caption supritha ct: एक वक्त था, जब महिलाओं को कमजोर समझा जाता था, पर आज की महिलाएं शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तौर पर काफी मजबूत हो चुकी हैं. वह सिर्फ परिवार की देखभाल करने वाली मां, पत्नी या बहू नहीं रहीं, बल्कि भारतीय सेना में शामिल होकर देश और समाज की रक्षा कर रही हैं. ऐसी ही एक महिला हैं कैप्टन सुप्रीता सीटी, जिन्हें सियाचिन ग्लेशियर में बतौर ऑपरेशनल नियुक्त किया गया है. आश्चर्य की बात है कि वह सियाचिन में तैनात होने वाली आर्मी एयर डिफेंस कोर की पहली महिला अधिकारी हैं.
भारतीय सेना में जैसे-जैसे महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, वैसे-वैसे वे अपनी काबिलियत के दम पर असाधारण मुकाम हासिल कर रही हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कर्नाटक के मैसूर की रहने वाली कैप्टन सुप्रीता सीटी ने. दरअसल, भारतीय सेना ने कैप्टन सुप्रीता सीटी को सबसे कठिन युद्धक्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल के तौर पर तैनात किया है. इसके साथ ही उन्होंने इतिहास रच डाला है, क्योंकि वह आर्मी एयर डिफेंस कोर की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई है. हिमालय के पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण युद्धक्षेत्रों में से एक माना जाता है, क्योंकि यहां की ऊंचाई बहुत ज्यादा है और तापमान अक्सर -50 डिग्री तक गिर जाता है.
आठवीं कक्षा में एनसीसी ज्वॉइन से लेकर भारतीय सेना तक का सफर
कर्नाटक के मैसूर जिले से ताल्लुक रखने वाली कैप्टन सुप्रीता सीटी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई हुनसूर में शास्त्री विद्या संस्थान से की. बाद में उन्होंने एचडी कोटे के सेंट मैरी कॉन्वेंट में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने कृष्णराजनगर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. फिर वह मैसूर के मैरीमल्लप्पा प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज चली गयीं और उसके बाद जेएसएस लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की. उनके पास बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की भी डिग्री है. सुप्रीता जब आठवीं कक्षा में पढ़ रही थीं, तभी वह एनसीसी में शामिल हो गयीं. इस दौरान उन्होंने कई एथलेटिक्स स्पर्धाओं में भी हिस्सा लिया. इंस्पेक्टर थिरुमलेश और उनकी पत्नी निर्मला चाहते थे कि उनकी बेटी न्यायिक सेवा में अपना करियर बनाये. इसको लेकर उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला बेंगलुरु स्थित जेएसएस लॉ कॉलेज में करवा दिया, जहां से सुप्रीता ने बीबीए(लॉ) की डिग्री हासिल की. लॉ की पढ़ाई के दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल सुरेश ने उन्हें भारतीय सेना ज्वॉइन करने के लिए मोटिवेट किया. लिहाजा, सुप्रीता ने कॉलेज में भी एनसीसी की ट्रेनिंग जारी रखी. एनसीसी कैडेट बनने के बाद उन्हें सेना में शामिल होने में रुचि पैदा हुई. आज सुप्रीता की इस उपलब्धि से उनके माता-पिता को भी उन पर गर्व महसूस हो रहा है.
सियाचिन में तैनाती से पहले कि एक महीने की ट्रेनिंग
कैप्टन सुप्रीता ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ एनसीसी एयर विंग ‘सी’ सर्टिफिकेट हासिल किया. अखिल भारतीय वायु सैनिक शिविर में उन्होंने कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया और वर्ष 2016 में उन्होंने इंडिया गेट पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लिया. उसी साल मालदीव में आयोजित यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम भी हिस्सा लिया. इसके अलावा अक्तूबर 2020 में आयोजित अखिल भारतीय एसएससीडब्ल्यू (एनसीसी) विशेष प्रवेश-48वें (महिला) पाठ्यक्रम में द्वितीय रैंक हासिल की. सियाचिन में पोस्टिंग से पहले कैप्टन सुप्रीता को सियाचिन बैटल स्कूल में एक महीने की कठोर ट्रेनिंग दी गयी, जिसमें धैर्य, बर्फ की दीवार पर चढ़ने के तरीके बताये गये.
2021 में सुप्रीता के सैन्य सपनों को मिली उड़ान
वर्ष 2021 में सुप्रीता सीटी के सैन्य सपनों को उड़ान मिली, जब उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया. चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) ने कठोर प्रशिक्षण के बाद उन्हें भारतीय सेना के एयर डिफेंस कोर में अपनी भूमिका के लिए तैयार किया. ओटीए से निकलने के बाद उन्होंने अनंतनाग, जबलपुर और लेह जैसे दुर्गम स्थानों पर अपनी सेवाएं दीं. इस दौरान उन्होंने हर मोड़ पर खुद को साबित किया. यहीं कारण है कि उनकी सियाचिन ग्लेशियर में पोस्टिंग हुई. अपनी अदम्य साहस से सुप्रीता ने पूरे देशवासियों का मान बढ़ाया है.
गणतंत्र दिवस परेड में दंपती ने एक साथ किया था मार्च
कैप्टन सुप्रीता सीटी ने वर्ष 2023 में वेलिंग्टन तमिलनाडु के रहने वाले अपने कॉलेज के दोस्त मेजर जेरी ब्लेज से शादी की, जो मद्रास रेजिमेंट के अफसर हैं. दोनों राष्ट्रीय कैडेट कोर में अपने शुरुआती दिनों से एक-दूसरे को जानते थे. कैप्टन सुप्रीता ने पहली बार देशभर में तब सुर्खियां बटोरीं, जब उन्होंने अपने पति मेजर जेरी ब्लेज के साथ 26 जनवरी, 2024 को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया. दोनों दंपती ने दो अलग-अलग टुकड़ियों के सदस्यों के रूप में कर्तव्य पथ पर मार्च किया. यह पहली बार था, जब भारतीय सेना के किसी जोड़े ने यह सम्मान हासिल किया.
दूसरी महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणास्रोत
कैप्टन सुप्रीता अब उन महिला अफसरों की सूची में शामिल हो गयी हैं, जिन्होंने सियाचिन ग्लेशियर की कठोर परिस्थितियों का डटकर सामना किया है. उनसे पहले बंगाल सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान जनवरी 2023 में सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी थीं. उनके बाद आर्मी मेडिकल कोर की कैप्टन गीतिका कौल और कैप्टन फातिमा वसीम को दिसंबर 2023 में तैनात किया गया. इन अग्रणी महिलाओं ने अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में सेवा करने के लिए और अधिक महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया है.