Karoline Leavitt : 2024 में डोनाल्ड ट्रंप के अभियानों का नेतृत्व कर रहीं कैरोलिन लेविट को अब व्हाइट हाउस का प्रेस सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है. कैरोलिन लेविट मात्र 27 वर्ष की हैं और इतनी कम उम्र में इस पद तक पहुंचने वाली वह पहली शख्सियत भी हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने कैरोलिन के नाम की घोषणा करते हुए कहा-कैरोलिन लेविट ने मेरे ऐतिहासिक अभियान में राष्ट्रीय प्रेस सचिव के रूप में अभूतपूर्व काम किया है. मुझे खुशी हो रही है कि वे अब व्हाइट हाउस प्रेस सचिव के रूप में काम करेंगी. अपनी नियुक्तियों की घोषणा से पहले ट्रंप इसी तरह के शब्दों का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं.
कौन हैं कैरोलिन लेविट?
कैरोलिन लेविट ट्रंपवर्ल्ड का काफी अहम हिस्सा रही हैं. वे डोनाल्ड ट्रंप के पहले शासनकाल में भी उनके साथ थीं और सहायक प्रेस सचिव के रूप में काम रहीं थीं. वे राष्ट्रपति के भाषणों को तैयार करने और उनके लिए विभिन्न मसलों पर लेखन का कार्य भी करती थीं. कैरोलिन का जन्म न्यू हैम्पशायर में हुआ है और इनके माता-पिता एक आइसक्रीम की दुकान चलाते थे. कैरोलिन एक कैथोलिक ईसाई हैं . पढ़ाई के दौरान ही वे ट्रंप के समर्थन में काॅलेज मैगजीन में लेख लिखा करती थी. उन्होंने कम्यूनिकेशन और राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की है. इन्होंने व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ प्रेसिडेंशियल कॉरेस्पोंडेंस से इंटर्नशिप किया और उसके बाद उन्होंने व्हाइट हाउस प्रेस ऑफिस ज्वाइन कर लिया. कैरोलिन महत्वाकांक्षी हैं और उन्होंने इसका परिचय देते हुए 2022 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की और प्राइमरी में 10 अंकों से जीत भी हासिल की. इतनी कम उम्र में यह सफलता हासिल करने वाली वह दूसरी युवा बनीं हैं. कैरोलिन अपने काम को लेकर बहुत ही समर्पित हैं, यही वजह है कि जुलाई 2024 में मां बनने के तुरंत बाद ही वह काम पर लौट आईं, जबकि उनका बच्चा अभी मात्र चार महीने का ही है. काम को लेकर कैरोलिन का यह समर्पण उनके सख्त और जीवट व्यक्तित्व को भी दर्शाता है. प्रेस सेक्रेटरी बनाए जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कैरोलिन कहती हैं कि यह एक अविश्वसनीय सम्मान है.
ट्रंप टीम में इन 3 तीन बातों को ध्यान में रखकर दी जा रही है जगह
डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करना है. इससे पहले वे अपनी टीम का गठन जिस प्रकार कर रहे हैं, उससे कुछ बातें साफ तौर पर नजर आती हैं-1. वफादारी 2. सबक और 3. कानूनी मामले. ये तीन ही प्रमुख वजह हैं जो ट्रंप कैबिनेट में जगह पक्की कर रहे हैं.
वफादारी : ट्रंप प्रशासन में इस बार कई ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई है, जो टीम का हिस्सा सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि वे डोनाल्ड ट्रंप के प्रति ईमानदार हैं. ईमानदारी का ईनाम यह है कि चाहे उनके पास उस पद के लिए पर्याप्त योग्यता और अनुभव ना भी हो, तब भी उनको टीम में जगह मिलेगी. ऐसे नामों में प्रमुख हैं- रक्षा सचिव पीट हेगसेथ. पीट हेगसेथ फॉक्स न्यूज के एंकर हैं और वे लंबे समय तक सेना के लिए सेवा दी है. वे इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का हिस्सा रहे, लेकिन उन्होंने कभी कोई राजनीतिक पद नहीं संभाला, लेकिन वे देश के रक्षा सचिव नियुक्त किए गए हैं. वे मात्र 44 साल के हैं और विश्व की सबसे शक्तिशाली मानी जाने वाली सेना का नेतृत्व करेंगे. कैरोलिन लेविट की नियुक्ति को भी इसी तरह का माना जा रहा है.
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सबक : डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार के पिछले शासनकाल से काफी सबक भी लिया है और नियुक्तियों में वे बातें साफ नजर आ रही हैं. द न्यू यॉर्क टाइम्स का कहना है कि ट्रंप 2.0 में उन्होंने पेंटागन, खुफिया एजेंसियां और न्याय विभाग की नियुक्तियों में इस बात का खास ध्यान रखा है. पिछले शासनकाल में इन पदों पर जिन लोगों की नियुक्ति हुई थी उनका ट्रंप से विवाद हो गया था और इस्तीफे भी हुए थे. लेकिन इस बार ट्रंप यह समझ चुके हैं कि सत्ता कैसे काम करती है.
कानूनी मामले : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चार आपराधिक मामले चल रहे हैं, उनको ध्यान में रखते हुए ही ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल के रूप में मैट गेट्ज की नियुक्ति की घोषणा हुई है. मैट उनके वफादार हैं और संभव है कि वे उनके खिलाफ जो आपराधिक मामले चल रहे हैं. उनसे उन्हें राहत दिलाने में मदद करें, क्योंकि अभी जो लोग इस विभाग में हैं वे ट्रंप के खिलाफ हैं. अमेरिका में यह व्यवस्था भी है कि राष्ट्रपति पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, इसका फायदा भी उन्हें मिलेगा और साथ ही वफादार व्यक्ति के साथ में होने की वजह से उन्हें परेशानी भी नहीं होगी.