Jharkhand Election Results 2024: उम्मीदवारों की सांसें फूलीं, इन 20 हाॅट सीट पर है जनता की नजरें

Jharkhand Election Results : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट 23 नवंबर को सामने आएगा. एक माह से अधिक चले चुनावी संग्राम में कांटे का मुकाबला हुआ और अब दावों और प्रतिदावों के बीच समय है परिणाम का. झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नेताओं के साथ-साथ जनता की भी उतनी ही नजर है. झारखंड में कुल 81 विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन इस आलेख में हम उन 20 सबसे चर्चित चेहरों और विधानसभा क्षेत्र की बात करेंगे, जिनके परिणाम पर पूरे देश की नजर है.

By Rajneesh Anand | November 23, 2024 7:22 AM

Jharkhand Election Results :  झारखंड विधानसभा के 81 सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो चुका है. इस चुनाव में कुल 1211 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनकी किस्मत का फैसला 23 नवंबर को होना है. इन 1211 प्रत्याशियों में 20 ऐसे चेहरे हैं, जिनकी जीत-हार पर सबकी नजर टिकी है. इनमें से कुछ पहली बार चुनावी मैदान में हैं, तो कुछ अपने इलाके में गहरी पकड़ रखते हैं. इन प्रत्याशियों की हार-जीत से उनकी प्रतिष्ठा जुड़ी है. 

1. हेमंत सोरेन : झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. बरहेट सीट एसटी रिजर्व है. उनके सामने बीजेपी के उम्मीदवार गमालियल हेम्ब्रम हैं. हेमंत सोरेन बरहेट से 2014 और 2019 में भी विधायक रह चुके हैं. इस बार उनके सामने बीजेपी ने नए चेहरे को उतारा है, जिनका अनुभव बहुत ज्यादा नहीं है. गमालियल हेम्ब्रम चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं, उससे पहले वे आजसू की टिकट पर चुनाव लड़े थे. 2024 के चुनाव में चर्चा का केंद्र बनी जयराम महतो की पार्टी ने बरहेट से थाॅमस सोरेन को टिकट दिया है, हालांकि यहां मुख्य मुकाबला हेमंत सोरेन और गमालियल हेम्ब्रम के बीच ही होगा.

2. चंपाई सोरेन : हेमंत सोरेन जब ईडी की कार्रवाई के बाद जेल गए थे तो झामुमो ने कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले चंपाई सोरेन पर भरोसा किया था और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद उनसे सत्ता ले ली गई. इससे चंपाई नाराज हुए और बीजेपी का दामन लिया. चंपाई सोरेन सरायकेला सीट से चुनावी मैदान में हैं और उनके सामने हैं, झामुमो के गणेश महली हैं, जो पहले बीजेपी के साथ थे. सरायकेला सीट एसटी रिजर्व है और यह झामुमो का गढ़ माना जाता है. इस स्थिति में जबकि चंपाई सोरेन अब बीजेपी के साथ हैं, यहां का मुकाबला काफी रोमांचक है.

3. बाबूलाल मरांडी : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी धनवार सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने झामुमो के निजामुद्दीन अंसारी चुनावी मैदान में हैं. निजामुद्दीन अंसारी 2009 के चुनाव में भी यहां से चुनाव जीत चुके हैं. 2019 में बाबूलाल मरांडी जेवीएम की टिकट से यहां चुनाव जीते थे. चूंकि अब बाबूलाल मरांडी एक बार फिर बीजेपी के साथ हैं और एक बड़े कद्दावर नेता हैं, इस सीट का महत्व काफी बढ़ गया है.

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4. कल्पना सोरेन: हेमंत सोरेन की पत्नी और झामुमो का नया चेहरा जिसपर पार्टी को बहुत ज्यादा भरोसा नजर आ रहा है, वो हैं कल्पना सोरेन. कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने बीजेपी की मुनिया देवी चुनावी मैदान में हैं. मुनिया देवी कुशवाहा समाज से आती हैं और उनके पास राजनीति का बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है. वहीं कल्पना सोरेन भी राजनीति के लिए नया चेहरा ही हैं, क्योंकि उन्होंने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ही सक्रिय राजनीति में कदम रखा है. वे गांडेय का उपचुनाव जीतकर विधायक बनी थीं, लेकिन कल्पना सोरेन ने जिस अंदाज और आत्मविश्वास के साथ राजनीति में इंट्री ली है, वो पार्टी की कद्दावर नेताओं की सूची में शामिल हो चुकी हैं.

5. सरयू राय : सरयू राय इस बार जदयू की टिकट पर जमशेदपुर पश्चिमी सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने हैं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता. बन्ना गुप्ता 2019 में भी इस सीट से चुनाव लड़े थे. सरयू राय 2005 और 2014 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं. 2019 के चुनाव में वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रघवुर दास के खिलाफ चुनाव लड़े थे और उन्हें शिकस्त दी थी.

6. अमर कुमार बाउरी : झारखंड में प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने जेएमएम के नेता उमाकांत रजक हैं. चंदनकियारी एससी रिजर्व सीट है. 2019 के चुनाव में भी अमर कुमार बाउरी यहां से चुनाव जीते थे, जबकि उमाकांत रजक दूसरे स्थान पर रहे थे. उस वक्त उमाकांत रजक आजसू में थे, जबकि इस बार वे जेएमएम में हैं.

7. मिथिलेश कुमार ठाकुर : झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं, उनके सामने हैं बीजेपी के सत्येंद्रनाथ तिवारी. 2019 के चुनाव में मिथिलेश ठाकुर यहां से चुनाव जीते थे. सत्येंद्रनाथ तिवारी यहां से दो बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2009 में वे जेवीएम की टिकट पर और 2014 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीते थे.

8. दीपिका पांडेय सिंह : कांग्रेस नेता दीपिका पांडेय सिंह महगामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. 2024 के चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा. उनके सामने एक बार फिर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह हैं. अशोक कुमार सिंह को दीपिका पांडेय सिंह ने 2019 के चुनाव में भी शिकस्त दी थी. यहां के मुकाबले को और भी रोचक बना रहे हैं जेएलकेएम के जवाहर लाल यादव.

9. बसंत सोरेन : हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन दुमका विधानसीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने बीजेपी के सुनील सोरेन हैं. 2019 के चुनाव में यहां से हेमंत सोरेन चुनाव लड़े थे और बीजेपी की लोइस मरांडी को हराया था. बाद में हेमंत सोरेन ने यह सीट छोड़ दी थी जिसके बाद उपचुनाव में बसंत सोरेन यहां से विधायक बने. लोइस मरांडी को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया, तो वे जेएमए के साथ आ गईं.

10. लोइस मरांडी : बीजेपी की दिग्गज नेता रहीं लोइस मरांडी इस बार के चुनाव में जेएमएम के साथ हैं. वे जामा एसटी रिजर्व सीट से चुनाव लड़ रही हैं. उनके सामने बीजेपी के उम्मीदवार सुरेश मुर्मू हैं. जेएलकेएम ने देबिन मुर्मू के रूप में अपना प्रत्याशी यहां से उतारा है. जामा विधानसभा सीट से 2009, 2014 और 2019 में हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने जेएमएम की  टिकट पर चुनाव लड़ा था.

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11. सीता सोरेन : जेएमएम की बागी नेता सीता सोरेन जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. वे बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. उनके सामने कांग्रेस के इरफान अंसारी हैं.  इरफान अंसारी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं. सीता सोरेन पहली बार इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. इससे पहले वे तीन बार 2009 से 2014 और 2019 में जामा से जेएमएम की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी थीं.

12. विनोद कुमार सिंह : बगोदर विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं. वे 2005, 2009 और 2019 में भी यहां से विधायक रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के नागेंद्र महतो के साथ है जो 2014 के चुनाव में यहां से विधायक रह चुके हैं.

13. दीपक बिरुवा : चाईबासा विधानसभा क्षेत्र से जेएमएम के दीपक बिरुवा चुनावी मैदान में हैं. यह एसटी रिजर्व सीट है. उनके सामने बीजेपी की उम्मीदवार गीता बलमुचू हैं. पिछले चुनाव में भी यहां से दीपक बिरुवा ही चुनाव जीते थे. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार जेपी तुबिद को शिकस्त दी थी. 

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14. सुदेश महतो : आजसू के नेता सुदेश महतो सिल्ली विधानसभा सीट से प्रत्याशी हैं. यह सीट एक तरह से उनका गढ़ रहा है. वे यहां से तीन बार 2005,2009 और 2019 में विधायक रहे हैं. 2014 के चुनाव में उन्हें जेएमएम के अमित महतो ने शिकस्त दी थी. इस बार भी चुनावी मैदान में दोनों आमने-सामने हैं. मुकाबले को और भी दिलचस्प बना रहे हैं जेएलकेएम के उम्मीदवार देवेंद्रनाथ महतो.

15. बेबी देवी : पूर्व शिक्षा मंत्री की पत्नी बेबी देवी डुमरी विधानसभा क्षेत्र से जेएमएम की उम्मीदवार हैं. उनके सामने है बीजेपी की उम्मीदवार यशोदा देवी. यह सीट बेबी देवी के पति जगरनाथ महतो की है, जिसपर वे 2005 से ही विधायक रहे थे. 2023 में उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी यहां से चुनाव जीती है. यह सीट इसलिए भी बहुत चर्चा में है क्योंकि जेएलकेएम के नेता जयराम महतो यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.

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16. जयराम महतो : जेएलकेएम के नेता जयराम महतो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वे डुमरी और बेरमो विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. डुमरी में वे जेएमएम और बीजेपी उम्मीदवार बेबी देवी और यशोदा देवी को टक्कर देंगे, जबकि बेरमो में उनके सामने वर्तमान विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह और बीजेपी के रवींद्र पांडेय हैं. अनूप सिंह कांग्रेस के नेता है.

17. रामेश्वर उरांव : कांग्रेस नेता रामेश्वर उरांव लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला आजसू की नेता नीरू शांति भगत से है. लोहरदगा सीट पर कांग्रेस और आजसू के उम्मीदवारों ने दो-दो बार जीत दर्ज की है. 2019 के चुनाव में यहां से रामेश्वर उरांव चुनाव जीते थे. बीजेपी नेता सुखदेव भगत दूसेर नंबर पर थे और नीरू शांति भगत तीसरे स्थान पर थीं. वे प्रदेश के वित्तमंत्री हैं. 2014 में यहां से आजसू के कमल किशोर भगत चुनाव जीते थे. पिछले चुनाव में बीजेपी और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़े थे, जबकि इस बार नीरू शांति भगत उनकी साझा उम्मीदवार हैं.

18. हफीजुल हसन : मधुपुर विधानसभा सीट से जेएमएम के हफीजुल हसन चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ बीजेपी के गंगा नारायण सिंह चुनावी मैदान में हैं. इस सीट पर बीजेपी और जेएमएम दोनों को जीत हासिल होती रही है. 2019 के चुनाव में हफीजुल अंसारी के पिता हाजी अंसारी ने बीजेपी के राज पलिवार को शिकस्त दी थी.  हाजी अंसारी की मौत के बाद यहां 2021 में उपचुनाव हुआ, जिसमें हफीजुल अंसारी ने बीजेपी के गंगा नारायण सिंह को शिकस्त दी.

19. महुआ माजी : जेएमएम की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी एक बार फिर रांची विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने हैं बीजेपी की छह बार के विधायक सीपी सिंह. पिछले चुनाव में महुआ माजी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी. सीपी सिंह सातवीं बार चुनाव जीत पाएंगे या महुआ माजी उन्हें शिकस्त देंगी इसे जानने की लालसा आम लोगों के मन में है. यही वजह है कि यह सीट हाॅट बना हुआ है.

20. अजहर इस्लाम : आजसू के नेता और एनडीए के एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस की निशात आलम हैं. इस सीट पर आलमगीर आलम तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. दो बार जेएमएम की टिकट पर और एक बार काग्रेस की टिकट पर. आलमगीर आलम को इस बार टिकट नहीं मिला है, उनकी जगह उनकी पत्नी निशात आलम चुनावी मैदान में हैं.

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