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झारखंड में आपराधिक केस के साथ भी जीते हैं नेता, 2019 में 22 को मिली थी सफलता

Jharkhand election : क्या किसी नेता पर आपराधिक मामला दर्ज हो तो उसका राजनीतिक करियर समाप्त हो जाता है? अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो हम आपको बताते हैं कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में 22 उम्मीदवार ऐसे थे जो चुनाव जीतकर आए जबकि उनपर आपराधिक मामले दर्ज थे, इस बार के चुनाव में भी बीजेपी और झामुमो दोनों पार्टियों और उनकी सहयोगी पार्टियों में दागी उम्मीदवार हैं.

By Rajneesh Anand | October 30, 2024 7:24 PM
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Jharkhand election : लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में कई बार ऐसे उम्मीदवार भी चुनाव जीतते रहे हैं, जिनपर कई आपराधिक मामले दर्ज हों. झारखंड का चुनाव भी इससे अछूता नहीं है, यहां भी चुनावी मैदान में कई ऐसे उम्मीदवार रहते हैं, जिनपर कई गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हों. क्रिमिनल रिकाॅर्ड वाले उम्मीदवार चुनाव जीतते भी रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में कुल 44 उम्मीदवार ऐसे थे, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज थे और इन उम्मीदवारों में से 50 प्रतिशत ने चुनाव जीता भी था. हां, अगर वो व्यक्ति किसी दर्ज मामले में दोषी सिद्ध हो जाए तब उसका राजनीतिक करियर समाप्त हो जाता है. दोषी सिद्ध हो जाने के बाद वह व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है.


आपराधिक मामलों के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवार

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में कुल 44 उम्मीदवारों ने यह घोषित किया था कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और इनमें से 22 ने यानी 50 प्रतिशत उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था. आंकड़ों पर अगर नजर दौड़ाएं तो सबसे अधिक 14 केस झाविमो के विधायक प्रदीप यादव पर दर्ज हैं, जो पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. दूसरे स्थान पर बीजेपी के नेता और पांकी विधायक शशि भूषण मेहता का नाम आता है, जिनपर 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. तीसरे स्थान पर बंधु तिर्की हैं, जिनपर 10 आपराधिक मामले दर्ज थे, उस वक्त बंधु तिर्की झाविमों के ही विधायक थे, लेकिन बाद में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी सदस्यता चली गई. बाबूलाल मरांडी धनवार से विधायक हैं, 2019 में बाबूलाल मरांडी झाविमो में थे, बाद में उन्होंने पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया था. बाबूलाल मरांडी पर नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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मनीष जायसवाल को मिली थी हजारीबाग से बड़ी जीत

हजारीबाग से बीजेपी के विधायक मनीष जायसवाल ने 23.96% वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. विजयी 22 उम्मीदवारों में से दो ने 20 प्रतिशत से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. मनीष जायसवाल के ऊपर एक आपराधिक मामला दर्ज है. उनके पास स्नातक की डिग्री है और उनकी कुल संपत्ति 27 करोड़ से अधिक है.

2024 में भी आपराधिक केस वाले नेता चुनावी मैदान में हैं

2024 के चुनाव में भी बीजेपी और झामुमो गठबंधन ने भी दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है. बीजेपी के उम्मीदवारों की बात करें तो सबसे ज्यादा मामले मनोज यादव पर दर्ज हैं. मनोज यादव पर कुल 12 केस दर्ज हैं, वहीं वहीं शशिभूषण मेहता पर नौ केस दर्ज हैं, 2019 में उनपर 11 केस दर्ज थे. वहीं पिछले चुनाव में अंबा प्रसाद पर एक केस दर्ज था, जबकि इस चुनाव में उनपर चार केस दर्ज हैं. शिल्पी नेहा तिर्की पर एक केस दर्ज हैं.

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