Mission Mausam : जानिए, भारत कैसे बनेगा क्लाइमेट स्मार्ट, वर्षा की होगी सटीक भविष्यवाणी

किस कदम से गलत नहीं साबित होगा मौसम का पूर्वानुमान, पढ़िए खास रिपोर्ट….

By Mukesh Balyogi | September 13, 2024 12:00 PM
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Mission Mausam : आने वाले दिनों में आप मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर अगले कई दिनों का प्लान बना सकेंगे. आगे ऐसा नहीं होगा कि मौसम विभाग ने घोषणा कर दी कि कल धूप खिली रहेगी और आपके घर से बाहर निकलते ही पहले बादलों ने घेरा और फिर मूसलाधार बारिश होने लगी और भींगते हुए घर पहुंचे और कई दिनों तक बीमार पड़े रहे. 

मौसम की सटीक घोषणा नहीं होने की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए भारत सरकार ने अगले दो साल में दो हजार करो़ड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है. इसके तहत आम जनों को कई दिन बाद तक के मौसम की सटीक जानकारी मिल जाएगी. भारत सरकार ने इसका नाम मिशन मौसम रखा है. केंद्र सरकार का पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इसका संचालन करेगा.

Mission Mausam : मौसम का फोरकास्ट नहीं नाऊकास्ट होगा 

भारत सरकार अब मौसम का फोरकास्ट नहीं नाऊकास्ट करेगी. इसके लिए अंतरिक्ष में उच्च क्षमता वाले रडार के साथ कई हाईटेक सेटेलाइट स्थापित करने जा रही है. इसके जरिए वायुमंडल में काफी दूर हो रहे हलचल को भी भांपा जा सकेगा. साथ ही डेटा मॉडलिंग और नई तकनीक के जरिये समय से पहले मौसम की काफी सटीक जानकारी दी जा सकेगी. हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटर के जरिए आंकड़ों का सही विश्लेषण कर तुरंत निष्कर्ष निकाला जाएगा.

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पढ़ाई से लेकर कारोबार तक में होगा फायदा

मिशन मौसम का लक्ष्य पढ़ाई से लेकर कारोबार तक का पूरा परिदृश्य बदल देने का है. इसके तहत वायु की गुणवत्ता, एयर क्वालिटी, कोहरे और चक्रवात आदि की भी समय से पहले जानकारी मिल जाएगी. इस कारण जलवायु परिवर्तन के संकट से परेशान हो रहे लोगों को पर्यावरण हितैषी सूचनाएं जल्द से जल्द मिल सकेंगी.

शहरी विकास, परिवहन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में भी इससे काफी सुधार होगा. कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, उड्डयन, ऊर्जा, जलसंसाधान और पर्यटन सबंधी कई  क्षेत्रों को इससे फायदा होगा. 

Mission Mausam : ये संस्थान कर रहे हैं तैयारी 

भारत मौसम विज्ञान विभाग, ऊष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र, राष्ट्रीय़ महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान. 

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