झारखंड की 31 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा, जानिए कैसे लुभा रही हैं पार्टियां

Jharkhand Assembly Elections 2024 : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में महिला वोटर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने जा रही है और वे सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकती हैं. विधानसभा की कुल 81 सीटों में से 31 पर महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, यही वजह है कि सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं और उनके लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा भी की जा रही है. जानिए पूरा समीकरण.

By Rajneesh Anand | October 19, 2024 4:55 PM
an image

Jharkhand Assembly Elections 2024 : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में महिला वोटर्स पार्टियों के निशाने पर हैं, चूंकि सत्ता का रास्ता इनसे होकर ही जाएगा, इसलिए सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं हैं. खासकर ट्राइबल रिजर्व सीटों पर महिलाएं अपनी ताकत दिखाने की स्थिति में हैं. 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और इन सभी सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.


महिलाएं दिखा सकती हैं, पार्टियों को बहुमत का रास्ता

झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टियां जिस तरह महिलाओं को फोकस करके योजनाओं की घोषणा कर रही हैं, वे यह साबित करती हैं कि इस बार के चुनाव में महिलाओं की भूमिका ऐतिहासिक होने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में महिलाओं को साधने के लिए जिस प्रकार मंईंया सम्मान योजना की शुरुआत की और 18-50 साल तक की आयु वर्ग की महिलाओं को सीधे एक हजार रुपए कैश की सहायता दी, उससे महिलाओं की सहानुभूति उन्हें मिलेगी, इसकी पूरी संभावना है. हेमंत के दांव के जवाब में बीजेपी ने महिला वोटर्स को लुभाने के लिए गोगो-दीदी योजना का कार्ड फेंका है, जिसके तहत महिलाओं को 2100 रुपए प्रतिमाह देने की बात कही गई है. गोगो-दीदी योजना के आने के बाद हेमंत सरकार ने मंईंया सम्मान योजना की राशि को 1000 से 2500 रुपए महीना कर दिया.


31 विधानसभा क्षेत्र में महिला वोटर्स पुरुषों पर भारी

झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीट हैं और बहुमत का आंकड़ा 41 सीटों का है. 31 सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा है, यानी अगर कोई पार्टी महिलाओं को रिझा लेती है, तो उसे सरकार तक पहुंचने के लिए और सिर्फ 10 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार जिन सीटों पर महिलाएं पुरुषों से आगे हैं वे इस प्रकार हैं-

झारखंड की 31 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा, जानिए कैसे लुभा रही हैं पार्टियां 4

महिला मतदाताओं में बढ़ी जागरूकता

महिला मतदाताओं में वोट के अधिकार को लेकर जागरूकता काफी बढ़ गई है, यही वजह है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने में पीछे नहीं रहतीं. चूंकि महिलाएं वोट देने के अधिकार को अपना दायित्व समझती हैं और ये जानती हैं कि इसके प्रयोग से ही उनकी पसंद की सरकार बन सकती हैं, इसलिए भी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि महिलाओं का वोट किसी के प्रभाव में जल्दी स्विंग नहीं होता है, वे काफी सोच समझकर अपने हित में वोट डालती हैं. बिहार में नीतीश कुमार अगर सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं, तो इसकी वजह भी महिला वोटर्स हैं, क्योंकि शराबबंदी लागू करने के लिए उन्होंने नीतीश का साथ दिया और आज भी दे रही हैं.


आदिवासियों के लिए रिजर्व सीट पर जेएमएम और कांग्रेस का कब्जा

झारखंड की 31 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा, जानिए कैसे लुभा रही हैं पार्टियां 5

झारखंड में 28 सीट आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं, जिनमें से सिर्फ तोरपा और खूंटी में ही बीजेपी के विधायक हैं बाकी सभी जगहों पर झामुमो और कांग्रेस के उम्मीदवार ही चुनाव जीते हैं. बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, दुमका, जामा, घाटशिला, पोटका, सरायकेला, मझगांव, चाईबासा, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, सिसई, गुमला, बिशुनपुर और तमाड़ में झामुमो के विधायक है. बाकी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, जो झामुमो की सहयोगी पार्टी है. इस नजरिए से देखें तो यह कहा जा सकता है कि ट्राइबल रिजर्व सीटों पर महिलाओं को लुभाने के लिए एनडीए को कड़ी मेहनत करनी होगी. यही वजह है कि पूरे देश की नजर इस चुनाव में टिकी है.

Also Read : जमीन, स्थानीयता नीति और सरना धर्म कोड होंगे झारखंड विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के मुद्दे

उमर अब्दुल्ला के पूर्वज हिंदू थे, दादा ने की थी आजाद कश्मीर की मांग, अब हैं ये चुनौतियां

Exit mobile version