प्रभात खबर के दीपावली विशेषांक में रोमिशा ने मैथिली में दो कविताएं लिखीं हैं. दोनों कविताएं स्त्रियों पर आधारित हैं. पहली आंचलिक कविता का शीर्षक है- माय और दूसरी का- एना त’ नहि होएबाक चाही.
सभ्यता कें नाँघि
अप्पन ऊपर गंहीर होइत
निराशा आ बाँझपनक
मिथ्या आरोपक प्रतिरोधमे
जखन कोनो कोमलांगि
मात्र पत्नी नहि रहि
अपन गर्भ कें
शाश्वत प्रेमक गह्वर बना
पूजित होमए देब’ चाहैत अछि
अप्पन जीवन मे ममता कें
तखने एहेन पवित्र समय मे
कठपुतरी जकाँ ओकरा नचैत नहि देख
तथाकथित सभ्य समाजक
एकटा नपुंसक पति कें
होइत अछि मंशा
बहुत किछु करबाक
जे कि अपवित्र अछि
ओ अप्पन मनक
सुनगैत लाक्षागृह मे
भस्म क’ देब’ चाहैत अछि
अग्निक सोझां सप्तपदी ल’
पत्नी बनल स्त्रीक अस्तित्व कें
जखन कि गाएल जाइत रहैत अछि
बच्चा जच्चाक लेल सोहरि
आ बांटल जा रहल होइछ मधुर
जखन कि ओहि घर सँ
आबि रहल होइछ
गेल्ह सभक चाँय चाँय के अवाज
जखन कि बिहुँसैत अछि
पाथड़ पर उगि आयल फूल
आ नेनाक मुंह देखितहि
निकसि पड़ैत अछि
मायक आँखि से सुखक झरना
जाहि सँ भ’ जाइत अछि
दू कुलक व्याकुल चिंता शांत
ठीक ओहि पल ओहि क्षण
ओहि नेनाक तथाकथित पिता
चाहैत अछि खोआ दिय’
कोनो बिखाह लड्डू
सोहर मे हँसैत अप्पन पत्नी कें
जाहि सँ जीवित रहए
पूरा मर्दानगीक संग
ओ एकटा पिता बनि
मुदा ओहि क्षण
नवजात नेना कें
अप्पन कोरा मे लैते
ओ स्त्री बनि जाइत अछि
कहियो नहि हारय बाली शक्ति
‘माय’.
देखैत अछि ओ जखन
अपन खिड़की सँ बाहर
छितरायल इजोरिया आ
पूरबाक सिहकी मे
जुआन होइत रातुक
तरेगन सँ भरल
लहराइत आँचर
त’ डसय लगैत छै ओकरा
अजोध साँप बनि
धप्प – धप्प छिटकैत
इजोरियाक रहस्यमय दाँत
कतहु कोनो ओछाइन पर
करौट फेरैत ओकर एकांत मे
इच्छा सँ भरल ओकर हृदय
फाटि जाइत अछि
तीरा-मीराक जुआयल फर सन
चन्द्रमाक अहर्निश इजोतक आलोक मे
आ अकस्मात बहरा जाइत छै
सृजनक अद्भुत संभावना
मुदा संभावना रहितहु
परिस्थितिक समक्ष छटपटाइत
घोषित होइत छथि ओ बाँझ
जुआन होइत राति मे
जुग-जुग सं अभिशप्त
ओहेन स्त्रीक नस नस मे
भोंकाइत अछि
मैथिल संस्कृति आ
संस्कारक भालाक नोक
ओहेन स्त्रीक नोर
बहैत अछि दहाबोह
नोरक उमड़ल धार मे
स्वयं ओ जरबैत अछि
दीप -शिखा अपन पुण्यक
जरा केँ अपन संपूर्ण जीवन
नहि जानि केकरा लेल
नहि जानि किएक
निसबध राति मे गबैत अछि
ओ स्त्री सभ एहेन लोरी
जेकर प्रेममे डूबल बोल
पघिलल शीशा जकाँ
पड़ैत अछि ओकरहि कान मे
आ बियाहल कुमारि बनल ओ
नदीक लहरि सन बहैत, बढ़ैत
उघि लैत अछि परंपराक नाह
कुलीन पुतहु आ बेटी बनल
जखन की नहि बनैत अछि
ओकर शरीर केकरो पत्नी
आ नहि जुराइत अछि आत्मा माय बनि.
रोमिशा, संपर्क : लोटस, सेक्टर-168, टावर-4, फ्लैट नंबर-1705, नोएडा-201305, उत्तर प्रदेश, मो. – 9810882109