Lok Sabha Elections 2024: जानिए लोकसभा चुनाव में अगर वोट नहीं देंगे तो आप करेंगे कितना बड़ा नुकसान
Lok Sabha elections 2024: एक वोट से कर्नाटक में हार गया था विधानसभा का उम्मीदवार, एक वोट से गिर गई थी अटल जी की सरकार. 9 वोट से जीतकर सोम मरांडी बने थे राजमहल के सांसद.
Lok Sabha elections 2024: क्य़ा आपको अपने एक वोट की कीमत पता है? कहीं आपको यह तो नहीं लगता है कि आपके एक वोट से क्या बनना-बिगड़ना है. अगर हां तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करने में टालमटोल करने से पहले जरूर जान लीजिए. 2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव और 2008 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक-एक सीट पर दो उम्मीदवारों के बीच हार-जीत का फासला केवल एक वोट था.
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2024 के लोकसभा चुनाव में भी किसी एक सीट पर आपका ऐसा ही एक वोट किसी उम्मीदवार की हार-जीत का कारण न बन जाए. लोकसभा में भी एक वोट कम होने के कारण अटल जी की सरकार गिर गई थी. अलग झारखंड बनने से पहले 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सोम मरांडी की जीत मात्र नौ वोटों से हुई थी.
हार राजमहल के मौजूदा सांसद विजय हांसदा के पिता थॉमस हांसदा की हुई थी. इसलिए एक वोट से सांसद बदल सकता है. एक सांसद से केंद्र की सरकार बदल सकती है. इसलिए अब नहीं कहिएगा कि आपके एक वोट से क्या बनने-बिगड़ने वाला है.
आपके एक वोट के लिए चुनाव आय़ोग खर्च कर रहा 80 रुपया
झारखंड की जनसंख्या 4.06 करोड़ है, जिसमें से 2 करोड़ 55 लाख 18 हजार 642 वोटर्स हैं. चुनाव आयोग मतदान की तैयारियों पर झारखंड में 200 करोड़ रुपया खर्च कर रहा है. ऐसे में लगभग एक वोटर पर 80 रुपये के आस-पास खर्च आता है.
एक-एक वोट के लिए चुनाव आय़ोग लगा रहा जोर
हर एक मतदाता का वोट सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने पूरी ताकत झोंक दी है. सोशल मीडिया पर ऐसी कई कहानी वायरल हो रही है, जिससे पता चलता है कि चुनाव आयोग के लिए एक वोट का महत्व क्या है.
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर-पूर्व भारत के एक सुदूर गांव मालोगम में एक महिला मतदाता की वोटिंग के लिए पोलिंग टीम को 300 मील जाना पड़ा था.
अधिक से अधिक मतदान के लिए चुनाव आयोग लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है. सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों से अपील की जा रही है.
के रवि कुमार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
विशेषज्ञ ने बताया, लोग क्यों करते हैं कम मतदान
युवा
युवाओं को ऐसा लगना चाहिए कि हमारा भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो सके. इनकी जरूरतों को समझकर प्लानिंग की जाए, तो ये जरूर वोट करेंगे. युवाओं के लिए रोजगार और अवसर की प्राथमिकता सबसे ऊपर होनी चाहिए.
बुजुर्ग
कई बुजुर्ग स्वास्थ्य कारणों से वोट करने मतदान केंद्र तक नहीं जा पाते. ऐसी ही स्थिति बीमार लोगों की भी होती है. इस स्थिति में अगर ऑनलाइन वोटिंग का ऑप्शन हो तो उनके लिए वोट करना सुविधाजनक होगा.
“एक वोट का महत्व देश को आगे बढ़ाने में बहुत मायने रखता है. एक-एक बूंद से घड़ा भरता है. देश के विकास में हम सबका योगदान बहुत जरूरी है.”
डॉ रीना नंद, सहायक प्राध्यापक, पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट डीएसपीएमयू