महाराष्ट्र में महायुति को प्रचंड बहुमत, इन रणनीतिकारों ने लिखी जीत की पटकथा
Election Results : महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में महायुति ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह पार्टी के नेताओं की रणनीति और आपसी सामंजस्य का परिणाम हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गुड गवर्नेंस की जीत बताया है. यह जीत बेहतरीन रणनीति का परिणाम है. इस जीत की पटकथा कुछ रणनीतिकारों ने लिखी.
Election Results : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है. संभवत: इतनी बड़ी जीत की उम्मीद महायुति के सदस्यों को भी नहीं थी. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, जिनमें से 251 सीटों पर महायुति यानी बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों को बढ़त मिली हुई है, जबकि महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों को मात्र 50 सीटों पर बढ़त मिली है. महाविकास अघाड़ी को भारी नुकसान हुआ है.
बीजेपी को इतनी बड़ी जीत जिन कारणों से मिली उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, देवेंद्र फडनवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार जैसे नेताओं की अहम भूमिका है. लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एनडीए को झटका लगा था और कांग्रेस ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. लोकसभा चुनाव के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इन नेताओं ने काफी मेहनत से चुनावी रणनीति बनाई और उसे लागू किया. साथ ही बंटेंगे तो कटेंगे के नारे ने भी चुनावी रणनीति को काफी हद तक प्रभावित किया और जनता ने महायुति पर अपना विश्वास जताया.
महाराष्ट्र में जीत के महानायक
नरेंद्र मोदी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पूरे देश में है. प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता जितनी अधिक है उतनी ही मेहनत वे चुनाव प्रचार में भी लगाते हैं. पीएम मोदी की खूबी यह है कि वे सरकारी योजनाओं और सरकार के कामकाज को बखूबी जनता तक पहुंचाते हैं. यह उनकी खूबी है और इसका बड़ा फायदा महाराष्ट्र में गठबंधन को मिला.
अमित शाह : अमित शाह चुनावी रणनीति बनाने में बीजेपी के चाणक्य हैं. उन्होंने महाराष्ट्र में जीत के लिए वोट शेयर पर ध्यान लगाया और 50 प्रतिशत वोट शेयर के आंकड़े को प्राप्त करने के लिए एड़ी-चोटी कर दिया. परिणाम 50 प्रतिशत वोट शेयर गठबंधन के पास हैं. सभी रणनीति को अनुशासित ढंग से लागू करवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही.
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नितिन गडकरी : नितिन गडकरी एक ऐसे मराठी नेता हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के लोग पसंद करते हैं. महाराष्ट्र के जिन इलाकों में महायुति कमजोर थी वहां नितिन गडकरी का जादू चला और वे एक तरह से गेम चेंजर साबित हुए. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम किया है उनसे जनता प्रभावित रहती है और चुनाव पर उसका प्रभाव दिखा भी.
देवेंद्र फडणवीस : देवेंद्र फडणवीस एक तरह से महायुति का चेहरा बने और सरकार के कार्यों को उन्होंने बखूबी जनता तक पहुंचाया. उन्होंने आक्रामक तरीके से महा अघाड़ी पर हमले किए और उन्हें आक्रमणों से उबरने का मौका नहीं दिया.
एकनाथ शिंदे : एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ पार्टी को मजबूती दी. शिवसेना के वोटर्स को अपने साथ लाने और उद्धव ठाकरे के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में एकनाथ शिंदे की अहम भूमिका रही. अजित पवार की भूमिका भी महायुति को जिताने में अहम रही. शरद पवार के साथ विवाद के बावजूद उन्होंने जिस तरह से अपनी पैठ जनता के बीच बनाई और इस मसले को हल किया, वह बहुत खास रहा.
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