नया साल आ चुका है और इसके स्वागत के लिए लोग उत्साहित हैं. कोई गीत गा रहा है तो कोई मस्ती से झूम रहा है. कवि अपने मन के भावों को कागज पर उकेर रहा है. नया साल जीवन में नई ऊर्जा और नई आशा लेकर आए इसी भावना के साथ पढ़ें शशांक भारद्वाज की यह कविता.
नव वर्ष नव विहान
नव वर्ष नव विहान
नव संकल्प नव संधान
नव लक्ष्य नव उत्साह
नव प्रण नव प्रवाह
नव आशा नव मार्ग
नव विश्वास नव भाव
नव जोश नव साहस
नव प्रयास नव निर्माण नव गीत नव राग
नव ज्योति नव आग
नव स्नेह नव प्रीत
नव स्वप्न नव रीत
नव वर्ष नव आह्वान
नव वर्ष नव विहान.
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