कृष्ण की आत्मकथा लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री मनु शर्मा का निधन

वाराणसी : कृष्ण की आत्मकथा लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार और पद्मश्री मनु शर्मा का आज सुबह वाराणसी में निधन हो गया. मनु शर्मा की उम्र 89 वर्ष थी. शर्मा के पुत्र हेमंत शर्मा ने बताया कि उनके पिता का आज सुबह साढ़े छह बजे वाराणसी स्थित आवास पर निधन हुआ. इस बात की जानकारी खादी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2017 11:22 AM


वाराणसी :
कृष्ण की आत्मकथा लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार और पद्मश्री मनु शर्मा का आज सुबह वाराणसी में निधन हो गया. मनु शर्मा की उम्र 89 वर्ष थी. शर्मा के पुत्र हेमंत शर्मा ने बताया कि उनके पिता का आज सुबह साढ़े छह बजे वाराणसी स्थित आवास पर निधन हुआ. इस बात की जानकारी खादी और ग्राम उद्योग, उत्तर प्रदेश के प्रिसिंपल सेक्रेटरी नवनीत सहगल ने भी अब से कुछ देर पहले ट्‌वीट कर दी थी.

मनु शर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक है. उन्होंने साहित्य की हर विधा में लिखा है. उनका जन्म 1928 ई. में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में हुआ. ‘आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, परसों नहीं तो बरसों बाद मैं डायनासोर के जीवाश्म की तरह पढ़ा जाऊंगा.’ इसी विश्वास के साथ मनु शर्मा की रचना-यात्रा चली.
उनकी सर्वाधिक चर्चित रचना ‘कृष्ण की आत्मकथा’ है जो आठ खंडों में प्रकाशित उपन्यास है. उन्होंने ललित निबंधों के साथ कविता लेखन में भी अपनी छाप छोड़ी.मनु शर्मा बेहद गरीब परिवार से थे और उन्होंने घर चलाने के लिए फेरी लगाकर कपड़ा और मूंगफली तक बेचा. बनारस के डीएवी कॉलेज में वे पुस्‍तकालय में काम किया करते थे और वहीं से उनमें पढ़ने के प्रति रुचि जागी. वे पुस्तकालय की हर किताब पढ़ गये थे. उन्‍होंने अपनी कलम से पौराणिक उपन्‍यासों को आधुनिक संदर्भ दिया है.
‘कृष्‍ण की आत्‍मकथा’ आठ खंडों में प्रकाशित है जिसमें 3000 पृष्ठ हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था- "इस रचना को पढ़ने में मैं इतना खो गया कि कई जरूरी काम तक भूल गया था. पहली बार कृष्‍ण कथा को इतना व्‍यापक आयाम दिया गया है."
उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं -उपन्यास : छत्रपति, तीन प्रश्न, राणा साँगा, शिवानी का आशीर्वाद, एकलिंग का दीवान, मरीचिका, गांधी लौटे, विवशता, लक्ष्मणरेखा, द्रौपदी की आत्मकथा, द्रोण की आत्मकथा, कर्ण का आत्मकथा, कृष्ण की आत्मकथा-1 (नारद की भविष्यवाणी), कृष्ण की आत्मकथा-2 (दुरभिसंधि), गांधारी का आत्मकथा, अभिशप्त कथा.
कहानी-संग्रह : पोस्टर उखड़ गया, मुंशी नवनीत लाल, महात्मा : (लँगड़ा हाजी, पत्ता टूटा डाल से, अंततः सलीब, महात्मा, ‘पक्का’ नं. 13, गुमशुदा, बंधन-मुक्ति, स्पर्श रोमांस, रोशनी कहाँ गई?, बर्फ नाम सत्य है।), दीक्षा : (दीक्षा, एक माँ मरी है, लक्ष्मण रेखा, अश्रव्य चीखें.).
कविता-संग्रह : खूँटी पर टँगा वसंत.
निबंध-संग्रह : उस पार का सूरज.

Next Article

Exit mobile version