Hindi Literature : संत तुकाराम की रचनाएं पढ़ें हिंदी में

संत तुकाराम 17वीं सदी के महान संत कवि थे. उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जनता को जागृत और शिक्षित किया. कवि राजेंद्र धोड़पकर ने उनकी चुनिंदा रचनाओं का हिंदी में अनुवाद किया है, जिन्हें पाठक 'तुका आकाश जितना' में पढ़ सकते हैं...

By Preeti Singh Parihar | September 3, 2024 6:38 PM

Hindi Literature : महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की शुरुआत करनेवाले संत तुकाराम भक्ति के अभंग पदों के लिए प्रसिद्ध हैं.  संत तुकाराम ने अपने अभंग (जिन्हें भक्ति गीत कहा जाता है) और कीर्तन के जरिये बड़े पैमाने पर लोगों को जागृत करने का काम किया था. कहा जाता है कि उनकी असाधारण आध्यात्मिकता ने उन्हें भौतिकवादी दुनिया की तमाम बाधाओं के बावजूद आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलते रहने से नहीं रोका. उनकी रचनाएं मराठी लोकजीवन, भाषा और साहित्य का अहम हिस्सा हैं.

संत तुकाराम की रचनाओं का हिंदी अनुवाद

हाल ही में संत तुकाराम की चुनिंदा रचनाओं के हिंदी अनुवाद की एक पुस्तक आयी है- ‘तुका जितना आकाश- संत तुकाराम की कविताएं’. मूल रूप से मराठी में लिखी गयी इन कविताओं का अनुवाद किया है कार्टूनिस्ट और पत्रकार राजेंद्र धोड़पकर ने. आज भी असंख्य लोग संत तुकाराम को अपने सुख-दुख का साथी पाते हैं, क्योंकि वह समाज की बुराइयों और सामाजिक व्यवस्था की खामियों पर अपने भक्ति पदों के माध्यम से चोट करते थे. रुख पब्लिकेशन से प्रकाशित इस संग्रह में उनकी सौ से अधिक कविताओं का अनुवाद है. संत तुकाराम की ‘अभंग’ (भक्ति कविता) का दिलीप चित्रे द्वारा किया गया अंग्रेजी अनुवाद ‘सेज तुका’ बहुत पहले आ चुका था. वर्ष 1994 में दिलीप चित्रे को इसके लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था. हिंदी में अनुदित संत तुकाराम की ये रचनाएं हिंदी के पाठकों के लिए एक आइने की तरह हैं, जो स्वयं को अपने भीतर झांकने का मौका देती हैं.

पढें इस पुस्तक की चुनिंदा रचनाएं

कर्म

कोई अज्ञान के कारण भटक गया
कोई ज्ञान के कारण बहक गया.
गूंगा बोल नहीं पाए
लेकिन बेअक्ल वाचाल कहां बेहतर.
दोनों ओर भटकाव
इधर कुआं, उधर खाई.
तुका कहे, तेरा कर्म,
तुझे जानने न दे मर्म.

हम किस्मतवाले

हम किस्मतवाले, हम किस्मत वाले,
हमारे लोटे-बरतन सूखे कुम्हड़े के.
लोगों के घर गाय-भैंस
हमारे घर चूहे और मूस.
लोगों के घर हाथी-घोड़े
हमारे लिए जूते रूखे चमड़े के.
तुका कहे, हम फटेहाल
हमें देखकर डरे काल.

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