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फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पंचलाइट’ पर आधारित फिल्म जल्दी ही होगी रिलीज

हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पंचलाइट’ पर आधारित फिल्म जल्दी ही रिलीज होने वाली है. कहा जा रहा है कि यह फिल्म अगले साल की शुरुआत में सिनेमा घरों में प्रदर्शित की जायेगी. इस फिल्म में बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता पंकज त्रिपाठी भी काम कर रहे हैं. पंकज ने मसान, गैंग्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 11:31 AM

हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पंचलाइट’ पर आधारित फिल्म जल्दी ही रिलीज होने वाली है. कहा जा रहा है कि यह फिल्म अगले साल की शुरुआत में सिनेमा घरों में प्रदर्शित की जायेगी. इस फिल्म में बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता पंकज त्रिपाठी भी काम कर रहे हैं. पंकज ने मसान, गैंग्स ऑफ वासेपुर, फुकरे, दिलवाले, निल बट्टे सन्नाटा जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं.

रेणु जी कहानी ‘पंचलाइट’ बिहार के ग्रामीण परिवेश पर आधारित है. इस कहानी में एक युवक गोधन का मुनरी नाम की एक लड़की से प्रेमसंबंध होता है, जिसके कारण गांव के लोग उसका बहिष्कार करते हैं. एक दिन मेले से गांव वाले पेटोमैक्स खरीद कर लाते हैं, जिसे लोग पंचलाइट कहते हैं, पूरा गांव उसे देखने के लिए उमड़ पड़ता है, लेकिन गांववाले पंचलाइट को जलाना नहीं जानते थे, इस क्रम में हास्य की पूरी स्थिति बन जाती है. दूसरे गांव वाले परिहास करते हैं, अत: में मुनरी गांव वालों को बताती है कि उसके प्रेमी गोधन को पंचलाइट जलाना आता है, तब गांव वाले बेइज्जती से बचने के लिए गोधन से पंचलाइट जलवाते हैं और दोनों को माफ कर दिया जाता है.

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इस कहानी पर बनी फिल्म के बारे में बताया जा रहा है कि रेणु जी का साहित्य जिस तरह की आंचलिकता के सौंदर्य से ओतप्रोत दिखता है, इस फ़िल्म में भी उसे वैसा ही बनाए रखने का प्रयास किया गया है, जो दर्शकों के लिए एक अलग अनुभव होगा. फिल्म में पंकज त्रिपाठी के अलावा ,अमितोष नागपाल, राजेश शर्मा,,ब्रिजेन्द्र काला, वीरेन्द्र सक्सेना, प्रणय नारायण, इकबाल सुलतान, सुब्रत दत्त, ललित परीमू, अनुराधा मुखर्जी, अरूप जागीरदार, कल्पना झा, मालिनी सेनगुप्ता, पुण्यदर्शन गुप्ता की भी अहम भूमिका है.

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गौरतलब है कि रेणु जी कहानी ‘मारे गये गुलफाम’ पर बॉलीवुड के गीतकार शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ फिल्म 1966 में बनायी थी. हालांकि यह फिल्म रिलीज के तुरंत बाद उतनी हिट नहीं हुई थी, लेकिन बाद में इसे हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शामिल किया गया.

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