सिंगापुर में प्रति व्यक्ति आय 133.74 डाॅलर, ली कुआन यू ने गरीबी मिटाकर बदली तस्वीर
PM Modi in Singapore : 1965 में स्वतंत्र हुआ देश सिंगापुर एशिया का सबसे अमीर देेश है. आजादी के वक्त यह गरीब देशों की सूची में शामिल था. जिस तरह इस देश ने विकास के सफर को तय किया और एक मुकाम हासिल किया वह उल्लेखनीय है.
PM Modi in Singapore : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. सिंगापुर के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी है. सिंगापुर विश्व का प्रमुख बंदरगाह है, जिसका उपयोग समुद्री मार्ग से व्यापार के लिए किया जाता है. लेकिन सिंगापुर आज जैसा दिखता है, वैसा वह अपनी आजादी के वक्त नहीं था. सिंगापुर को मलयेशिया से आजादी 9 अगस्त 1965 में मिली थी. उस वक्त यहां गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याएं व्याप्त थीं. सिंगापुर को 1965 के बाद महज 25 साल में वहां के प्रधानमंत्री ली कुआन यू ने विकसित देश बना दिया. सिंगापुर मलक्का स्ट्रेट में स्थित है, जो विश्व का प्रमुख व्यापारिक मार्ग है. खासकर चीन के लिए यह मार्ग बहुत खास है, क्योंकि उसका यूरोप से व्यापार इसी मार्ग से होता है. सिंगापुर के विकास की पूरी कहानी यहां पढ़ें.
सिंगापुर का इतिहास
सिंगापुर के बारे में कहा जाता है कि इंडोनेशिया के प्राचीन राजवंश के एक राजकुमार इस द्वीप पर गए थे और उन्होंने वहां एक सिंह को देखा, जिसके बाद यहां सिंगपुरा नाम की बस्ती बसाई गई थी. 14वीं सदी के दौरान श्रीविजयन राजकुमार परमेश्वर के शासन काल में विश्व को इस द्वीप का महत्व बता चलने लगा. यह प्रमुख बंदरगाह बना और धीरे-धीरे ब्रिटेन ने यहां अपना बंदरगाह बना लिया, जिसके बाद यह व्यापार के लिए सबसे प्रसिद्ध बंदरगाह और मार्ग बन गया. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यहां से ब्रिटेन का शासन समाप्त हुआ और यह जापान के अधीन चला गया. फिर यह मलयेशिया के अधीन रहा और अंतत: 9 अगस्त 1965 में सिंगापुर एक स्वतंत्र देश बना.
आजादी के वक्त यह बहुत ही गरीब देश था जहां गरीबी, बेरोजगारी, गंदगी और आवास की समस्या बहुत गंभीर थी. उस वक्त ली कुआन यू सिंगापुर के तारणहार के रूप में सामने आए और उन्होंने सिंगापुर का आश्चर्यजनक ढंग से विकास किया. उनके बेहतरीन कार्यों ने सिंगापुर को एशिया में सबसे अमीर देश बना दिया, जहां प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक 133.74 डाॅलर है.
कौन थे ली कुआन यू जिसने बदली सिंगापुर की तस्वीर
ली कुआन यू सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे, इन्होंने सिंगापुर के विकास के लिए कई कठोर निर्णय भी किए जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त ना करने की बात भी कही और उसे लागू किया. अपनी जनता को एक बेहतर जीवन शैली के लिए प्रेरित किया और लोगों को बेहतर जीवन जीने के तरीके बताए. ली कुआन यू ने अपने देश में निवेश के लिए अप्रवासियों को आकर्षित किया ताकि वहां के लोगों को रोजगार मिल सके. ली कुआन यू ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी ध्यान दिया और एक से एक बिल्डिंग और एयरपोर्ट का निर्माण कराया. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए फार्मूला वन रेसिंग की शुरुआत, कैसिनो का निर्माण छत पर खूबसूरत बार बनाकर सिंगापुर ने पर्यटकों का दिल जीत लिया. सड़क पर गंदगी करने वालों के लिए दंड का प्रावधान किया गया और शौचालयों में फ्लैश ना करना अपराध बन गया, जिसके लिए दंड का प्रावधान किया गया. ली ने च्यूइंगम को भी बैन कर दिया था, ताकि सड़क पर गंदगी ना फैले. ली ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी और उन्होंने एक बेहतर जीवन के लिए अपने देश के लोगों को ट्रेंड किया. Lee Kuan Yew: the Man and His Ideas किताब में उनके जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया गया है. इस किताब में सिंगापुर के बनने की कहानी अंकित है, जो प्रेरणा है.
Also Read : हिंदू-मुसलमान के बीच क्यों है दीवार, इतिहास में ऐसा क्या हुआ जो अबतक है हावी?
जीरो साबित हो सकता है ममता दीदी का अपराजिता बिल, संविधान के अनुसार क्या हैं प्रावधान
विश्व मानचित्र पर सिंगापुर का महत्व
सिंगापुर विश्व के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण जलमार्ग मलक्का स्ट्रेट में स्थित है, जहां से होकर ही चीन का अधिकांश कारोबार होता है. इस मार्ग के जरिए चीन को 80 प्रतिशत ईंधन की आपूर्ति भी होती है. मलक्का स्ट्रेट हिंद महासागर और प्रशांत महासागर को जोड़ता है, जिसकी वजह से यह यूरोपीय देशों के साथ व्यापार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. मलक्का स्ट्रेट में भारत की उपस्थिति भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अंडमान सागर इस स्ट्रेट से मात्र 200 किलोमीटर दूर है. इन हालात में दक्षिण एशिया में एक बैलेंस बनाने के लिए सिंगापुर और भारत का साथ आना बहुत महत्वपूर्ण है.
सिंगापुर भारत में सबसे अधिक निवेश करने वाला देश
राजनीतिक विश्लेषक डाॅ धनंजय त्रिपाठी कहते हैं कि सिंगापुर फाइनेंशियल हब है. यहां का आईटी सेक्टर भी बहुत मजबूत है. जहां तक बात भारत और सिंगापुर के संबंधों की है तो इसकी शुरुआत ली कुआन यू के समय से ही गई थी जब उन्होंने भारतीय मूल के लोगों के साथ मिलकर सिंगापुर में बड़ा बदलाव किया. सिंगापुर भारत में सबसे अधिक निवेश करने वाला देश है. पिछले साल भी सबसे ज्यादा एफडीआई इसी देश से भारत आया था. चूंकि सिंगापुर चीन को लेकर असहज रहता है, इसलिए वो दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत का साथ चाहता है, ताकि एक बैलेंस बना रहे. दक्षिश एशिया में भारत का प्रभाव बना रहे इसके लिए सिंगापुर भारत का बहुत हिमायती भी रहा है.
ली कुआन यू जो सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने सिंगापुर को इतना महत्वपूर्ण बनाने में काफी योगदान दिया. हालांकि उनके प्रयासों की वजह से उनकी निंदा भी हुई बावजूद इसके उनके कार्य अभूतपूर्व थे जिन्होंने सिंगापुर को गरीब देश से एशिया का सबसे अमीर देश बना दिया. उन्होंने फ्री मार्केट इकोनाॅमी को प्रमोट किया, उन्होंने सिंगापुर को रिजनल डाॅलर एक्सचेंज बनाया. रिचर्ड निक्सन ने उनके बारे में कहा था-ए बिग मैन इन स्माॅल स्टेज. उनके कहने का आशय यह था कि ली छोटे से देश में थे अगर वे किसी बड़े देश में होते तो उनके कार्यों के लिए उन्हें ज्यादा प्रसिद्धि मिलती.
Also Read :क्या ‘झारखंड टाइगर’ खा सकते हैं जेएमएम का वोट बैंक, कोल्हान में कितनी मजबूत होगी बीजेपी?
एशिया का सबसे अमीर देश कौन है?
सिंगापुर एशिया का सबसे अमीर देश है.
ली कुआन यू कौन थे?
ली कुआन यू सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने सिंगापुर की पूरी तस्वीर बदल दी और उसे एक गरीब देश से एशिया का सबसे अमीर देश बनाया.