// // Video : गीत चतुर्वेदी की कविता ‘बहने का जन्मजात हुनर’

Video : गीत चतुर्वेदी की कविता ‘बहने का जन्मजात हुनर’

गीत चतुर्वेदी भारत के ऐसे युवा साहित्यकार हैं जिन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ लेखकों की सूची में रखा जाता है. 27 नवंबर 1977 को मुंबई गीत वर्तमान में मुंबई में रहते हैं. उन्हें कविता, उपन्यास और छोटी कहानियां लिखने में महारत हासिल है. समकालीन साहित्यकारों में उनके पाठकों की संख्या सर्वाधिक है. उनका कविता संग्रह “न्यूनतम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2017 2:25 PM
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गीत चतुर्वेदी भारत के ऐसे युवा साहित्यकार हैं जिन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ लेखकों की सूची में रखा जाता है. 27 नवंबर 1977 को मुंबई गीत वर्तमान में मुंबई में रहते हैं. उन्हें कविता, उपन्यास और छोटी कहानियां लिखने में महारत हासिल है. समकालीन साहित्यकारों में उनके पाठकों की संख्या सर्वाधिक है. उनका कविता संग्रह “न्यूनतम मैं” राजकमल प्रकाशन से आया और काफी चर्चित रहा. इससे पहले 2010 में “आलाप में गिरह” प्रकाशित हुई. उसी वर्ष लंबी कहानियों की दो किताबें “सावंत आंटी की लड़कियां” और “पिंक स्लिप डैडी” आयीं. उन्हें कविता के लिए वर्ष 2007 में भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, फिक्शन लेखन के लिए वर्ष 2014 में कृष्ण प्रताप कथा सम्मान मिल चुका हैं. “इंडियन एक्सप्रेस” सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया है. गीत चतुर्वेदी रचनाएं देश-दुनिया की सत्रह भाषाओं में अनुदित हो चुकी हैं. कल उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में कविता पाठ किया. उनकी कविता ‘बहने का जन्मजात हुनर’ का पाठ उनकी ही आवाज में सुनें. संपर्क : geetchaturvedi@gmail.com

बहने का जन्मजात हुनर
जिन स्कूलों में गया वहां केवल तैरना सिखाया गया
डूबने का हुनर मैंने खुद ही सीख लिया
बहना मैंने कभी नहीं सीखा
मैं इतना हल्का था हमेशा कि कभी जरूरत ही नहीं पड़ी
मैं कहीं भी बह सकता हूं
तुम्हारे कंठ से निकले गीतों में भी
बह जाने की वफादारी मुझमें भरपूर है
मैं एक उदास चिड़िया का पंख हूं
जो उसके प्रेमी के डोंगा मारने से टूटा
मैं घास का वह तिनका हूं
जिससे एक अल्हड़ लड़की ने
एक संजीदा किशोर के कानों में गुदगुदी की थी
मैं पंख की तरह बहा, तिनके की तरह बहा,
तुम्हारी सोच की तरह बहा, बातों की लोच की तरह बहा
एक बारिश जिसका सरनेम फुहार था
शादी के बाद मूसलाधार हो गया
उसके पानी में मैं कागज की नाव की तरह बहा….
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