Hindi Diwas 2024: आपने पढ़े हैं हिंदी के ये कालजयी उपन्यास !

हिंदी साहित्य के क्लासिक्स की किसी भी तरह की सूची बनाना न्यायसंगत नहीं है, फिर भी हमने एक विनम्र प्रयास किया है, जिससे आप अपने साहित्य संसार को समृद्ध कर सकते हैं...

By Preeti Singh Parihar | September 14, 2024 2:40 PM
an image

Hindi Diwas 2024: हिंदी साहित्य का एक विशाल भंडार है. इस भंडार में ऐसी कई किताबें मौजूद हैं, जो न सिर्फ जीवन की एक दिशा देती हैं, एक ऐसा यथार्थ हमारे सामने प्रस्तुत करती हैं, जो हमें अपने आस-पास के माहौल एक नये नजरिये से देखने की दृष्टि देता है. हम जब हिंदी की कालजयी किताबों की बात करते हैं, तो पाते है कि यह एक जलाशय है, जिसमें से कुछ किताबें चुनना बेहद कठिन है. फिर भी हम अपनी पसंद की कुछ किताबों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें आप अपनी किताबों की सूची में शामिल कर सकते हैं.

गोदान : मुंशी प्रेमचंद

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का 1936 में प्रकाशित यह उपन्यास कृषि जीवन की महागाथा है. अपने समय का सामाजिक दस्तावेज कहा जानेवाला यह उपन्यास आज भी प्रासंगिक है. गोदान होरी की कहानी है. होरी, जो जीवन भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके. अंतत: वह तप-तप के अपने जीवन को होम कर देता है. यह एक तरह से भारतीय किसान की आत्मकथा है, जो आज इक्कीसवीं सदी में भी नहीं बदली है. .

मैला आंचल : फणीश्वरनाथ रेणु

हिंदी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु का पहला उपन्यास मैला आंचल, हिंदी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में गिना जाता है. वर्ष 1954 में प्रकाशित यह उपन्यास दुनिया में उस समय घट रही ऐतिहासिक घटनाओं का एक साहित्यिक दस्तावेज है. मैला आंचल का कथानायक एक युवा डॉक्टर है, जो अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद एक पिछड़े गांव को अपने कार्य-क्षेत्र के रूप में चुनता है तथा इसी क्रम में ग्रामीण जीवन के पिछड़ेपन, दु:ख-दैन्य, अभाव, अज्ञान, अंधविश्वास के साथ-साथ तरह-तरह के सामाजिक शोषण-चक्र में फंसी हुई जनता की पीड़ाओं और संघर्षों से भी उसका सामना होता है. इस उपन्यास की लोकप्रियता का आलम यह है कि अब तक इसे 42 संस्करण आ चुके हैं.

राग दरबारी : श्रीलाल शुक्ल

राग दरबारी का पहला संस्करण 1970 में आया था. राग दरबारी एक ऐसी व्यंग्य-कथा, जिसमें श्रीलाल शुक्ल ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत-दर-परत उघाड़ कर रख दिया है. उपन्यास का मुख्य पात्र इतिहास का छात्र रंगनाथ अपने गांव का दौरा करता है और विश्वविद्यालय में सीखे गये आदर्शों और अपने चाचा, ग्राम प्रधान और उनकी प्रथाओं के बीच अंतर को नोटिस करने के लिए वहां रहता है. इस गांव में तीन मुख्य संस्थाएं हैं. इनमें एक है-गांव का इंटर कॉलेज, दूसरा है गांव की पंचायत और तीसरी है- को-ऑपरेटिव सोसायटी. वैसे देखा जाए, तो ये तीनों संस्थाएं न केवल किसी भी भारतीय गांव के सबसे प्रमुख संस्थाएं हैं, बल्कि ये हमारे देश की लोकतंत्र की नर्सरियां भी हैं.

गुनाहों का देवता : धर्मवीर भारती

अब तक के सबसे मार्मिक रोमांटिक उपन्यासों में से एक यह उपन्यास पहली बार 1949 में प्रकाशित हुआ था. गुनाहों का देवता एक जटिल प्रेम कहानी है, जो रोमांटिक संबंधों की सामान्य अवधारणाओं को चुनौती देती है, जो इसे मानव अस्तित्व के दायरे से आगे ले जाती है. उपन्यास की मुख्य जोड़ी चंदर और सुधा बचपन से ही एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन एक-दूसरे से शादी नहीं करते. यह किताब इस प्रक्रिया और उससे परे खोये और पाये गये प्यार का पता लगाती है.

वे दिन : निर्मल वर्मा

हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार निर्मल वर्मा का चेकोस्लोवाकिया प्रवास के दिनों का उपन्यास वे दिन एक अलहदा प्रेम कहानी है. निर्मल के लेखन की खासियत उनके पात्र से ज्यादा वह परिवेश है, जिसमें उनके पात्र सांस लेते हैं. निर्मल वर्मा के लेखन का प्रतिनिधि कहा जानेवाला वे दिन हिंदी के श्रेष्ठ उपन्यासों में गिना जाता है. यह उपन्यास अमेजॉन किंडल पर 128 रुपये में खरीदकर पढ़ा जा सकता है. इस उपन्यास के पात्र चेकोस्लोवाकिया की बर्फ-भरी सड़कों पर अपने लगभग अपरिभाषित प्रेम के साथ घूमते हुए जब पन्नों पर उद्घाटित होते हैं, तो हमें एक टीसती हुई-सी सांत्वना मिलती है, कि मनुष्य होने का जोखिम लेने के दिन अभी चुके नहीं हैं.

इसे भी पढ़ें : Hindi Literature : संत तुकाराम की रचनाएं पढ़ें हिंदी में

Exit mobile version