यूपी सरकार ग्रेटर नोएडा स्थित जेवर में सेमी कंडक्टर पार्क (Semiconductor Park) स्थापित करने जा रही है. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के अंतर्गत नोएडा के सेक्टर-10 और सेक्टर-28 में ये सेमीकंडक्टर पार्क बनेगा. इसकी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दूरी मात्र 4 किलोमीटर है. इससे कॉर्गो आसानी से पार्क तक पहुंच सकेगा. निवेशकों और विदेशी बायर्स को यहां आने-जाने में समस्या नहीं होगी. यहां रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की सुविधा भी जल्द शुरू होगी. यमुना एक्सप्रेसवे में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का इंटरचेंज भी बन चुका है, जो इन बड़े शहरों से भी कनेक्टिविटी को आसान बनाएगा.
नोएडा में 350 एकड़ जमीन चिन्हित
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) ने दो सेमीकंडक्टर क्लस्टर्स के लिए जमीन चिह्नित की है. पहली सेक्टर-10 में 200 एकड़ और दूसरी सेक्टर-28 में 125 एकड़ भूमि है. इन दोनों क्लस्टर्स में यीडा 8 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाएगी. इसके अलावा 60 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) भी लगाया जाएगा. क्लस्टर्स को बिजली आपूर्ति के लिए 400/200/132 केवी सबस्टेशन भी बनाए जाएंगे. सेमीकंडक्टर पार्क में निवेश करने वाले उद्यमियों को मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी.
यूपी की सेमीकंडक्टर पॉलिसी
यूपी में सेमीकंडक्टर पॉलिसी (UP Semiconductor Policy) लागू की गई है. इसके तहत भारत सरकार से अनुमोदित कैपिटल सब्सिडी पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. कंपाउंड सेमीकॉन्डस्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/एटीएमपी/ओएसएटी के लिए 75 प्रतिशत की लैंड रिबेट दी गई है. डुएल ग्रिड नेववर्क के साथ-साथ 10 वर्षों के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में शत प्रतिशत की छूट दी जा रही है. 25 वर्षों के लिए अंतर्राज्यीय बिजली खरीद, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर 100 प्रतिशत छूट, प्रति वर्ष 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (अधिकतम 7 करोड़ रुपए) दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है.
ताइवान है सेमीकंडक्टर का हब
सेमीकंडक्टर के निर्माण में ताइवान का वर्चस्व है. यहां दुनिया का 90 फीसदी सेमीकंडक्टर बनता है. कोरोना के समय 2021-22 में जब ताइवान में प्रोडक्शन बंद हुआ तो ऑटोमोबाइल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में दिक्कतें पैदा हो गई. क्योंकि सेमीकंडक्टर या चिप का इस्तेमाल कार, लैपटॉप, मोबाइल फोन, टैबलेट सहित कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है. इस तरह के सभी उत्पादों का बिना सेमीकंडक्टर के प्रोडक्शन ठप हो गया, या फिर घट गया.
क्या है सेमीकंडक्टर
सेमीकंडक्टर चिप सिलिकॉन के बने होते हैं. इलेक्ट्रीसिटी का अच्छा कंडक्टर होने के के कारण इन्हें माइक्रो सर्किट में फिट किया जाता है. इनका आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क, ब्लॉकचेन एप्लिकेशन, रोबोटिक्स, गेमिंग आदि में इस्तेमाल होता है. बिना सेमीकंडक्टर के कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चल नहीं सकता है. संचार, रक्षा क्षेत्र में भी सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है.
देश भर में छह प्लांट लगेंगे
- अदाणी ग्रुप और टॉवर सेमीकंडक्टर प्लांट
- माइक्रोन ओएसएटी प्लांट
- टाटा-पीएसएमसी सेमीकंडक्टर प्लांट
- टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर प्लांट
- सीजी पॉवर साणंद ओएसएटी प्लांट
- कायंस सेमीकॉन प्लांट
पीएम नरेंद्र मोदी का विजन
- भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम ग्लोबल चैलेंजेस को सॉल्यूशंस देगा
- भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है, यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है
- भारत का फोकस स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर
- भारत की नीतियों के कारण इस क्षेत्र में 1.5 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट
- भारत 360 डिग्री एप्रोच के साथ काम कर रहा है, पूरे सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इकोसिस्टम को आगे बढ़ा रही सरकार
- हमारा सपना दुनिया की हर डिवाइस में हो इंडियन मेड चिप
- हम 85 हजार टेक्नीशियंस, इंजीनियर्स और आरएंडडी एक्सपर्ट्स की सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स तैयार कर रहे हैं
- आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस में एक सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने में भी काम कर रहे
- हमारे इंजीनियर्स न सिर्फ अभी के लिए हाईटेक चिप बनाएं, बल्कि नेक्स्ट जेन चिप पर भी रिसर्च करें
- भारत सेमीकंडक्टर चिप भी बनाएगा और उनके फिनिश गुड्स भी बनाएगा
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