Ancient languages : मानव सभ्यता की शुरुआत से ही भाषाएं विचारों और भावनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम रही हैं. इनमें से कुछ भाषाएं इतनी प्राचीन हैं कि उन्होंने न केवल अपनी सभ्यता को आकार दिया, बल्कि आधुनिक भाषाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आइए जानते हैं दुनिया की 5 सबसे प्राचीन भाषाओं के बारे में:
1.संस्कृत
संस्कृत को दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध भाषाओं में से एक माना जाता है. वैदिक संस्कृत, जो कि ऋग्वेद के समय से है, लगभग 1500 ईसा पूर्व से प्रचलित है. यह भाषा न केवल धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों का आधार रही है, बल्कि आयुर्वेद, ज्योतिष, गणित और विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है. संस्कृत को देववाणी भी कहा जाता है, यानी देवताओं की भाषा.
2.सुमेरियन
सुमेरियन भाषा मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता की भाषा थी, जो आज के इराक क्षेत्र में स्थित थी. यह भाषा लगभग 3100 ईसा पूर्व से प्रचलित थी और इसे दुनिया की पहली लिखित भाषा माना जाता है. सुमेरियन लिपि, जिसे क्यूनिफ़ॉर्म कहते हैं, मिट्टी की तख्तियों पर लिखी जाती थी और इसमें प्रशासनिक, व्यापारिक, धार्मिक और साहित्यिक पाठ शामिल होते थे.
3.अक्कादी
अक्कादी भाषा भी मेसोपोटामिया की एक महत्वपूर्ण भाषा थी, जो सुमेरियन के बाद आई। यह भाषा लगभग 2500 ईसा पूर्व से प्रचलित थी और दो प्रमुख बोलियाँ थीं: अश्शूर और बेबीलोन. अक्कादी भाषा क्यूनिफ़ॉर्म लिपि में लिखी जाती थी और इसका उपयोग राजकीय, धार्मिक और साहित्यिक कार्यों में होता था.
4.मिस्री हाइरोग्लिफ़्स
प्राचीन मिस्र की सभ्यता की भाषा मिस्री हाइरोग्लिफ़्स थी, जो लगभग 3300 ईसा पूर्व से प्रचलित थी. यह भाषा चित्रलिपि के रूप में विकसित हुई और मिस्र के स्मारकों, मंदिरों और पिरामिडों पर लिखी जाती थी. हाइरोग्लिफ़्स को पढ़ने और समझने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती थी, और यह प्राचीन मिस्र की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जानकारी का महत्वपूर्ण स्रोत है.
5.तमिल
तमिल भाषा दक्षिण भारत और श्रीलंका की एक प्राचीन द्रविड़ भाषा है, जो लगभग 3000 साल पुरानी मानी जाती है. यह भाषा आज भी जीवित और प्रचलित है और इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है. तमिल साहित्य में संगम साहित्य का विशेष स्थान है, जो प्राचीन तमिल कविताओं का संग्रह है. तमिल भाषा का आधुनिक विज्ञान, गणित और तकनीकी क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान है.
इन प्राचीन भाषाओं ने मानव सभ्यता के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है. वे न केवल सांस्कृतिक धरोहर हैं, बल्कि उन्होंने आधुनिक भाषाओं और समाजों को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन भाषाओं का अध्ययन हमें हमारी सभ्यता की जड़ों से जोड़ता है और उनके माध्यम से हम प्राचीन समाजों की सोच और जीवनशैली को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं.
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