विदेशी धरती से आखिर क्यों पीएम मोदी पर अटैक करते हैं राहुल गांधी, क्या है रणनीति?

Rahul Gandhi : राहुल गांधी एक बार फिर अमेरिका दौरे पर हैं, उनकी विदेश यात्राएं हमेशा चर्चा में रहती हैं. वजह साफ है कि जब भी वे विदेश यात्रा पर जाते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हैं और उनपर जोरदार हमले करते हैं. इस बार उन्होंने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अप्रत्याशित परिणाम हासिल हुए जिसके बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइकोलाॅजिकल ट्रैप में हैं. आखिर क्यों राहुल गांधी विदेश जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले बढ़ा देते हैं और इसके पीछे उनकी रणनीति क्या है, इसकी पड़ताल करती है ये स्टोरी.

By Rajneesh Anand | September 10, 2024 6:46 PM

Rahul Gandhi : प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. नेता प्रतिपक्ष के रूप में यह उनकी पहली विदेश यात्रा है, चूंकि वे नेता प्रतिपक्ष हैं इसलिए निश्चित तौर पर विदेश में उनकी बातों का वजन भी होगा. राहुल गांधी ने अपने भाषण में ना सिर्फ पीएम मोदी का जादू खत्म होने की बात कही बल्कि उन्होंने विदेश में उन मुद्दों पर भी चर्चा की जिनका भारतीय राजनीति पर खासा असर है. राहुल गांधी ने आरक्षण, जातिगत जनगणना, चुनावों में धांधली जैसे मुद्दों पर बात की और मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे पीएम मोदी से नफरत नहीं है मैं बस उनके नजरिए को पसंद नहीं करता.


राहुल गांधी पहले भी मोदी सरकार पर कर चुके हैं हमले

  • मार्च 2023 में जब राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर थे, तो उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच देते हुए यह कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है और लगातार उसकी आत्मा पर हमले हो रहे हैं.
  • मई 2022 में राहुल गांधी ब्रिटेन के दौरे पर थे. लंदन में आयोजित ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने यह कहा था कि देश की आत्मा पर हमले हो रहे हैं और बिना आत्मा के एक देश कुछ भी नहीं होता है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि सरकार ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है, जिसकी वजह से देश पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है.
  • अगस्त 2018 में राहुल ने जर्मनी और ब्रिटेन की धरती से प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला था और यह कहा कि उनके अंदर देशभक्ति की भावना नहीं है. उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया था और कहा था कि उन्हें युवाओं की चिंता नहीं है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से कर दी थी.
  • राहुल गांधी ने 2017 में वाशिंगटन के प्रिसंटन यूनिवर्सिटी में यह कहा कि नरेंद्र मोदी देश को बांटना चाहते हैं. वे देश की संघात्मक व्यवस्था पर भरोसा नहीं करते, वे शक्तियों को कुछ लोगों तक ही केंद्रित रखना चाहते हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि नोटबंदी का फैसला बहुत ही गलत कदम था और इसने देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया.
  • 2018 में राहुल गांधी ने मलेशिया में कहा कि अगर मैं पीएम मोदी को नोटबंदी की फाइल को कचरे के डिब्बे में फेंक देता. उन्होंने नोटबंदी के फैसले को वाहियात और कचरे के डिब्बे में जाने वाला बताया था.

Also Read : झारखंड में बनीं 4-6 लेन सड़कें, जल्द खुलेगा सिरमटोली फ्लाई ओवर, अब रिंग रोड का इंतजार

हिंदू-मुसलमान के बीच क्यों है दीवार, इतिहास में ऐसा क्या हुआ जो अबतक है हावी?


संचार क्रांति ने देश-विदेश की दीवार हटा दी है : रशीद किदवई


राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई का कहना है कि संचार क्रांति के इस युग में यह कहने का कोई अर्थ नहीं रहा है कि राहुल गांधी विदेश जाकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमले कर रहे हैं. एक्स तो एक विदेशी कंपनी है, जिसपर आप कुछ भी लिखते हैं तो उसका विस्तार पूरे विश्व में होता है. आज देश में हर व्यक्ति एक्स का प्रयोग कर रहा है, फिर यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि राहुल गांधी विदेश जाकर प्रधानमंत्री पर हमले करते हैं. एक और बात है जो आज देश की राजनीति में दिख रही है, वो है राजनीतिक शिष्टाचार का खत्म होना.

पहले देश की राजनीति में इस तरह के कई उदाहरण मौजूद थे जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग विदेश की धरती पर अपने देश की बात नहीं करते थे और ना ही किसी की निंदा करते थे, लेकिन 2014 में जब पीएम मोदी शासन में आए, तो उन्होंने कई बार विदेशी धरती पर कांग्रेस के शासनकाल और उसके प्रधानमंत्रियों की निंदा की. इसलिए अगर राजनीतिक शिष्टाचार खत्म हुआ है, तो उसके लिए दोनों ही पक्ष दोषी है, किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.


राहुल गांधी का बयान शुद्ध राजनीति है: उमेश चतुर्वेदी

राजनीतिक विश्लेषक उमेश चतुर्वेदी का कहना है कि राहुल गांधी विदेश की धरती पर जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं वह शुद्ध राजनीति है. पहले देश में इस तरह की परंपरा थी सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग विदेशी धरती पर जाकर अपने प्रधानमंत्री या किसी नेता का अपमान नहीं करते थे, लेकिन अब यह स्थिति नहीं रही. हमारी परंपरा भी घर की बात को घर में ही रखने की रही है, महाभारत काल में जब गंधर्व राजा ने दुर्योधन को बंदी बना लिया था, तो युधिष्ठिर ने अर्जुन और भीम से यह कहा था कि हम पांच भाई हैं और कौरव सौ हैं, यह हमारा कुटुंब है. लेकिन बाहर वालों के लिए हम 105 हैं, तो जाओ और दुर्योधन को मुक्त कराओ. लेकिन राहुल गांधी इस परंपरा को जीवित नहीं रख पा रहे हैं.


भारतीय जनमासन उस बात को बहुत गंभीरता से सुनता और देखता है, जो विदेशी धरती से उठती है. राहुल गांधी इस बात को जानते हैं, यही वजह है कि जब भी वे विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो प्रधानमंत्री पर हमले करते हैं. वे अपने देश में प्रधानमंत्री पर हमले करते रहते हैं और इसी तरह की बातें कहते हैं, लेकिन तब उनपर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता है. जहां तक बात आरोप-प्रत्यारोप की है, तो देश की राजनीति में यह पहले भी होता रहा है यह कोई नई बात नहीं है.


क्या है साइकोलाॅजिकल ट्रैप?


मनोवैज्ञानिक डाॅ भूमिका सच्चर कहती हैं कि साइकोलाॅजिकल ट्रैप वह स्थिति है, जिसमें एक इंसान रियलिटी को स्वीकार नहीं कर पाता और अपने भ्रम जाल में उलझा रहता है. जैसे कि अगर किसी व्यक्ति के साथ एब्यूज होता है तो वह भ्रम की दुनिया में जीता है और सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाता है. यह एक तरह का ट्रामा है, जिसका असर इंसान के दिमाग, स्वभाव और एक्ट पर पड़ता है.

Also Read : Pitru Paksha : अशुभ नहीं, पितृपर्व है 15 दिनों की अवधि, ऋषि नेमि ने की थी पितृपक्ष की शुरुआत

Next Article

Exit mobile version