प्रवासी भारतीय सम्मेलन

आयोजन का एक उद्देश्य जहां दुनियाभर में फैले प्रवासी भारतीयों को उनके पूर्वजों की भूमि भारत से जोड़ना है, वहीं इसका दूसरा उद्देश्य सरकार की पूर्वोत्तर योजना है. प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि पूर्वी भारत को विकसित किये बिना विकसित भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता.

By संपादकीय | January 10, 2025 6:30 AM

Pravasi Bharatiya Divas : देश में हर दो वर्ष पर आयोजित होने वाला प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बुधवार को शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 18वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनायीं और कहा कि हमारे सामने 2047 का लक्ष्य है. वर्ष 2047 तक हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है.

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों द्वारा भारत के विकास में दिये गये योगदान की भी प्रशंसा की. विदित हो कि पहला प्रवासी भारतीय दिवस नौ जनवरी, 2003 को मनाया गया था. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी. वर्ष 2003 से 2015 तक यह सम्मेलन हर वर्ष मनाया जाता था, पर उसके बाद से यह हर दो वर्ष पर मनाया जाने लगा.

इस दिवस पर प्राय: तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और इसमें अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले भारतवंशियों का सम्मान किया जाता है. हर वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस किसी विशेष थीम को चिह्नित कर मनाया जाता है. इस बार का थीम है ‘विकसित भारत के लिए प्रवासी भारतीयों का योगदान.’ इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के साथ अप्रवासी भारतीयों के संबंधों को मजबूत करना और उनके योगदानों को मान्यता देना है. इस बार का प्रवासी भारतीय सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसका आयोजन पहली बार किसी पूर्वी राज्य में हुआ है.

आयोजन का एक उद्देश्य जहां दुनियाभर में फैले प्रवासी भारतीयों को उनके पूर्वजों की भूमि भारत से जोड़ना है, वहीं इसका दूसरा उद्देश्य सरकार की पूर्वोत्तर योजना है. प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि पूर्वी भारत को विकसित किये बिना विकसित भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता. यह भी सच है कि अप्रवासी भारतीयों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है. विदेश मंत्रालय के अनुमानों के अनुसार, नवंबर 2024 दुनिया में अप्रवासी भारतीयों की संख्या 1.58 करोड़ थी.

विश्व बैंक 2023 के आंकड़ों की मानें, तो अप्रवासी भारतीयों द्वारा भारत में कुल 120 अरब डॉलर की राशि भेजी गयी थी, जिसके 2024 और 2025 में बढ़ने की उम्मीद है. भारत की विदेशी मुद्रा की पूर्ति भी कई बार अप्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गये धन से ही होती है. इस दृष्टि से भी यह आयोजन महत्वपूर्ण है.

Next Article

Exit mobile version