युवा कवि अनुज लुगुन और बांग्ला कवयित्री शीर्षा को दिया जाएगा वर्ष 2024 का केदारनाथ सिंह कविता सम्मान

Kedarnath Singh Kavita Samman : इस वर्ष हिंदी के युवा कवि अनुज लुगुन का चयन किया गया है जबकि भारतीय भाषा से बांग्ला की कवयित्री शीर्षा का चयन हुआ है. पुरस्कार समिति ने सर्वसम्मति से इन दोनों युवा कवियों को सम्मान के लिए चुना है .

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2024 11:59 AM

Kedarnath Singh Kavita Samman : वर्ष 2024 का केदारनाथ सिंह कविता सम्मान हिंदी के लिए अनुज लुगुन और बांग्ला के लिए शीर्षा को दिए जाने की घोषणा हुई है. साखी पत्रिका के संपादक और कविता सम्मान के संयोजक प्रो सदानंद शाही ने इस संबंध में जानकारी दी. पिछले तीन वर्षों से केदारनाथ सिंह कविता सम्मान हिंदी और एक भारतीय भाषा के लिए दिया जाता है. सम्मान के चयन के लिए एक चयन समिति का गठन ए अरविंदाक्षन की अध्यक्षता में किया गया है. निर्णायक मंडल में राजेश जोशी, अरुण कमल, अनामिका तथा मराठी के कवि आलोचक चंद्रकांत शामिल हैं.

सम्मान की घोषणा प्रति वर्ष केदारनाथ नाथ सिंह के जन्मदिन पर की जाती है. इस वर्ष भारतीय भाषाओं में से बांग्ला भाषा के युवा कवि को सम्मानित किया जाना था इसलिए प्रो सोमा बंद्योपाध्याय को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में निर्णायक मंडल में शामिल किया गया था.

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निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से कवियों का चयन किया

प्रो शाही ने बताया कि निर्णय की घोषणा करते हुए समिति के अध्यक्ष प्रो ए अरविंदाक्षन ने एक संक्षिप्त वक्तव्य जारी किया. वक्तव्य में कहा गया है कि केदारनाथ सिंह युवा कविता पुरस्कार के लिए पुरस्कार समिति दो युवा कवियों का चयन करती है. इस वर्ष हिंदी के युवा कवि अनुज लुगुन का चयन किया गया है जबकि भारतीय भाषा से बांग्ला की कवयित्री शीर्षा का चयन हुआ है. पुरस्कार समिति ने सर्वसम्मति से इन दोनों युवा कवियों को सम्मान के लिए चुना है .

अनुज लुगुन को अघोषित उलगुलान के लिए दिया जा रहा है सम्मान

वर्ष 2024 का केदारनाथ सिंह युवा कविता पुरस्कार हिंदी से अनुज लुगुन को उनके काव्य संग्रह अघोषित उलगुलान (2023)तथा बांग्ला से शीर्षा को उनके कविता संग्रह ‘एकटी कालो किंवा सादा बेडालेर कविता गुच्छो’ (2023) के लिए दिया जायेगा. प्रो शाही ने कहा- अनुज लुगुन प्रतिरोध की चेतना के विरल कवि हैं और उनका जीवन राग केदारनाथ सिंह की परंपरा का उज्ज्वल विकास है. शीर्षा की कविताएं जीवनानन्द की परंपरा का विस्तार करती हैं और केदारनाथ सिंह की तरह शब्दों की मितव्ययिता का उदाहरण हैं. फरवरी 2025 में बनारस में आयोजित सम्मान समारोह में दोनों कवियों को पच्चीस हजार रुपये तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया जायेगा.

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