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Sports News : Paralympic committee of India : जानिए भारत में कब बना यह संगठन, जो पैरा खिलाड़ियों को देता है प्रशिक्षण

पैरा खिलाड़ियों के विकास के लिए 1992 में 'फिजिकली हैंडीकैप्ड स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया' की स्थापना की गयी थी. जानिए आज किस हाल में है यह संस्था.

Sports News : भारत अब तक पैरालिंपिक खेलों के 12 संस्करण में भाग ले चुका है. जहां भारतीय खिलाड़ियों ने न केवल पदक जीते हैं, बल्कि कई रिकॉर्ड भी बनाये हैं. परंतु क्या आप जानते हैं कि इन खिलाड़ियों को बढ़ावा कौन देता है और किस संगठन के ऊपर इन खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी है.

देश में 1992 में पहली बार बना पैरा खेलों के लिए संगठन

देश में पैरा खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए बनने वाला पहला संगठन था ‘फिजिकली हैंडीकैप्ड स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया.’ इसकी स्थापना 1992 में अर्जुन पुरस्कार विजेता और पैरालिंपियन श्री एम महादेव द्वारा की गयी थी. जिसे 1994 में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, बैंगलोर, कर्नाटक के साथ पंजीकृत कर दिया गया था. बाद में इस संगठन का नाम बदलकर पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) कर दिया गया. पीसीआई अपने से संबद्ध राष्ट्रीय खेल महासंघों और राज्य पैरालिंपिक संघों की सहायता से पैरालंपिक खेलों को बढ़ावा देने व विकसित करने का कार्य करता है. इसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में है, जबकि पंजीकृत कार्यालय बेंगलुरु में. भले ही देश में पैरा खेलों के नियंत्रक निकाय का गठन 1992 में किया गया था, पर व्यक्तिगत भारतीय पैरा एथलीट इससे बहुत पहले से अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेते रहे हैं.

पीसीआई के कंधों पर है पैरा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी

भारत में पैरा खेलों को बढ़ावा देने और उनके विकास के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारतीय पैरालिंपिक समिति (पीसीआई) के कंधों पर है. पीसीआई पैरा खेलों का शीर्ष शासी निकाय, यानी गवर्निंग बॉडी है. यह संस्था अंतरराष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति (आईपीसी) से संबद्ध है और भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) द्वारा राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता प्राप्त है. इस संस्था का कार्य देशभर में एथलीटों की पहचान करना, उन्हें प्रशिक्षण देना व उनकी सहायता करना है. ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पैरा खिलाड़ियों की सशक्त उपस्थिति दर्ज की जा सके. इसमें जनता और पेशेवरों को पैरा खेलों के बारे में शिक्षित करना, दिव्यांगों और उनके परिवारों को पैरा एथलीट बनने के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करना, उनके जीवन में खेलों के महत्व पर जोर देना आदि शामिल है.

पीसीआई का दायरा काफी विस्तृत है. यह 26 राज्य संघों, छह राष्ट्रीय खेल महासंघों और आठ व्यक्तिगत पैरा खेल महासंघों से जुड़ा हुआ है, जो दर्शाता है कि पीसीआई पैरा खेलों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है. पीसीआई पैरालिंपिक खेलों और अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय टीमों के चयन और तैयारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस संस्था को भारत सरकार और सीएसआर द्वारा वित्तपोषण मिलता है. भारतीय सेना और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसे भागीदारों के सहयोग से, पीसीआई पैरा स्पोर्ट्स के विकास को आगे बढ़ाने की पहल कर रहा है.

1968 में पहली बार पैरालिंपिक खेलों का हिस्सा बना भारत

भारत ने 1968 में पहली बार तेल अवीव, इस्राइल में आयोजित पैरालिंपिक खेलों में भाग लेकर अपने ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक की शुरुआत की थी. चार नवंबर से 13 नवंबर तक चले इस खेल आयोजन में 10 भारतीय एथलीटों (आठ पुरुष, दो महिला) ने भाग लिया था.

वर्ष 1960 में शुरू हुए पैरालिंपिक खेलों के बाद से भारत ने इसके 12 संस्करणों में भाग लिया है.

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