Niti Aayog: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 27 जुलाई को हो रही नीति आयोग की बैठक का इंडिया गठबंधन ने बहिष्कार का एलान कर रखा है. इसके बाद भी झारखंड के सीएम के इस बैठक में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. बैठक में वे ये सवाल उठा सकते हैं.
केंद्रीय अनुदान पांच साल में 12 से घटकर नौ हजार करोड़ क्यों ?
हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद भारत सरकार केंद्रीय योजनाओं के लिए मिलने वाले अनुदान में लगातार कमी कर रही है. 2019-20 के वित्तीय वर्ष में भारत सरकार की ओर से 12 हजार करोड़ केंद्रीय अनुदान के मद में दिया गया था. साल दर साल घटते हुए यह 2023-24 में यह 9100 करोड़ पर आ गया है. मुख्यमंत्री झारखंड के साथ हो रहे इस अन्याय को दूर करने की फरियाद भी करेंगे.
योजनाओं में केंद्र के अचानक हाथ खींचने से संकट में झारखंड
मुख्यमंत्री कई योजनाओं से केंद्र के अचानक हाथ खींचने का सवाल भी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में नीति आयोग के सामने उठाएंगे. केंद्र ने 2024-25 के बाद हर घर जल योजना का अनुदान बंद करने की घोषणा की है. इस कारण झारखंड पर सालाना 6500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. इससे झारखंड सरकार को दूसरी महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं में कटौती करनी पड़ सकती है. आंगनबाड़ी की एक योजना में भी ऐसा ही हुआ है.
खनिजों का बकाया एक लाख 32 हजार करोड़ कब मिलेगा ?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खनिजों की रॉयल्टी और सरफेस रेंट के बकाये एक लाख 32 हजार करोड़ का मुद्दा नीति आयोग के सामने फिर से उठाएंगे. यह राशि झारखंड को देने के लिए टाइमलाइन बताने का आग्रह करेंगे.
ALSO READ: EXCLUSIVE: झारखंड में 10 कंपनियां करेंगी 13 हजार करोड़ का निवेश, 20 हजार को रोजगार
ALSO READ: शनिवार को नीति आयोग की बैठक, I.N.D.I.A Bloc ने किया बहिष्कार का ऐलान, सीएम ममता बनर्जी होंगी शामिल