National News : अपने देश में इलाज बहुत महंगा है. ऐसे में गरीब परिवार के लिए इसका बोझ असह्य हो जाता है. पैसे के अभाव में वे इलाज ही नहीं करा पाते हैं और बीमारियों से जूझते रहते हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी, ताकि गरीब परिवारों को नि:शुल्क बेहतर इलाज मिल सके. हाल ही में सरकार ने इस योजना का विस्तार किया है और इसमें हर वर्ग के 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग को भी शामिल किया है. ऐसे में आयुष्मान भारत योजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है. जानते हैं इस योजना के बारे में…
इलाज का पूरा खर्च सरकार के जिम्मे
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना 2018 में लॉन्च की थी. यह योजना देशभर में लागू है, इसलिए इसके तहत देशभर के चुनिंदा सरकारी और निजी अस्पतालों में पात्र व्यक्ति अपना इलाज करवा सकता है. इसके तहत मरीज के इलाज का खर्च केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाती है. इस योजना के मौजूदा ढांचे के अंतर्गत राज्यों व वैसे केंद्र शासित प्रदेश जहां विधायिका है, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खर्च का अनुपात 60:40 (पूर्वोत्तर के राज्यों और तीन हिमालयी राज्यों को छोड़कर) है. वहीं पूर्वोत्तर और तीन हिमालयी राज्यों (जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) में यह अनुपात 90:10 है. जबकि बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेश का पूरा खर्च केंद्र सरकार के जिम्मे है.
इन्हें मिलता है योजना का लाभ
पीएम जेएवाई को हाशिये के 40 प्रतिशत गरीब और कमजोर जनसंख्या के लिए शुरू किया गया है, जिसमें लगभग 12 करोड़ घर शामिल हैं, हालांकि अभी इस योजना का विस्तार करते हुए 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को भी शामिल किया गया है. इस योजना में जिन परिवारों को शामिल किया गया है, वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (एसईसीसी 2011) के मानदंडों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लाभर्थियों के लिए जो मानदंड निर्धारित किये गये हैं वे निम्नलिखित हैं.
ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी
- कच्ची दीवार व कच्चे छत वाला एक कमरे का घर वाला परिवार
- जिनके घर में 16 से 59 आयु वर्ग का एक भी वयस्क सदस्य नहीं है.
- जिन घरों में 16 से 59 आयु वर्ग के एक भी पुरुष सदस्य नहीं हैं.
- वैसे परिवार जहां विकलांग सदस्य रहते हैं और परिवार में एक भी सक्षम वयस्क सदस्य नहीं है.
- अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय.
- भूमिहीन परिवार जो मजदूरी या पार्ट टाइम काम करते हैं.
- निराश्रित/भिक्षा पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजातीय समूह, कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ मजदूर.
शहरी क्षेत्रों के लाभार्थी
कचरा बीनने वाले, भीख मांगने वाले, घरेलू नौकर, फेरीवाले, सड़कों पर खोमचे लगाने वाले, सामान बेचने वाले व अन्य काम करने वाले, मोची, कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्लंबर, राजमिस्त्री, श्रमिक, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली, सफाई कर्मचारी, साफ-सफाई करने वाले, माली, होम बेस्ड वर्कर, कारीगर, हस्तशिल्प श्रमिक, दर्जी, परिवहन कर्मचारी, ड्राइवर, कंडक्टर, ड्राइवर व कंडक्टर के सहायक, ठेला व रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले, छोटे प्रतिष्ठान के चपरासी, हेल्पर, डिलीवरी असिस्टेंट, अटेंडेंट, वेटर, इलेक्ट्रीशियन, मेकेनिक, असेंबलर, मरम्मर करने वाले, धोबी, चौकीदार आदि इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
इन लोगों को नहीं मिल सकता लाभ
- संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
- ऐसे लोग जिनके पक्के मकान हैं, जिनके पास गाड़ी है, वे भी इस योजना के दायरे से बाहर हैं.
- वैसे लोग जिनका प्रोविडिएंड फंड, यानी भविष्य निधि कटता है, वे भी इस योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ के पात्र नहीं हैं.
- जो व्यक्ति ईएसआईसी, यानी कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सदस्य हैं, वे भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं.
- सरकारी कर्मचारी को भी इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है.
- जो लोग आयकर भरते हैं, वे भी आयुष्मान भारत योजना के दायरे से बाहर हैं.