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Women Violence : थम नहीं रही है हिंसा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाने की जरूरत

देश के कोने-कोने से महिलाओं पर हिंसा के जिस तरह मामले सामने आ रहे हैं, वे बेहद भयावह हैं और इस पर तत्काल रोक की आवश्यकता है.

Women Violence : कोलकाता में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना ने देश को उद्वेलित कर रखा है. कई शहरों से महिलाओं के प्रति हिंसा व अमानवीयता के मामले दिन-प्रतिदित जिस तरह सामने आ रहे हैं, उसने समाज को चिंतित कर दिया है. एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है. हालांकि महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के कड़े कानून हैं, पर वे नाकाफी साबित हो रहे हैं. महिलाओं के प्रति हिंसा से जुड़े आंकड़ों पर एक नजर…

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महानगरों में भी सुरक्षित नहीं हैं महिलाएं

आम तौर पर माना जाता है कि महानगरों में महिलाएं छोटे शहरों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित रहती हैं, क्योंकि बहुसंस्कृतिवाद के कारण महिलाओं को लेकर यहां लोगों की सोच कहीं अधिक खुली होती है. परंतु एनसीआरबी की रिपोर्ट ने इन बातों को खोखला साबित कर दिया है. उन्नीस महानगरों (अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली,गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत) के आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं यहां कितनी असुरक्षित हैं.

  • 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले में 2022 में 2021 की तुलना में. वर्ष 2021 में जहां महिलाओं के साथ अपराध के 43,414 मामले सामने आये थे, वे 2022 में बढ़कर 48,755 पर पहुंच गये.
  • 32.6 प्रतिशत मामले दर्ज किये गये पति या उसके संबंधियों द्वारा पीड़िता के साथ क्रूरता बरतने के. जो बताता है सबसे अधिक महिलाएं अपनों द्वारा ही सतायी गयीं.
  • 19.4 प्रतिशत मामले महिलाओं के अपहरण के दर्ज हुए 2022 में महानगरों में.
  • 17.9 प्रतिशत मामले महिलाओं का शील भंग करने के इरादे से उन पर हमले के दर्ज किये गये.
  • 13.2 प्रतिशत मामले पॉक्सो (यौन अपराधों से सुरक्षा अधिनियम 2012) के तहत दर्ज किये गये.

कई राज्यों में राष्ट्रीय औसत से अधिक रही अपराध दर

एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट ‘भारत में अपराध 2022’ के आंकड़े बताते हैं कि देश के अनेक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 2022 में अपराध दर, कुल राष्ट्रीय अपराध दर 66.4 से अधिक रही. हालांकि देश के कुल 28 राज्यों की महिलाओं के प्रति अपराध दर राष्ट्रीय औसत (66.4) से मामूली कम (65.4) रही. जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में यह दर (101.8) राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक रही.

  • 144.4 के साथ इस सूची में दिल्ली शीर्ष पर है.
  • 118.7 व 117 के साथ हरियाणा और तेलंगाना क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं.
  • 115.1 के साथ राजस्थान चौथे और 103.3 के साथ ओडिशा पांचवें स्थान पर है.
  • 96.2 के साथ आंध्र प्रदेश छठे और 93.7 के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सातवें स्थान पर विराजमान है.
  • 82 की अपराध दर के साथ केरल आठवें और 81.2 के साथ असम नौवें स्थान पर है.
  • 78.8 के साथ मध्य प्रदेश 10वें नंबर पर है.

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