Sunita Williams Trapped In Space : पेशाब और पसीने के सहारे सुनीता विलियम्स जिंदगी बचाने को हैं मजबूर
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को जीने के लिए पल-पल कैसी करनी पड़ रही है जद्दोजहद
Sunita Williams Trapped In Space : भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पसीने और पेशाब के सहारे जिंदगी बचाने के लिए मजबूर हैं. जी हां, सही समझ रहे हैं आप. सुनीता विलियम्स धरती से 400 किलोमीटर दूर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी हुई हैं. उनके शरीर से निकलने वाले पसीने और पेशाब को रिसाइकिल किया जाता है. इससे बनने वाले पानी को ही सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री को पीना पड़ता है. सुनीता के साथ उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में शौचालय एक डिब्बे जैसा है, जहां खास मशीनों की सहायता से पेशाब और पसीने को संग्रह कर रखा जाता है. यहां से रिसाइकिल कर बने पानी से कपड़े भी धोये जाते हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में आमतौर पर ज्यादा गर्मी होती है. इस कारण यहां पसीना बहुत ज्यादा आता है. यहां पसीने को झाड़ा नहीं जा सकता है. यहां गंदा हुए कपड़ों को खास तरह के वाहन में डाल दिया जाता है. जो धरती पर आते ही वातावरण के संपर्क में आने से जल जाते हैं. खाने में भी ऐसी सामग्री का उपयोग होता है जो शरीर पर नहीं गिरे.
Sunita Williams Trapped In Space : सुनीता के फरवरी तक आने की उम्मीद नहीं
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी सुनीता विलियम्स के फरवरी तक धरती पर लौटने की उम्मीद नहीं है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अभियान पर सुनीता विलियम्स पांच जून 2024 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुई थी.
बोइंग के जिस स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए सुनीता इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुई थी, उसमें हीलियम गैस लीक हो रही था. इसके कारण प्रोपेल्शन सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है और सुनीता विलियम्स तथा उनके साथ गए एक और अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही फंसे रह गए. आखिरकार आठ दिन का स्पेस मिशन कई महीने लंबा हो गया.
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