कौन हैं विष्णु गुप्ता, जिन्होंने अजमेर शरीफ को दरगाह नहीं संकटमोचन महादेव मंदिर बताया?

Ajmer Sharif Dargah : अजमेर शरीफ का दरगाह, दरगाह नहीं बल्कि संकटमोचन महादेव मंदिर है. यह दावा हमारा नहीं बल्कि हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता का है, जिन्होंने अपने दावे के पक्ष में अजमेर की अदालत में याचिका दाखिल किया है. हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता का दावा है कि उनका उद्देश्य देश में हिंदू धर्म का उत्थान करना है. वे शरिया कानून के खिलाफ हैं और लव जिहाद का अंत चाहते हैं.

By Rajneesh Anand | November 28, 2024 6:24 PM
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Ajmer Sharif Dargah : संभल के जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताकर कोर्ट में याचिका दाखिल करने और अदालत के आदेश पर सर्वे के दौरान हिंसा की खबरों के बीच 27 नवंबर को अजमेर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो ना सिर्फ लोगों को चौंका रही है बल्कि कई तरह के सवाल भी खड़े कर रही है. हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने यह दावा किया है कि अजमेर शरीफ का ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का दरगाह एक शिव मंदिर है और इसका सर्वे कराया जाना चाहिए. अजमेर की अदालत ने विष्णु गुप्ता की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.

Video : दरगाह में मांगी पूजा की अनुमति

हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता का दावा है कि अजमेर का दरगाह दरअसल एक प्राचीन शिवमंदिर है. उन्होंने यह मांग की है कि दरगाह का नाम संकट मोचन महादेव कर दिया जाए और लोगों को यहां पूजा की अनुमति दी जाए. अजमेर की निचली अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और अजमेर शरीफ की दरगाह समिति को नोटिस जारी किया है और कहा है कि इस मामले में अब 20 दिसंबर को सुनवाई होगी.

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विष्णु गुप्ता के दावे ने देश में मचाया बवाल

अजमेर शरीफ दरगाह

हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में बाल कृष्ण की ओर से मुकदमा दाखिल किया है. उस वक्त भी वे चर्चा में थे और अब एक बार फिर वे अजमेर शरीफ को शिव मंदिर बताकर चर्चा में आ गए है. विष्णु गुप्ता ने हिंदू सेना की स्थापना हिंदू धर्म के उत्थान के लिए की है, ऐसा उनका दावा है. विष्णु गुप्ता का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा में 10 अगस्त 1984 को हुआ है. हालांकि वे बचपन में ही पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए थे. 2011 में हिंदू सेना की स्थापना की और देशभर में इसकी शाखाएं स्थापित कीं. वे सात-आठ साल की उम्र में रामजन्मभूमि का हिस्सा बने थे. 2013 में उन्होंने नरेंद्र मोदी के समर्थन में बीजेपी के शीर्ष नेता लाल कृष्ण आडवाणी के घर के बाहर प्रदर्शन किया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक हैं विष्णु गुप्ता

विष्णु गुप्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक हैं और 2016 में उन्होंने ट्रंप की जीत के लिए हवन भी कराया था. उनका जन्मदिन मनाया था. विष्णु गुप्ता ने पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता के लिए भी प्रदर्शन किया है. वे बलूच समुदाय से एकजुटता का आह्वान करते हैं और उनकी स्वतंत्रता के लिए प्रदर्शन भी करते हैं. 2016 में इनकी सेना ने भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक वार्ता को समाप्त करने की मांग करते हुए दिल्ली के पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के क्षेत्रीय कार्यालय में तोड़-फोड़ की थी. 2015 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उन्होंने पुलिस को यह झूठी सूचना दी थी कि केरला हाउस के कैंटीन में प्रतिबंधित मांस परोसा जा रहा है. 2014 में हिंदू सेना ने आम आदमी पार्टी के कार्यालय में तोड़फोड़ भी की थी. 2023 में हिंदू सेना की तरफ से यह कहा गया था कि वे इजरायल और हमास के बीच युद्ध में इजरायल के साथ हैं और हिंदू इजरायल के पक्ष में लड़ेंगे.

हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का दरगाह

राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोइनुद्दीन की दरगाह है. इनके अनुयायियों की इनमें बहुत आस्था थी. बताया जाता है कि दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने उनकी दरगाह का निर्माण शुरू करवाया था, जिसे हुमायूं ने पूरा करवाया. चिश्ती के धर्म प्रचार के तरीके को भारत में स्वीकार किया गया और उनके प्रति लोगों की आस्था भी थी. आज भी उनके मजार पर हिंदू-मुसलमान दोनों समान श्रद्धा के साथ जाते हैं.

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