Rotax Max Challenge इंटरनेशनल रेस जीतने वालीं पहली महिला रेसर बनी अतीका मीर

जिस उम्र में ज्यादातर लड़कियां अपनें दोस्तों के साथ खिलौने और गुड़ुयों के साथ खेलने में मशगूल रहती है. उस आयु में एक बच्ची ने अपने अद्धभुत कारनामें से पुरी दुनिया में देश का नाम बढ़ाया है. उस बच्ची का नाम है अतीका मीर. जम्मू कश्मीर की रहने वाली नौ साल कि अतीका ने ले मैन्स कार्ट इंटरनेशनल सर्किट में अयोजिच रोटैक्स चैलेंज इंटरनेशनल ट्रॉफी में रेस जीतने वाली पहली महिला रेसर बनकर मोटर स्पोर्टस के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है.

By Swati Kumari Ray | August 5, 2024 3:23 PM

Rotax Max Challenge: बीते दिनों माइक्रो मैक्स कैटेगरी में डैन हॉलैंड रेसिंग टीम के लिए ड्राइविंग करते हुए अतिका मीर ने महज नौ साल की उम्र में शानदार प्रदर्शन किया. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि हीट्स की रेस दो में आयी, जहां उन्होंने बड़ी चालाकी और सटीकता से अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल की. अतीका के लिए यह रेसिंग इतनी आसान नहीं थी. क्योंकि, माइक्रो मैक्स कैटेगरी में दुनियाभर से 36 ड्राइवरों और कुल 40 देशों के 318 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था. आश्चर्य की बात है कि उनमें से कई ऐसे लोग थे, जो पेशेवर और अनुभवी रेसर रह चुके है. मगर, अतीका ने अपनी प्रतिभी और दृढ़ संकल्प की बदौलत सभी को रेस मे पिछे छोड़ दिया और शानदार जीत दर्ज करायी. उनकी इस जीत ने उन्हें उन शीर्ष रेसर्स में शामिल कर दिया है. जिन्होंने पहले मैक्स सीरीज में सफलता हासिल की है, जिनमें से कई ने फॉर्मूला 1 में करियर बनाया है. उनमें सेबेस्टियन वेटेल, लुईस हैमिल्टन और माइकल शूमाकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल है. अपनी इस खास उपलब्धि से अतीका ने यह भी साबित कर दिखाया है कि बड़ी कामयाबी हासिल करने के लिए उम्र कोई मायने नहीम रखती है. इसी के साथ वह अपनी जैसी लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गयी है.

महज छह साल की उम्र में शुरू कर दी रेसिंग

रेसिंग जगत में भारत का नाम रोशन करने वाली देश का बेटी अतीका मीर का जन्म साल 2015 में जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था. उनके पिता का नाम आसिफ मीर है, जो खुद एक मशहूर मोटर स्पोर्ट्स रेसर है. फिलहाल, वह पूरे परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात (युएइ) में रहते है. जिस उम्र मे बच्चे अपने दोस्तों के साथ खिलौनों के साथ खेलने में व्यस्त रहते है. उस आयु में अतीका छोटी-छोटी स्पोट्स कारें जुटाने में लगी रहती थी. उमको ड्राइविंग करना खासा पसंद था. वह दूसरी लड़कियों से बिल्कुल अलग थी. मोटर स्पोर्ट्स के प्रति उमका जुनून तब जागा, जब वह महज पांच साल की थी. और जब उन्हें दुबई के एक मॉल में इलेक्ट्रिक गो-कार्ट देखने का मौका मिला. इसके बाद वह हर वीकेंड पर अपने पापा को मॉल ले जाने के लिए जिद्द करने लगी. रेसिंग के प्रति उनका जुनून इस कदर सवार था कि साल 2021 में अपनी छुट्टियों के दौरान वह अपने पिता के साथ दुबई में कार्ट ट्रैक पर पहुंच गयी. उस वक्त वह केवल छह साल की थीं. वहां सबसे छोटी और अकेली लड़की होने के बावजूद उन्होंने ट्रैक पर केवल 4 दिनों में ही सबसे तेज रेसर बनकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. सितंबर 2021 में उन्होंने पहली बार कार्टिंग चैपियनशिप के बम्बिनो कैटेगरी (5 से 8 वर्ष) में हिस्सा लिया. कम अनुभव और अधिर वजन के बावजूद इस चैपियनशिप में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया. वहीं, दिसंबल 2021 में रास अल खैमा मे आइएएमइ यूएइ नेशनल डे कप में वह अव्वल रहीं.

प्रोफेशनल रेसर बनने के लिए घटाया वजन

लड़कों के बीच अकेली लड़की होने के बावजुद परिवार की तरफ से मिले जबरदस्त समर्थन और प्रोत्साहन ने उनके आत्मविश्वास को दोगुना कर दिया. इसके बाद से अतीका ने मोटर स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाने व अपनी रेसिंग स्पीड बढ़ने के लिए अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने शरीर की चर्बी कम करने, अपनी ताकत बढ़ने और दिल मजबूत करने के लिए हेल्दी डायट लेना शुरू कर दिया. साथ ही अच्छे ट्रेनर की देखरेख में अपनी फिटनेस पर भी ध्यान देने लगी. कुछ महीनों की मेहनत के बाद वह नौ किलोग्राम वजन कम करने मे सफल रहीं. इसके अलावा, उन्होंने अपनी रेसिंग स्पीड में भी काफी सुधार किया.

आठ साल की उम्र में हासिल कर लिया लाइसेंस

आठ साल की होते -होते अतीका नें अपना पेशेवर कार्टिंग नेशनल लाइसेंस हासिल कर लिया, जिससे वह संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करनें में सक्षम हो गयी. करीब 28 से अधिक रेसर्स के बीच एकमात्र लड़की होने के बाद भी उन्होंनें उत्कृष्ट प्रदर्शन करना जारी रखा और अपने प्रतिस्पर्धायों से बेहतर प्रदर्शन किया. इस तरह वह लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बन गयीं. अतीका कहती है, “मेरा मानना है कि महिलाएं वेश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा कर सकती है और सफल हो सकती है. पुरुष प्रतिस्पर्धायों की आक्रामकता का सामना करती हुं और मेरा लक्ष्य अन्य लड़कियों को कार्टिंग और अन्य खेलों के लिए प्रेरित करना है.”

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माइकल शूमार की तरह फॉर्मूला 1 रेसर बनने की है ख्वाहिश

मोटर स्पोर्ट्स रेसिंग के प्रति अतीका के जुनून को देखते हुए उनको विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली टीम ‘बिरेल आर्ट इटली’ के लिए ड्राइव करने के लिए चुना गया है. फिलहाल, उनको विश्व स्तरीय प्रशिक्षकों की टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है. और उन्हें शीर्ष तकनीकी सहायता के साथ एक पेशेवर रेसिंग ड्राइवर के रूप में तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देशय आधुनिक फॉर्मूला 1 में पहली महिला ड्राइवर बनना है.

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