पेजर ब्लास्ट से पस्त हुए हिजबुल्लाह के लड़ाके, विस्फोट में क्या है इजरायल की भूमिका?

Lebanon Hezbollah pager explosions : हिजबुल्लाह के लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पेजर में 17 सितंबर को एक के बाद एक धमाके हुए जिसकी वजह से इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव और बढ़ गया है और हिजबुल्लाह ने धमकी दी है कि इजरायल को इसके परिणाम भुगतने होंगे. इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विवाद नया नहीं है. 31 जुलाई को हमास चीफ इस्माइल हानिए की हत्या के बाद हिजबुल्लाह ने इजरायल पर हमले तेज कर दिए हैं और उसे इसमें ईरान का समर्थन भी हासिल है. पेजर ब्लास्ट की पूरी कहानी क्या है और क्यों हिजबुल्लाह और इजरायल भिड़े हुए हैं, जानिए पूरी बात.

By Rajneesh Anand | September 18, 2024 1:44 PM

Lebanon Hezbollah pager explosions : लेबनान में मंगलवार को हुए पेजर ब्लास्ट में अबतक 11 लोगों की मौत हुई है और 3000 से अधिक लोग घायल हैं. अमेरिकी एजेंसी एसोसिएडेट प्रेस के अनुसार हिजबुल्लाह के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नए ब्रांड के पेजर पहले गर्म हुए और फिर ब्लास्ट हो गया. ईरान के राजदूत मोजतबा अमानी भी इस पेजर विस्फोट में घायल हुए हैं. यह पेजर ब्लास्ट अप्रत्याशित था, इसलिए लोग सकते में हैं और इसके लिए इजरायल को दोषी बताया जा रहा है. हिजबुल्लाह ने कहा है कि इस घातक पेजर विस्फोट के लिए इजरायल को कीमत चुकानी होगी. पेजर ब्लास्ट के बाद लेबनान की सड़कों पर कई लोगों को गिरा हुआ देखा गया है. वे घायल थे और उन्हें इलाज की सख्त जरूरत थी.


क्या है पेजर ब्लास्ट

हिजबुल्लाह के लड़ाके इजरायल से बचने के लिए सेलफोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे संदेशों के आदान-प्रदान के लिए पेजर का प्रयोग करते हैं. हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने अपने ग्रुप के सदस्यों को सेलफोन न रखने की चेतावनी दे रखी है ताकि इजरायल उनकी गतिविधियों पर नजर ना रख सके और हिजबुल्लाह के लड़ाके उनके हमले से बचा रह सके. समाचार एजेंसी राॅयटर्स के अनुसार इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने मंगलवार को हुए पेजर ब्लाॅस्ट की तैयारी बहुत पहले कर रखी थी. मोसाद ने हिजबुल्लाह द्वारा आॅर्डर किए गए 5000 ताइवानी पेजर में विस्फोटक रखे थे, जिसकी वजह से यह ब्लाॅस्ट हुआ है. लेबनान में हुआ यह ब्लास्ट हिजबुल्लाह की बड़ी नाकामी है क्योंकि उन्हें यह पता नहीं चल पाया था कि वे जिस पेजर का इस्तेमाल संदेश आदान-प्रदान के लिए कर रहे थे, वे उनके लिए इतने खतरनाक साबित हो जाएंगे.


क्या होता है पेजर?

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पेजर एक छोटा इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस है, जिसका प्रयोग आमतौर पर मैसेज भेजने और रिसीव करने के लिए किया जाता है. हालांकि अब यह डिवाइस बाजार से बिलकुल आउट हो चुका है. भारत में 1994-95 में मोटोरोला और नोकिया जैसी कंपनियां पेजर लेकर आई थीं और इसका मुख्य उद्देश्य इमरजेंसी मैसेज भेजना और रिसीव करना था. यही वजह था कि यह आम लोगों की बजाय उन प्रोफेशनल्स के द्वारा ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था जो इमरजेंसी ड्‌यूटी करते थे और मैसेज भेजते थे. पेजर रेडियो सिग्नल के जरिए मैसेज भेजता और रिसीव करता था.


क्यों आमने-सामने हैं हिजबुल्लाह और इजरायल

पेजर ब्लास्ट से पस्त हुए हिजबुल्लाह के लड़ाके, विस्फोट में क्या है इजरायल की भूमिका? 5

हमास चीफ इस्माइल हानिए की 31 जुलाई 2024 को तेहरान में हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया गया और ईरान ने खुले तौर पर यह घोषणा कर दी थी कि इजरायल को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. इस्माइल हानिए की हत्या के बाद हिजबुल्लाह ने 24 अगस्त को राॅकेट बरसाए, जिससे इजरायल बौखलाया हुआ था और उसने यह कहा था कि हिजबुल्लाह ने उसके निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया है और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. लेबनान पेजर ब्लाॅस्ट पर इजरायल की ओर से कोई बयान तो जारी नहीं हुआ है लेकिन इसे हिजबुल्लाह के खिलाफ जवाबी कार्रवाई ही माना जा रहा है. हिजबुल्ला को ईरान और सीरिया का समर्थन प्राप्त है और इस आतंकवादी संगठन की स्थापना 1982 में की गई थी. हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरूल्लाह का कहना है कि उनके पास एक लाख से अधिक लड़ाके हैं. यह लड़ाके गुरिल्ला युद्ध में माहिर हैं और इनका उद्देश्य इजरायल के खिलाफ युद्ध करना और उसे सबक सिखाना है.

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पेजर ब्लास्ट की जड़ में भी फिलिस्तीन और इजरायल विवाद

लेबनान में मंगलवार को हुए पेजर ब्लास्ट की जड़ें भी फिलिस्तीन और इजरायल विवाद से ही जुड़ी हैं. फिलिस्तीन कहे जाने वाले इलाके पर ब्रिटेन का अधिकार था, जहां की बहुसंख्यक आबादी अरब के लोगों की थी, लेकिन नाजी नरसंहार के बचने के लिए यहूदी यहां आकर बसने लगे जिससे उनकी यहां अच्छी-खासी आबादी हो गई. जब यहूदी यहां ज्यादा आने लगे तो फिलिस्तीनियों ने उनका विरोध किया. यह विवाद तब और बढ़ गया, जब 1917 में ब्रिटेन के विदेश सचिव आर्थर जेम्स ने बाल्फोर घोषणा की . इस घोषणा में यह कहा गया था कि फिलिस्तीन में यहूदियों के लिए एक घर होगा, यानी उनके लिए अलग देश बनाया जाएगा. इस घोषणा के बाद यहूदियों और फिलिस्तीनियों का संघर्ष और बढ़ गया. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो भाग में बांटने की घोषणा की थी, जिसे यहूदियों ने स्वीकार किया, लेकिन फिलिस्तीनियों ने इसे स्वीकार नहीं किया और युद्ध छिड़ गया. 14 मई, 1948 को इजरायल ने अपने आपको स्वतंत्र देश घोषित कर दिया, इसके बाद फिलिस्तीन-इजराइल युद्ध की शुरुआत हुई. वर्ष 1949 में इस युद्ध में इजरायल की जीत हुई और सात लाख से अधिक फिलिस्तीनी विस्थापित हो गये और यह क्षेत्र तीन भागों में विभाजित हो गया- इजरायल, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया. यह तनाव आज भी कायम है और फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध जारी है. इसी वजह से हमास और हिजबुल्लाह इजरायल के दुश्मन हैं.

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