कैसे बनता है तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान? क्यों दिया गया अनमोल उपहार ‘Dana’ नाम

Dana Cyclone Update : चक्रवाती तूफान दाना 24 अक्टूबर की शाम तक ओडिशा में पुरी के तट से टकराएगा, जिस वक्त यह तूफान सतह से टकराएगा इसकी रफ्तार 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. चक्रवाती तूफान के प्रभाव से तटीय इलाकों में भारी बारिश होगी और कई अन्य राज्यों में भी भारी बारिश की आशंका है. चक्रवाती तूफान अमूमन मई-जून के महीने में ज्यादा बनते हैं, लेकिन बदलते मौसम के पैटर्न की वजह से यह सितंबर-अक्टूबर में भी आकार ले रहे हैं. कैसे बनता है चक्रवाती तूफान और क्या होता है इसका असर पढ़ें विस्तृत जानकारी.

By Rajneesh Anand | October 23, 2024 3:56 PM

Dana Cyclone Update : बंगाल की खाड़ी में बना गंभीर चक्रवाती तूफान 24 अक्टूबर की शाम को ओडिशा के तट से टकराएगा. अभी यह तूफान 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि जिस वक्त यह तूफान तट से टकराएगा उस वक्त इसकी रफ्तार 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. इस चक्रवाती तूफान की वजह से ओडिशा और बंगाल में तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी. मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार 24 से 26 अक्टूबर तक इस चक्रवात के प्रभाव से ओडिशा, बंगाल, बिहार, झारखंड और तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. बंगाल और ओडिशा के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. बंगाल की खाड़ी और और अरब सागर में अक्सर चक्रवाती तूफान बनता रहता है, जिसके प्रभाव से तटीय इलाकों में काफी नुकसान भी सहना पड़ता है. 

कैसे बनता है समुद्र में चक्रवाती तूफान?

कैसे बनता है तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान? क्यों दिया गया अनमोल उपहार ‘dana’ नाम 3

चक्रवाती तूफान भारत और इसके आसपास के इलाकों में तूफान के नाम से जाना जाता है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में इसे टाइफून कहा जाता है. चक्रवाती तूफान दरअसल समुद्र में आने वाला तूफान है और यह तब आता है जब समुद्र का पानी गर्म हो जाता है और गर्म हवा ऊपर उठने लगती है. समुद्र की सतह पर जब गर्म हवाएं जमा हो जाती है तो वह चक्रवाती तूफान का कारण बनती है. हवा जब गर्म हो जाती है तो कम दबाव का क्षेत्र बनाता है. गर्म हवा ऊपर जाती है और जिसकी वजह से वहां बादलों का निर्माण होता है और गर्म हवा की जगह को भरने के लिए ठंडी हवा नीचे की ओर आती है. जब यह चक्र तेजी से चलता है तो बिजली चमकती है और तेज हवा के साथ बारिश होती है. हवाओं के घूमने का चक्र कई बार हजारों किलोमीटर तक का होता है. हवाओं के घूमने का यह चक्र इतनी तेजी से चलता है कि एक गोलाकार बनता है जिसके केंद्र में कम दबाव का क्षेत्र रहता है.

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चक्रवाती तूफान का नाम दाना किसने दिया?

चक्रवाती तूफानों के नामकरण की जिम्मेदारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन की है. बंगाल की खाड़ी में बने दाना चक्रवात का नाम सऊदी अरब ने किया है. दाना नाम अरबी भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी में अर्थ है अनमोल उपहार या उदारता. चक्रवातों का नामकरण इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है. साथ ही इससे चेतावनी जारी करने और उसके बारे में लोगों को बताने में भी आसानी होती है. 2004 से चक्रवाती तूफानों को नाम देने की परंपरा शुरू हुई है उस वक्त आठ देश इस पैनल में शामिल थे, आगे चलकर इसमें पांच और देश जुड़ गए हैं जो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले चक्रवातों का नामकरण करते हैं. यहां शर्त यह है कि नाम रिपीट नहीं किए जाएंगे और हर बार तूफान का नाम अलग होगा.

दाना का क्या होगा असर?

चक्रवाती तूफान दाना के भयंकर रूप को देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. बंगाल और ओडिशा में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. चक्रवात के प्रभाव से भारी बारिश होगी इसलिए मौसम विभाग ने रेड, आॅरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया है. बंगाल और ओडिशा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां खतरा सबसे अधिक है. मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है साथ ही आम लोगों को भी सावधानी बरतने और घर पर रहने की सलाह दी गई है. एनडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद है.

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