कलमकारी उत्सव में बोलीं ममता कालिया- सपनों को आकाश देता है हिन्दू कॉलेज

कलमकारी उत्सव में ऐसे लेखकों को आमंत्रित किया गया था जो हिंदू कॉलेज से पढ़े चुके हैं. आयोजन में भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने देशबंधु कॉलेज से हिंदू कॉलेज की अपनी यात्रा के रोचक संस्मरण सुनाए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2024 8:38 PM
an image

‘हिन्दू कॉलेज ने हमें उड़ान भरने के लिए पंख दिए. इतने वर्षों बाद भी यह अहसास रोमांचित कर देता है कि मैं इस कालेज की छात्रा रही हूं.’ प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया ने हिंदू कालेज की स्थापना के 125 वर्ष की महोत्सव शृंखला में आयोजित कलमकारी उत्सव को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, यहां के अध्यापकों और शिक्षा के वातावरण ने उनके लेखन को बड़ा आधार दिया.

हिंदू कॉलेज से पढ़े लेखकों को कलमकारी उत्सव में किया गया था आमंत्रित

कलमकारी उत्सव में ऐसे लेखकों को आमंत्रित किया गया था जो हिंदू कॉलेज से पढ़े चुके हैं. आयोजन में भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने देशबंधु कॉलेज से हिंदू कॉलेज की अपनी यात्रा के रोचक संस्मरण सुनाए. उन्होंने अपनी प्रकाशित पुस्तक ऑर्डनरी लाइफ का उल्लेख करते हुए बताया कि इस कॉलेज के वातावरण ने उन्हें प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ कलमकारी की भी प्रेरणा दी.

साहित्य प्रेम का बीजारोपण इसी परिसर में हुआ

अंग्रेजी लेखक रूपम कपूर ने अपने विद्यार्थी जीवन के कुछ गुदगुदाने वाले प्रसंग साझा किए जिन्हें वे आज भी याद करते हैं. ‘देह ही देश’ जैसी चर्चित यात्रा डायरी की लेखिका एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी की प्रोफेसर डॉ गरिमा श्रीवास्तव ने भावुक होते हुए कहा कि वे आज भी इसी कॉलेज की छात्रा हैं. उन्होंने अपने प्रिय शिक्षकों एवं मित्रों को याद करते हुए कहा कि उनके साहित्य प्रेम का बीजारोपण इसी परिसर में हुआ है जिसे वे कभी भूल नहीं सकतीं. अंग्रेजी के युवा लेखक चंद्रहास चौधरी ने लेखन और समाज के बुनियादी रिश्तों की चर्चा करते हुए कहा कि सामाजिक मूल्यों की उपस्थिति से ही साहित्य में वास्तविक अर्थ आता है. उन्होंने भी अपने समय के शिक्षकों को याद करते हुए कॉलेज के अवदान का ऋण स्वीकार किया.

Exit mobile version