Prince Of Iran With Israel: ईरान की ओर से इजरायल की राजधानी में 180 मिसाइलें दागने के बाद भी इजरायल की ओर से पलटवार नहीं करना कई तरह की आशंका को बल दे रहा है. एक नजरिया यह है कि इजरायल ऐसा हमला करना चाहता है कि ईरान की कमर पूरी तरह से टूट जाय. दूसरा नजरिया यह है कि हमास, हिज्बुल्लाह और हूती जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई तक तो ठीक है, लेकिन ईरान एक बड़ा देश है. उसके खिलाफ हमले से कई बड़े इस्लामी देश समेत रूस और चीन भी ईरान के साथ खड़े हो सकते हैं. ऐसा होना इजरायल के लिए काफी महंगा होगा. वैसी स्थिति में अमेरिका की मदद के बावजूद इजरायल के वजूद को खतरा पैदा हो सकता है.
इधर, ईरान के निर्वासित राजकुमार मोहम्मद रेजा पहलवी ने ऐसा बयान दे डाला है कि विश्व बिरादरी हैरान है. ईरान के अंदर भी भूचाल है. दुनिया भर के कूटनीतिक पंडित यह सोचने के लिए मजबूर हो गए हैं कि कहीं इजरायल की ओर से जवाबी हमले में हो रही देरी के पीछे यही राज तो नहीं है. ईरान के शासक भी इजरायली हमले के अलावा इस नए खतरे के बारे में भी सोचकर परेशान हैं. अगर अमेरिका और इजरायल सचमुच ऐसी कोई खिचड़ी पका रहे हों तो तब खतरा इजरायली हमले से भी बड़ा है. ईरान के वर्तमान शासक अपने देश के अंदर इजरायल की खुफिया ताकत से भी अनजान नहीं हैं. वहीं ईरान के निर्वासित राजकुमार की देश के अंदर लोकप्रियता से भी अवगत हैं.
Prince Of Iran With Israel: ईरान के खिलाफ क्या कह दिया है राजकुमार ने
ईरान के निर्वासित राजकुमार रेजा शाह पहलवी ने फ़ॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ईरान में इस्लामी शासन का अंत होने से दुनिया से कई बुराइयां समाप्त हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि ईरान की जनता इस्लामी शासन का खात्मा चाहती है. विकसित ईरान के लिए राष्ट्र राज्य के रूप में शासन बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि ईरान के शासन में बदलाव होने से कई तरह की वैश्विक समस्याएं भी खत्म होंगी. इससे मानवता के लिए परमाणु खतरे का भी अंत हो सकता है. उन्होंने ईरान की जनता से वहां के शासन के अंत के लिए भी आह्वान किया.
ईरान के निर्वासित राजकुमार ने इजरायल और पश्चिमी देशों से ईरान में इस्लामी शासन का अंत करने में ईरान की जनता की मदद करने की अपील की है. उन्होंने ईरान की जनता की खुशहाली के लिए इजरायल के साथ दोस्ती को जरूरी बताया. पहलवी ने ईरान के इतिहास में हुए महान शासक साइरस की ओर से यहुदियों की मुक्ति कराने के संदेश को आगे बढ़ाने की अपील की है. अप्रैल 2023 में भी पहलवी ने ईरान की जनता की ओर से दोस्ती का संदेश देने के लिए इजरायल की यात्रा की थी. वहां पश्चिमी दीवार के पास सार्वजनिक सभा में इजरायल और ईरान की दोस्ती के लिए प्रार्थना की.
Prince Of Iran With Israel: आखिर क्या सोच रही है ईरान की जनता
ईरान के सर्वोच्च शासक अयातुल्लाह खामनेई बार-बार इजरायल के विनाश की कसम खाते हैं. ऐसे में ईरान के पूर्व राजपरिवार का इस तरह से ईरान में तख्तापलट का आह्वान करना और इजरायल के समर्थन की अपील करना इस्लामी शासकों के दिल पर हथौड़े की तरह पड़ा है. ईरान के शासक वर्ग से लेकर ईरान के बाहर के लोग भी जानते हैं कि ईरान में 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद वहां से राज परिवार को भगा देने और इस्लामी शासन की स्थापना के बाद भी जनता के बड़े हिस्से में राजपरिवार के प्रति सहानुभूति है.
ईरान के शासक यह भी जानते हैं कि जनता में उनके प्रति विरोध बढ़ रहा है. हर साल कोई न कोई आक्रोश प्रदर्शन हो जाता है. ऐसी स्थिति में पहलवी का सत्ता परिवर्तन का आह्वान जरूर पश्चिमी ताकतों की बड़ी साजिश हो सकती है. ज्ञात हो कि ईरान के तत्कालीन शासक मोहम्मद रजा शाह पहलवी ईरान को एक आधुनिक देश बनाना चाहते थे. साथ ही ईरान में इस्लाम पूर्व की सभ्यता के हिमायती थे. मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से इसका विरोध हो रहा था. यह विरोध बढ़ता गया और तेहरान में लगभग 20 लाख लोग प्रदर्शन के लिए जमा हो गए. आखिरकार शाह को देश छोड़कर जाना पड़ा और अयातुल्लाह खुमैनी के नेतृत्व में इस्लामी शासन की स्थापना हुई.
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