कल्पना सोरेन, मीरा मुंडा सहित ये नेता पत्नियां दिखाएंगी झारखंड में कमाल, संभालेंगी विरासत

Jharkhand Assembly Election 2024 : झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार कई नेता पत्नियां चुनावी मैदान में हैं और उनपर पार्टी ने बड़ा भरोसा जताया है. कई नेता पत्नियां तो पहले भी चुनावी मैदान में किस्मत आजमा चुकी हैं, जबकि कुछ पहली बार ताल ठोक रही हैं. इन नेता पत्नियों की राजनीति और उनके प्रतिद्वंदियों के बारे में विस्तार से जानें

By Rajneesh Anand | October 25, 2024 6:46 PM
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Jharkhand Assembly Election 2024 :  झारखंड विधानसभा चुनाव इस बार दो चरण में हो रहा है और अबतक जितनी सीटों के लिए विभिन्न पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है उसमें कई ‘नेता पत्नियां’ भी नजर आ रही हैं. इन नेता पत्नियों को अपने परिवार की विरासत तो संभालनी ही है, साथ ही उन्हें अपने लिए राजनीति में जमीन में बनानी है. इन नेता पत्नियों में से कुछ की राजनीति में अच्छी पकड़ है और कुछ अभी शुरुआत ही कर रही हैं. 

चुनावी मैदान में हैं ये नेता पत्नियां 

झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार कई नेता पत्नियां नजर आ रही हैं, इनमें जिनके नाम की चर्चा खूब हो रही हैं उनमें कल्पना सोरेन, मीरा मुंडा, निशात आलम, सीता सोरेन  सोरेन और गीता कोड़ा शामिल हैं. झामुमो ने गांडेय विधानसभा क्षेत्र से कल्पना सोरेन को टिकट दिया है. कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा चुनाव का उपचुनाव जीता था और वे यहां से फिर चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी को पोटका विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. जेएमएम ने ईचागढ़ से पूर्व उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो की पत्नी सबिता महतो को चुनावी मैदान में उतारा है. शिक्षा मंत्री रहे जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को पार्टी ने एक बार फिर डुमरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है.

कल्पना सोरेन, मीरा मुंडा सहित ये नेता पत्नियां दिखाएंगी झारखंड में कमाल, संभालेंगी विरासत 3

कांग्रेस नेता आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को पहली बार टिकट दिया गया है वे पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं. ईडी की कार्रवाई के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था और मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था. जामताड़ा सीट से बीजेपी ने हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन को टिकट दिया है वे जामताड़ा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. रामगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी चुनाव में हैं, जो बजरंग महतो की पत्नी हैं और जिन्हें अपनी विधायिकी गोला गोली कांड में दोषी पाए जाने के बाद गंवानी पड़ी थी. सिंदरी से बीमार विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी को बीजेपी ने टिकट दिया है और उनपर विश्वास जताया है. झरिया से पूर्व विधायक नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है और उनके सामने हैं पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह उनपर बीजेपी ने भरोसा जताया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी को बीजेपी ने जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है.

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कल्पना सोरेन का आत्मविश्वास चरम पर है

ईडी की कार्रवाई के बाद कल्पना सोरेन ने राजनीति में औपचारिक इंट्री ली और उनका आत्मविश्वास देखकर उनके विरोधी भी वाह कर बैठे हैं. कल्पना सोरेन ने अपने भाषणों में बीजेपी पर जमकर हमला बोला और हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में पार्टी को बखूबी संभाला. पार्टी में कल्पना सोरेन के बढ़ते कद को देखकर ही सीता सोरेन बागी हुईं और बीजेपी का दामन थाम लिया. कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा का उपचुनाव जीतकर जनता के बीच अपनी पैठ बनाई है. कल्पना सोरेन को परिवार जितना महत्व मिला और जिस तरह वे पार्टी में भी सक्रिय हुईं, इससे उनकी जेठानी सीता सोरेन नाराज हो गईं और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दिया. सीता सोरेन ने पति दुर्गा सोरेन की मौत के बाद राजनीति में कदम रखा था.

मीरा मुंडा, निशात आलम और तारा देवी संभालेंगी पति की विरासत

मीरा, निशात और तारा देवी ऐसी नेत्री हैं, जो पति की विरासत को संभालने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगी. इन्हें चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं हैं, लेकिन परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि का इन्हें फायदा मिलेगा. सिंदरी से तारा देवी अपने बीमार पति की जगह चुनाव में उतरेंगी, जबकि निशात आलम को पार्टी ने आलमगीर आलम पर ईडी की कार्रवाई के बाद टिकट दिया है. अर्जुन मुंडा खूंटी से लोकसभा का चुनाव हार गए थे.

झरिया में देवरानी-जेठानी की जंग

सिंह मेंशन की देवरानी- जेठानी यानी पूर्णिमा सिंह और रागिनी सिंह इस बार झरिया विधानसभा क्षेत्र में आमने -सामने हैं. पूर्णिमा सिंह को कांग्रेस ने और रागिनी सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया है. दोनों पूर्व विधायकों की पत्नी हैं और अपने इलाके में इनका बड़ा रुतबा है. कभी सिंह मेंशन की एकता इलाके में प्रसिद्ध थी लेकिन आज देवरानी और जेठानी की प्रतिद्वंदिता की चर्चा है.

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