झारखंड में बनीं 4-6 लेन सड़कें, जल्द खुलेगा सिरमटोली फ्लाई ओवर, अब रिंग रोड का इंतजार
High Speed Road Corridor in jharkhand : झारखंड का गठन हुए 24 साल होने वाले हैं, 2000 में गठित यह राज्य इन 24 सालों में विकास की कई यात्राएं कर चुका है. तब और अब की तस्वीर काफी बदली हुई है और बात अगर इंफ्रास्ट्रक्चर की करें, तो कई बड़े बदलाव सड़क, भवन, अस्पताल, पुल और ऊर्जा के क्षेत्र में सामने आए हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर की बदौलत कोई राज्य विकास के पथ पर अग्रसर होता है और इस लिहाज से अगर झारखंड को देखें तो यहां भी कई बड़े बदलाव हमें नजर आते हैं.
High Speed Road Corridor in jharkhand : सड़कों को विकास की कहानी में लाइफ लाइन माना जाता है, साल 2000 की स्थिति यह थी कि रांची शहर में भी अच्छी सड़कें नहीं थी, गांवों तक पहुंच पथ नहीं थे, लेकिन आज सिक्स लेन और फोर लेन की सड़कें बन चुकी हैं. झारखंड में सड़क निर्माण कार्य को तीन भागों में बांटा गया है,नेशनल हाईवे, स्टेट हाइवे, प्रमुख जिला सड़कें और ग्रामीण सड़कें और जिलों की छोटी सड़कें.
राज्य की सड़कों पर अगर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि राज्य गठन के बाद झारखंड में स्टेट हाइवे, जिला पथ और पीडब्ल्यूडी के पथों को मिला कर 67.74 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी सड़कें थी जो अब बढ़ कर 159.78 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी हो गयी हैं. यानी सड़कों का विस्तार दोगुने से भी अधिक हुआ है, हालांकि अभी भी राष्ट्रीय औसत 386 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी से झारखंड बहुत पीछे है, फिर भी इसे अच्छा विस्तार माना जाएगा. राज्य में जहां सिंगल लेन की सड़कें थीं, अब वे टू या फोर लेन में तब्दील हो चुकी हैं.
11200 किमी से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण किया गया
राज्य गठन के वक्त स्टेट हाइवे व जिलों की महत्वपूर्ण सड़कों को मिला कर कुल 5400 किमी सड़क राज्य में थी, लेकिन अब यह करीब 12000 किमी हो गयी है. राज्य बनने से लेकर 2020 तक 11200 किमी से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण, राइडिंग क्वालिटी में सुधार किया गया है. 2024 तक यह आंकड़ा और फिर बढ़ गया है. सरकार यह कोशिश कर रही है कि प्रदेश में इस तरह की सड़कें बन जाएं कि राज्य के किसी क्षेत्र से अधिकतम नौ घंटे में राजधानी आ सके. इसके लिए सरकार ने जहां नदियों और नालों पर पुल और पुलिया बनाने का काम किया, ताकि सड़क निर्माण कार्य में बाधा ना आए.
235 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हुआ
पुल-पुलिया के निर्माण से कई जगहों तक पहुंचने में आसानी हो गई है. राज्य गठन के बाद से 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य में करीब 235 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हुआ है, जो बड़ी नदियों में बने हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में छोटे-बड़े पुल-पुलिया को मिला कर करीब 2000 योजनाएं तैयार हुई हैं, जो आज आवागमन का बड़ा माध्यम हैं. संकरी सड़कों की वजह से खतरनाक मानी जाने वाली घाटियों जैसे चाईबासा रोड की जलेबिया घाटी और रामगढ़ घाटी में भी सड़कों के चौड़ीकरण का काम हुआ, जिसकी वजह से जाम से मुक्ति मिली और सफर आसान और सुरक्षित हुआ. राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथ के अधीन 3367 किलोमीटर सड़कें हैं, इसमें से 230 किलोमीटर सड़क को फोर लेन बना दिया गया है. करीब 463 किलोमीटर सड़क पर काम चल रहा है, जो पूरा होने की स्थिति में हैं. वही 125 किलोमीटर सड़क पर शीघ्र ही काम शुरू कराया जायेगा.
नेशनल हाईवे के लिए 3000 से 4000 करोड़ का बजट : सचिव सुनील कुमार
पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार ने प्रभात खबर के साथ बातचीत में कहा कि राज्य में नेशनल हाईवे पर काफी ध्यान दिया गया है और पिछले चार साल में इसपर फोकस और बढ़ा है. पहले जहां 200-250 करोड़ का बजट सेंक्शन होता था, जो अब 3000 से 4000 करोड़ प्रतिवर्ष हो गया है. वहीं रोड कंस्ट्रक्शन के लिए 5,500 करोड़ का बजट प्रति वर्ष है, जो इसके अलावा है. रांची से रायपुर, रांची से बोकारो काॅरिडोर पर काम किया जा रहा है. हमने जमशेदपुर रोड को कंप्लीट कर लिया है.
हमारी यह कोशिश है कि जो भी नेशनल हाइवे बने वह 4 लोन या छह लेन की हो जहां बिलकुल भी संभव नहीं है, हम सिर्फ वहीं 2 लेन की सड़कें बना रहे हैं. हम ईस्ट-वेस्ट काॅरिडोर, नाॅर्थ-साउथ काॅरिडोर और टूरिस्ट काॅरिडोर बना रहे हैं, तााकि आम आदमी को परेशानी ना हो और आवागमन सुगम हो. देवघर-साहिबगंज काॅरिडोर पर भी काम हो रहा है. हमने रिंग रोड-बाई पास बनाने का काम भी किया है. लोहरदगा बाईपास, खूंटी बाईपास, हजारीबाग बाईपास का काम जारी है. कांटोटोली फ्लाईओवर 30 सितंबर तक शुरू हो जाएगा इसकी पूरी उम्मीद है साथ ही सिरम टोली टोली बाई पास भी इस साल के अंत तक रेडी हो जाएगा. सचिव सुनील कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विजन और डायरेक्शन में ये सारे काम हो रहे हैं, जिसकी वजह से हमने बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
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रांची में 3000 करोड़ सड़क निर्माण पर खर्च हो रहे
इंटरनल रिंग रोड 10 बनना है, जिसमें से चार-5 पर काम चल रहा है. एयरपोर्ट को सीधे रिंग रोड जोड़ने वाली सड़क पर भी काम हो रहा है. हमने एयरपोर्ट को बनवाया है. रांची से अनगड़ा तक सड़कें बन रही हैं. यह पहली बार हो रहा है कि सिर्फ रांची में 3000 करोड़ सड़क निर्माण पर खर्च किए जाएंगे. धनबाद और जमशेदपुर में भी रिंग रोड की योजना है और इनपर काम चल रहा है. विधानसभा से नयासराय सड़क को भी बनाया जाएगा, इसका डीपीआर रेडी है.
झारखंड में सड़क निर्माण के क्षेत्र में हुए बड़े कार्य
- राजधानी रांची के लिए 81 किमी छह लेन का रिंग रोड बना
- रांची से हजारीबाग फोर लेन सड़क
- रामगढ़ से चास फोर लेन रोड -रांची-पतरातू-रामगढ़ रोड -चाईबासा-सरायकेला-कांड्रा-चौका पथ
- रांची-जमशेदपुर फोर लेन
- आदित्यपुर-कांड्रा पथ (सरायकेला-खरसावां)
- रांची से कुडू फोर लेन सड़क -कोडरमा-डोमचांच-खोरीमहुआ-जमुआ रोड -चतरा-चौपारण रोड -गढ़वा-शाहपुर रोड
- दुमका -मसलिया-कुंडहित नाला रोड
- देवघर-मधुपुर रोड
- बालूमाथ-हेरहंज-पांकी रोड (लातेहार)
- डोरंडा -नामकुम सड़क -डिबडीह, कडरु, बिरसा चौक व नामकुम में आरओबी -रांची-टाटीसिलवे-अनगड़ा-सिल्ली रोड (रांची)
- खेलगांव रोड (रांची)
- खेलगांव से टाटीसिलवे रोड (रांची)
- रांची-जमशेदपुर-महुलिया फोर लेन रोड
- गढ़वा बाइपास रोड
- नक्सल प्रभावित रहे सारंडा में नौ सड़कें आधा दर्जन पुल बने
- साहिबगंज में गंगा ब्रिज का काम प्रगति पर
- रातू रोड एलिवेटेड रोड प्रगति पर (रांची)
- आठ बड़े आरओबी बनाये गये (रांची और राज्य के अन्य इलाकों में)
- 250 की आबादी वाले गावं भी सड़क से जुड़े
- एनएच 23 पर रांची-बेड़ो फोर लेन
- एनएच 75 पर रांची-बिजुपाड़ा फोर लेन
- बेड़ो-गुमला फोर लेन
- जमशेदपुर-महुलिया फोर लेन
- नामकुम आरओबी (रांची)
- बिरसा चौक आरओबी (रांची)
- रातू रोड से अरगोड़ा होते हुए बिरसा चौक सड़क चौड़ीकरण (रांची)
- बिरसा चौक से प्रोजेक्ट भवन फोर लेन (रांची)
- मोरहाबादी मैदान के चारों ओर सड़क का विकास (रांची)
- प्रोजेक्ट भवन से चांदनी चौक सड़क चौड़ीकरण (रांची)
- बिरसा चौक से खूंटी तक सड़क का सुदृढ़ीकरण (रांची)
- रांची-सिल्ली मार्ग का अपग्रेडेशन (रांची)
- ओल्ड विधानसभा से नयासराय ब्रिज तक सड़क निर्माण (रांची)
- ज्यूडिशियल एकेडमी की सड़क (रांची)
- लापुंग-कर्रा-धुर्वा सड़क (रांची)
- रातू से ठाकुरगाव सड़क चौड़ीकरण (रांची)
- गोविंदपुर-साहिबगंज पथ परियोजना
- कोडरमा-डोमचांच-खोरीमहुआ-जमुआ पथ (69.7 किलोमीटर)
- चतरा-चौपारन पथ (49.166 किलोमीटर)
- मोहम्मदगंज-जपला-दंगवार पथ (42.55 किलोमीटर)
- गिरिडीह-गांडेय-पांडेयडीह पथ (42.55 किलोमीटर)
- खूंटी-तोरपा-कोलेबिरा पथ (82.01 किलोमीटर)
- मरचा-रनिया-सौंदे पथ (35.7 किलोमीटर) (खूंटी)
- दुमका-मसलिया-कुंडरहित-नाला (पश्चिम बंगाल सीमा तक)
इनपुट : मनोज लाल, जो प्रभात खबर के विशेष संवाददाता हैं और वर्तमान में रांची में कार्यरत हैं.
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