World News : इस्राइल-हमास युद्ध शुरू हुए एक वर्ष बीत चुके हैं और अभी भी शांति की संभावना नजर नहीं आ रही है. शांति बहाली के सारे प्रयास असफल हो चुके हैं. इस कारण इस क्षेत्र में काफी अशांति व अस्थिरता व्याप्त हो गयी है. इससे न केवल पश्चिम एशिया संकट में है, बल्कि भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है. युद्ध के कारण हजारों जानें जा चुकी हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. इस्राइल-हमास के बीच छिड़े युद्ध में बीते एक वर्ष में क्या कुछ हुआ जानते हैं.
- सात अक्तूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने दक्षिणी इस्राइल पर हमला किया और 1,200 इस्राइली नागरिकों को मार डाला. इस्राइल के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 250 लोगों को बंदी बनाकर गाजा ले जाया गया. बंधकों के कारण इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष तेज हो गया. इसके बाद इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध की घोषणा की और गाजा पर हवाई हमले का आदेश दिया.
- 13 अक्तूबर को इस्राइल ने गाजा सिटी के निवासियों (10 लाख से अधिक लोग) को गाजा सिटी खाली करने और दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा. उसी दिन इस्राइल रक्षा बल (आइडीएफ) के सैनिकों ने गाजा का रुख किया.
- 17 अक्टूबर को गाजा शहर के अल अहली अस्पताल में हुए विस्फोट से अरब जगत में आक्रोश फैल गया. हमला किसने किया यह अब तक अस्पष्ट है. इसके बाद अक्तूबर में ही इस्राइल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर जमीनी हमले शुरू किये.
- 15 नवंबर को इस्राइली सैनिक (कई दिनों तक चली घेराबंदी के बाद) गाजा शहर स्थित गाजा के सबसे बड़े अस्पताल, अल शिफा में घुस आये. इस कारण मची अफरा-तफरी में नवजात शिशुओं सहित मरीजों की मृत्यु हो गयी.
- नवंबर में ही इस्राइल और हमास ने चार दिन के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की, ताकि गाजा में बंधक महिलाओं और बच्चों का इस्राइल द्वारा हिरासत में लिये गये या जेल में बंद किये गये बंद फिलिस्तीनी महिलाओं और किशोरों से आदान-प्रदान किया जा सके. अंततः युद्धविराम को एक सप्ताह के लिए बढ़ाया गया और 105 बंधकों तथा लगभग 240 फिलिस्तीनी बंदियों को मुक्त कराया गया.
- एक दिसंबर से युद्ध फिर से शुरू हुआ. कुछ दिनों बाद इस्राइली सेना ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर के बाहरी इलाके पर अपना पहला बड़ा जमीनी हमला किया.
- दिसंबर में ही अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल युद्धविराम की मांग पर वीटो कर दिया, जबकि ब्रिटेन इससे अलग रहा.
- इस बीच हूथी विद्रोहियों द्वारा लाल सागर से आने-जाने वाले जहाजों पर लगातार हमले किये जाते रहे, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बड़ी चिंता का कारण बने.
- 11 जनवरी 2024 को अमेरिका और ब्रिटेन ने जवाबी कार्रवाई में यमन में दर्जनों हवाई हमले किये.
- 22 जनवरी को मध्य गाजा में 21 इस्राइली सैनिक मारे गये.
- एक अप्रैल को गाजा में हुए इस्राइली सैन्य हमले में वर्ल्ड सेंट्रल किचन के सात सहायताकर्मी मारे गये. मृतकों में तीन ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे. इसी दिन सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हुए हमले में एक शीर्ष जनरल सहित कई ईरानी अधिकारी मारे गये. ईरान ने इसका आरोप इस्राइल पर लगाया और दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया.
- 13 अप्रैल को जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इस्राइल पर दर्जनों मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया. जवाब में इस्राइल ने ईरान के कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला किया.
- मई की शुरुआत में में मिस्र की राजधानी काहिरा में मिस्र और कतर द्वारा युद्धविराम का प्रस्ताव रखा गया. इस युद्धविराम की शर्तों पर हमास सहमत था, पर इस्राइल ने इससे इनकार कर दिया. इससे युद्धविराम असफल हो गया.
- मई के अंत में राफा में इस्राइल के हवाई हमले में 45 लोग मारे गये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश व्याप्त हो गया.
- जून की शुरुआत में इस्राइल ने गाजा पर हमला कर अपने चार बंधकों को छुड़ा दिया.
- जुलाई के अंत में इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिका की यात्रा की और हमास के खात्मे का वादा किया.
- इसके कुछ दिनों बाद, इस्राइल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में हुए एक रॉकेट हमले में 12 बच्चों की मौत हो गयी. नेतन्याहू ने इस हमले के लिए हिजबुल्लाह समूह को दोषी ठहराया.
- इसके बाद इस्राइली सैन्य बल ने बेरूत पर जवाबी हमला किया और हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ कमांडर फुआद शुक्र को मार डाला. इस्राइल का मानना था कि गोलन हाइट्स में हमले के लिए वही जिम्मेदार था.
- 31 जुलाई को ईरान में हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हानिये की हत्या कर दी गयी. हमास ने इसके लिए इस्राइल को दोषी ठहराया.
- अगस्त में कतर में फिर से शांति वार्ता शुरू हुई और एक बार फिर युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पायी.
- अगस्त के अंत में, इस्राइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर हवाई हमले किये. जवाबी कार्रवाई में हिज्बुल्लाह ने भी इस्राइल पर ड्रोन और रॉकेट दागे.
- 17 सितंबर को, लेबनान में हिज्बुल्लाह के सदस्यों द्वारा उपयोग किये जाने वाले पेजर में हुए सामूहिक विस्फोट से 12 लोगों की मौत हो गयी और लगभग 3,000 घायल हो गये. इस हमले के 24 घंटे के भीतर ही लेबनान में वॉकी-टॉकी रेडियो समेत सोलर पावर सेल में विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम 20 लोग मारे गये और 450 घायल हो गये. हिजबुल्लाह ने इसके लिए इस्राइल को दोषी ठहराया.
- इसके बाद इस्राइल ने बेरूत पर एक के बाद एक कई हमले किये जिसमें आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया.
- एक अक्तूबर को ईरान ने इस्राइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागीं. इसके बाद इस क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है.
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