Jharkhand Assembly Election 2024: चुनावी रणभेरी के बीच क्यों बजेगी शुभ मंगल की शहनाई? बराती बनने पर होगी निगरानी?

13 नवंबर को है पहले चरण का मतदान, एक दिन पहले 12 नवंबर से क्यों शुरू हो जाएंगे सारे मंगल काज…

By Mukesh Balyogi | October 16, 2024 7:25 AM

Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में चुनावी रणभेरी बज गई है. यह 23 नवंबर को मतगणना के दिन तक बजती रहेगी. इसी के बीच बैंड-बाजों की रौनक के साथ शहनाई भी बजने जा रही है. 13 नवंबर को पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले 12 नवंबर को देवोत्थान एकादशी है. यानी देवताओं के जगने के बाद शुभू मुहूर्त शुरू होते ही मतदान का आगाज है. 

मतदान से एक दिन पहले देवोत्थान एकादशी होने के कारण उस दिन शुभ ही शुभ है. मंगल ही मंगल है. इसलिए उस दिन शादी-विवाह और गृहवास समेत सारे मंगल काज हो सकते हैं. देवोत्थान एकादशी के दिन से शादी का मुहूर्त शुरू हो जाता है. इस कारण विधानसभा चुनाव के दौरान लोकतंत्र के उत्सव के साथ ही बैड-बाजे की रौनक भी रहेगी.

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Jharkhand Assembly Election 2024: उम्मीदवारों को बराती बनने या नहीं बनने की रहेगी चुनौती 

पहले चरण के मतदान वाले उम्मीदवारों के लिए तो शादी-विवाह में शिरकत करने का ज्यादा संकट नहीं है, क्योंकि देवोत्थान एकादशी आते-आते उनका चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका रहेगा. फिर भी उम्मीदवारों के लिए यह चुनौैती रहेगी कि मतदान से एक दिन पहले नाराज नेताओं की मनुहार के लिए उनके घर जाएं, वोटरों को घर से मतदान केंद्र तक ले जाने की रणनीति बनाएं या फिर शुभ समारोहों में शिरकत करें. उनके लिए चुनाव आयोग का खतरा भी बना रहेगा कि कहीं शादी समारोहों में शिरकत करने को सार्वजनिक प्रचार की कोशिश न मान ली जाय. 

शादी का सघन लग्न 17 नवंबर से होने के कारण दूसरे चरण के उम्मीदवारों के लिए भी यह दिक्कत है कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के शादी-विवाह में बराती बनने की चुनौती स्वीकार करनी पड़ सकती है. पंडित रामदेव पांडेय बताते हैं कि 17 नवंबर को शादी का अच्छा लग्न है. इस कारण उस दिन खूब शादिय़ां हो सकती है. 

दूसरी ओर, दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को हो रहा है. इस कारण चुनाव प्रचार 18 नवंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में सार्वजनिक चुनाव प्रचार समाप्त होने से एक दिन पहले उम्मीदवारों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में बराती बनने की चुनौती स्वीकार करनी पड़ सकती है. यह फैसला भी उनके लिए संकट भरा हो सकता है कि कहीं चुनाव आयोग की निगरानी में उन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप न लग जाए. बड़े स्तर पर शादी-विवाह होने के कारण लोग इसमें व्यस्त भी रह सकते हैं. 

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