World News: बांग्लादेश की कुल आबादी में सुन्नी मुसलमानों का प्रतिशत सर्वाधिक है. हिंदू के अतिरिक्त बौद्ध, ईसाई, जनजातीय समूह के साथ ही मुसलामानों के भी कुछ समुदाय यहां अल्पसंख्यकों की श्रेणी में हैं. हालांकि उनकी संख्या एक प्रतिशत या उससे से भी कम है.
चटगांव डिवीजन है बौद्धों का ठिकाना
बांग्लादेश की आबादी में 0.61 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले बौद्ध समुदाय के लोगों का सबसे बड़ा ठिकाना चटगांव डिवीजन है. यहां की कुल आबादी में बौद्धों की संख्या 2.92 प्रतिशत है, जिनमें से 57.25 प्रतिशत रंगमती जिले में रहते हैं. वहीं 35.92 प्रतिशत खगराछड़ी, तो 29.52 प्रतिशत बंदरबन में रहते हैं.
जनजातीय अल्पसंख्यकों की स्थिति
यहां जनजातीय अल्पसंख्यक कुल जनसंख्या का महज एक प्रतिशत हैं, जिनमें पुरुषों का प्रतिशत 1.01 और महिलाओं का 0.99 है. इन जनजातीय अल्पसंख्यकों की सबसे अधिक मौजूदगी चटगांव डिवीजन (कुल जनसंख्या का 2.99 प्रतिशत) में है. सिलहट में जहां कुल जनसंख्या का 1.24 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक हैं, वहीं राजशाही में इनका प्रतिशत 1.20, रंगपुर में 0.52, मायमेनसिंघ में 0.50, खुलना में 0.22 व ढाका में 0.19 है. बारिशाल में ये सबसे कम संख्या (कुल जनसंख्या का 0.05 प्रतिशत) में मौजूद हैं.
50 से अधिक जनजातीय अल्पसंख्यक हैं बांग्लादेश में
बांग्लादेश के पॉपुलेशन एंड हाउसिंग सेंसस 2022 के अनुसार, यहां के जनजातीय अल्पसंख्यकों में 50 से अधिक समुदायों की उपस्थिति है. इनमें ओरांव, कोरा, कोंडो, कोंच, कोल, खरोअर, खरिया, खासी, खैंग, खुमी, गोंजू, गोरैत, गारो, गुरखा, डालु, चाक, चकमा, तोंचोंगा, तुरी, तेली, त्रिपुरा, पंखो, पहाड़ी, बराईक, बोम, बर्मन, बागड़ी, बनाई, बेदिया, वील, भूइमाली, भूमीज, मोणिपुरी, मार्मा, मालो, महतो/कुर्मी, महाली, मुंडा, मुशोर, म्रो, राखाइन, राजोआर, लुसाइ, लोहार, शोबोर, संताल, हुदी, हो व अन्य शामिल हैं.
शिया, अहमदिया बहाई पंथ के लोग भी हैं अल्पसंख्यक
जबकि बांग्लादेश की बहुसंख्यक जनसंख्या सुन्नी मुसलमान है, पर यहां शिया मुसलमानों की उपस्थिति भी है, परंतु उनकी संख्या काफी कम है, कितनी है इस बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. माइनॉरिटी राइट्स ग्रुप की वेबसाइट के जून 2019 के आंकड़ों के अनुसार, हमारे इस पड़ोसी देश में लगभग एक लाख अहमदिया मुसलमान भी रहते हैं. बहाई समुदाय की मौजूदगी भी इस देश में है, पर उनकी संख्या को लेकर सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है. कुछ लोगों का अनुमान है कि यहां लगभग दस हजार से साठ हजार के बीच बहाई समुदाय के लोग रहते हैं, वहीं अन्य का अनुमान है कि बहाइयों की संख्या एक लाख से तीन लाख के बीच है.
अल्पसंख्यकों में उर्दू भाषी बिहारी भी शामिल
बांग्लादेश में लगभग तीन लाख बिहारी भी रहते है. ये एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक जातीय समूह हैं जो राजधानी ढाका और उसके आसपास निवास करते हैं. ये पूर्वी पाकिस्तान से आये गैर-बंगाली लोग हैं, जो बंटवारे के बाद बिहार और पश्चिम बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गये थे. यहां रहने वाले बिहारी उर्दू भाषी सुन्नी मुसलमान हैं.