पकड़ में आने से बच गया. उस व्यक्ति के पास एक थर्मस था,जिसमें जवाहरात होने का अनुमान है. हवाई से उतारे गए एक व्यक्ति और उसके सामान को लेकर भी काफी देर तक भ्रम की स्थिति रही. उस व्यक्ति ने पटना तक के लिए अपना टिकट खरीदा था. उसके पास कोई सामान नहीं था. सूत्र के अनुसार उस व्यक्ति ने अपना सामान हवाई अड्डे पर किसी दूसरे के जिम्मे कर दिया था. सामान जिसके जिम्मे किया गया था वे दिल्ली जा रहे थे, इसलिए उसपर दिल्ली का टैग लगा था. अपने बीफ्रकेस पर दिल्ली का टैग होने की बात को लेकर भी उस व्यक्ति ने एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ विवाद किया था.
छापामारी की सूचना पाकर हटिया और नगर के आरक्षी उपाधीक्षक द्वय-एसई टोपनी और सतीश प्रसाद भी वहां गए और स्थिति की जानकारी ली. वहां के सुरक्षा अधिकारी इंस्पेक्टर बागची पहले से ही वहां छापामार दलों को सहयोग कर रहे थे. बाद में डोरंडा के थाना प्रभारी सीएस सिंह भी सशस्त्र बल के साथ वहां पहुंचे, जिसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से वहां पुलिस का सशस्त्र दस्ता तैनात कर दिया गया.
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