Shimla Protest : शिमला में क्यों गूंजा-‘हिमाचल ने ठाना है देवभूमि को बचाना है’ का नारा
Shimla Protest : हिमाचल प्रदेश के शिमला में हिंदू संगठन सड़क पर उतरा और एक मस्जिद में किए गए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की. भीड़ को पुलिस ने रोका और लाठीचार्ज भी किया. यह विवाद 2014 से कोर्ट में चल रहा है, फिर अब क्यों यह प्रदर्शन हुआ?
Shimla Protest : ‘हिमाचल ने ठाना है देवभूमि को बचाना है’ और हिंदू एकता जिंदाबाद के नारों के साथ शिमला की सड़कों पर जब प्रदर्शनकारी उतरे, तो उनकी मांग यह थी कि संजौली मस्जिद में कराए गए अवैध निर्माण को गिराया जाए. प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा को तोड़ा और पुलिस की बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया और पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल हुआ. इस प्रदर्शन के बाद शिमला के ढल्ली इलाके में तनाव की स्थिति बन गई.
किस निर्माण को अवैध बता रहे हैं शिमलावासी
शिमलावासी संजौली मस्जिद में किए गए निर्माण को अवैध बता रहे हैं, उनका कहना है कि मस्जिद में जो चार मंजिला निर्माण किया गया है वो अवैध है. संजौली मस्जिद में निर्माण कार्य 2007 में शुरू हुआ था, जिसपर उसी समय से विवाद शुरू हो गया था और 2010 में यह मामला कोर्ट में पहुंच गया. अभी यह मामला शिमला नगर निगम आयुक्त के विचाराधीन है और मामले पर अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को निर्धारित है. मस्जिद में किए जा रहे अवैध निर्माण पर अबतक कई बार सुनवाई भी हुई है, लेकिन अभी तक मामले का कोई समाधान नहीं निकला है.
संजौली मस्जिद का विवाद तब चर्चा के केंद्र में आ गया है, जब कुछ लोगों ने यह दावा किया कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण उनकी जमीन पर किया जा रहा है. इन लोगों ने अविलंब इस पांच मंजिला मस्जिद की चार मंजिलों को गिराने की अपील की. साथ ही अगस्त महीने में एक व्यापारी के साथ कुछ लड़कों ने मारपीट की और वे भागकर मस्जिद में छिप गये, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया कि मस्जिद अवैध तरीके से बनाया गया है और ढल्ली इलाके में बाहरी लोगों का वर्चस्व बढ़ गया है. वही वक्फ बोर्ड का दावा है कि संजौली मस्जिद में किया जा रहा कोई भी निर्माण कार्य अवैध नहीं है और वह वक्फ बोर्ड की जमीन पर ही किया जा रहा है.
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शिमला के संजौली इलाके में बढ़ा तनाव
हिंदू संगठनों के बंद बुलाए जाने के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई. प्रदर्शनकारियों ने लगभग छह घंटे तक प्रदर्शन किया, जिसके बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई . कांग्रेस के एक नेता अनिरुद्ध सिंह ने भी मस्जिद के निर्माण को अवैध बताया है और कहा है कि इसका निर्माण अवैध तरीके से किया जा रहा है. अनिरुद्ध सिंह के बयान के बाद कांग्रेस में भी विवाद हो गया है और विधायक हरीश जनारथा ने कहा है कि इलाके में कोई तनाव नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस मामले को राजनीतिक रूप ना दिया, शांतिपूर्ण प्रदर्शन की मनाही नहीं है, लेकिन कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि मस्जिद विवाद पर सरकार की नजर है और वह आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा है कि पिछले 14 वर्षों से यह मामला नगर निगम आयुक्त के पास है अगर यह निर्माण अवैध हुआ तो उसे गिराया जाएगा और इस तरह के अनेक केस हैं, जिनपर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
सरकार अवैध मस्जिद निर्माण के मुद्दे को गंभीरता से ले : विपक्ष
विपक्ष का कहना है कि सरकार अवैध मस्जिद निर्माण के मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है, यह इलाके में बड़े तनाव की वजह है इसकी वजह से प्रदेश में अशांति फैल सकती है, इसलिए अविलंब सरकार को इसपर निर्णय करना चाहिए. यह बाहरी लोगों का प्रवेश रोका जाना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार की समस्या ना हो.
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