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क्या आप हो रही हैं Bad Touch का शिकार? डरें नहीं शिकायत करें होगी इतनी सजा

Women Rights In India : किसी महिला को लगातार घूरना और उसे गलत तरीके से छूना भी कानूनन गैर जमानती अपराध है. जानकारी के अभाव में कई बार महिलाएं इस तरह के अपराधों का शिकार होने के बावजूद उसका विरोध नहीं करती और ना ही अपराधी को सजा दिलाने की कोशिश करती हैं. आइए जानिए क्या कहता है कानून.

By Rajneesh Anand | November 3, 2024 6:26 PM

Women Rights In India : देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या भले ही अधिक हो, लेकिन कानून ने महिलाओं को इतना सशक्त बनाया है कि अगर महिलाएं अपने अधिकारों को जानें और उनका उपयोग करें, तो बेशक उनके खिलाफ अपराधों में कमी आ सकती है और वे एक बेहतर जीवन जी सकती हैं. समाज में अकसर इस तरह की घटनाएं होती हैं जब महिला के शरीर को बिना उसकी इच्छा के गलत तरीके से छुआ जाता है, जिसे बैड टच (Bad Touch) कहा जाता है. बैड टच एक महिला का शारीरिक शोषण तो है ही उसे मानसिक रूप से भी परेशान करता है.


बैड टच और घूरे जाने पर कैसा महसूस करती हैं महिलाएं

नीलू उरांव (बदला हुआ नाम) 22 की हैं. नीलू बताती हैं कि वो काम करने के लिए ऑटो से रोज ओरमांझी से रांची आती हैं. कई बार ऐसा होता है कि ऑटो में भीड़ बहुत होती है, उस वक्त कई बार उसके शरीर को गलत तरीके से छुआ जाता है. आपत्ति करने से सामने वाला यह कह देता है कि अरे भीड़ इतनी है ऑटो में जगह कम है, उसका कोई गलत इरादा नहीं है. लेकिन हमें पता चलता है कि हमारे शरीर के साथ गलत हरकत हो रही हैं. इस तरह की घटनाओं से मन खराब हो जाता है. मैं कई बार घर जाकर रोती हूं, काम में मन नहीं लगता है, लेकिन काम करना हमारी जरूरत है इसलिए घर नहीं बैठ सकती.

वीना मंडल (बदला हुआ नाम) 27 साल की हैं और एक माइको फाइनांस कंपनी में काम करती हैं. वो बताती हैं कि उनका जो सीनियर है वो अकसर उन्हें अपने चैंबर में काम के बहाने बुलाता है और उन्हें घूरता रहता है. खासकर उनके उभारों की ओर उसकी खास नजर रहती है. सीनियर की उम्र 50 के करीब है और वो यह कोशिश भी करता है कि किसी बहाने वह उसके शरीर को गलत तरीके से छू लें. इन स्थितियों में मानसिक परेशानी हो जाती है. कभी-कभी घबराहट भी होती है किसी से शिकायत करने की इच्छा होती है, लेकिन क्या करूं समझ नहीं आता है क्योंकि बदनामी का भी डर है.

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कानून क्या कहता है?

भारत में कई ऐसे कानून हैं जो महिलाओं को यौन अपराध और अन्य तरीके के कई अपराधों से बचाते हैं. झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्रा ने बताया कि घूरना, पीछा करना और निर्वस्त्र करने की कोशिश करना जैसे मामले इसके अंतर्गत आते हैं, चूंकि मामला महिलाओं की गरिमा से जुड़ा है इसलिए यह दंडनीय और संज्ञेय अपराध है. यह अपराध गैर जमानती है. अगर किसी महिला के साथ इस तरह की घटना होती है तो उसे पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए और फिर पुलिस मामले की छानबीन करके केस दर्ज करेगी. मामला कोर्ट में जाएगा और अपराधी को न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की सजा होगी.
अगर इस तरह का अपराध मसलन प्राइवेट पार्ट को टच करना उसे निर्वस्त्र करने की किसी बच्चे के साथ होता है, तो यह पॉक्सो एक्ट के तहत आएगा और उसी के अनुसार कार्रवाई होगी. अगर कोई महिला पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज कराना नहीं चाहती हो, तो वह अपने थाने क्षेत्र के दंडाधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकती हैं और फिर दंडाधिकारी मामले को थाना के पास भेजकर आगे की कार्रवाई करवा सकते हैं.

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