लखनऊ : हिंदी के चर्चित कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कुंवर नारायण का आज निधन हो गया. वे 90 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कुंवर नारायण का आज सुबह निधन हुआ. गत चार जुलाई को मस्तिष्काघात के बाद वह कोमा में चले गये थे. उसके कारण उन्हें बीच बीच में काफी समय अस्पताल में भी भर्ती रखा गया था. उनका निधन आज उनके घर पर ही हुआ. सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम दिल्ली के लोधी शव दाहगृह में किया जायेगा.
Eminent Hindi Poet and Jnanpith award winner #KunwarNarain passes away at the age of 90 pic.twitter.com/mWbFgovmRf
— DD News (@DDNewslive) November 15, 2017
हिंदी साहित्य में उनका बहुत सम्मान था. वे पिछले साठ वर्षों से लेखन से जुड़े थे. उन्हें नयी कविता आंदोलन का सशक्त हस्ताक्षर माना जाता है. कुंवर नारायण प्रयोगधर्मी साहित्यकार थे. हालांकि उन्हें साहित्य की कई विधाओं में लिखा, लेकिन उन्हें उनकी कविताओं के लिए ज्यादा जाना जाता है.
उन्होंने पौराणिक कथाओं और इतिहास को वर्तमान समय के अनुसार ढाल कर प्रस्तुत किया और एक नये तरह की रचना से लोगों को परिचित कराया. उनकी प्रमुख रचनाओं में चक्रव्यूह, तीसरा सप्तक, परिवेश हम-तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, आत्मजयी, वाजश्रवा के बहाने एवं आकारों के आसपास हैं.