भारतीय समाज में व्याप्त विषमताओं से हरिशंकर परसाई ने जीवन भर संघर्ष किया : डॉ पल्लव

Harishankar Parsai : भारतीय समाज में व्याप्त विषमताओं से अपने लेखन से परसाई जीवन भर संघर्ष करते रहे. वे हिंदी में कथेतर लेखन के पुरस्कर्ता भी थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2024 10:10 PM

हरिशंकर परसाई स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े हिंदी गद्य लेखक हैं. परसाई का लेखन हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाता है. उक्त बातें हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पल्लव ने कही. वे केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, मैसूर केंद्र तथा राजकीय महिला महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा ‘हरिशंकर परसाई का साहित्य: एक पुनर्पाठ’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे. डॉ पल्लव ने कहा कि भारतीय समाज में व्याप्त विषमताओं से अपने लेखन से परसाई जीवन भर संघर्ष करते रहे. डॉ पल्लव ने परसाई को हिंदी में कथेतर लेखन का पुरस्कर्ता भी कहा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और कथेतर विधाओं का गहरा संबंध है जिसे परसाई का लेखन पुष्ट करता है.

हरिशंकर परसाई का साहित्य: एक पुनर्पाठ’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी

हिंदी व्यंग्य के पुरोधा परसाई

केंद्रीय हिंदी संस्थान मैसूर केंद्र के शिक्षक सदस्य डॉ रणजीत भारती ने परसाई की अमर कृति भोलाराम का जीव की विस्तृत चर्चा करते हुए उन्हें हिंदी व्यंग्य का पुरोधा बताया. संगोष्ठी की संयोजिका लेफ्टिनेंट डॉ शबाना हबीब के स्वागत भाषण से शुरू हुई संगोष्ठी का उद्घाटन प्राचार्या अनिला जे इस ने किया. विभागाध्यक्ष डॉ शामिली एम एम की अध्यक्षता में विभिन्न सत्रों में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं शोधार्थियों ने पर्चे प्रस्तुत किए. आई क्यू ए सी के समन्वयक डॉ गोडविन एस के , यूनिवर्सिटी कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक बी , केरल विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ एस आर जयश्री, एम जी कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ गायत्री एन आदि ने संगोष्ठी में विचार व्यक्त किया. डॉ एलिजाबेथ जॉर्ज के धन्यवाद ज्ञापन से उद्घाटन सत्र संपन्न हुआ.

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